सीएए लागू होने के खिलाफ असम में प्रदर्शन - protests against CAA
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Published : Mar 11, 2024, 10:17 PM IST
|Updated : Mar 11, 2024, 10:28 PM IST
नागरिकता (संशोधन) कानून सोमवार को देशभर में लागू हो गया. CAA लागू होने के बाद पूरे असम में विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया है. ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) समेत विभिन्न पार्टियों और संगठनों ने इस कानून का कड़ा विरोध किया है. राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व में गठित विपक्षी एकता मंच ने भी इस कानून का कड़ा विरोध किया है. एएएसयू के मुख्य सलाहकार डॉ. समुज्जल कुमार भट्टाचार्य ने कहा, 'सत्याग्रह आंदोलन होगा. एनईएसओ या नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन पूरे उत्तर पूर्व में आंदोलन जारी रखेगा. शांतिपूर्ण आंदोलन और इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई जारी रहेगी.' उन्होंने कहा, 'हमारे पास विरोध करने का अधिकार है. सरकार हमें वहां प्रताड़ित नहीं कर सकती. हम लोगों की सलाह पर काम करेंगे.' वहीं, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष उत्पल शर्मा ने कहा, 'हम पहले से ही 24 मार्च 1971 तक आए विदेशियों का बोझ उठा रहे हैं. इसके बाद फिर 31 दिसंबर 2014 तक आए विदेशियों का बोझ उठाना पड़ रहा है. यह किसी भी कारण से स्वीकार्य नहीं है.' असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया ने कहा- 'भाजपा सरकार आज सीएए लागू करके असम और असमिया लोगों की रक्षा करने और असम समझौते को अक्षरश: लागू करने के अपने वादों से मुकर गई है. वे वही हैं जिन्होंने असमिया लोगों को फिर से धोखा दिया है, उन्होंने असम समझौते का उल्लंघन किया है.' नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी भी सीएए के खिलाफ जोरदार आंदोलन चलाएगी. असम जातीय परिषद (एजेपी) के अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई ने कहा- 'सरकार ने असमिया लोगों के साथ बहुत अन्याय करके सीएए लागू किया है. यह नस्लवादी कानून असम के लोगों की भाषा, संस्कृति, राजनीतिक भविष्य, भाषाई, सांस्कृतिक और आर्थिक भविष्य को खत्म करके असम पर थोपा गया है.' उधर, केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) लागू किए जाने के कुछ घंटों बाद सोमवार को दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया, जिसके कारण परिसर में भारी पुलिस तैनात किया गया.