तिरुपति से अयोध्या के लिए निकला विशेष रथ पहुंचा रीवा, 180 किलो सोने से जड़े श्रीराम यंत्र की जानिए खासियत
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रीवा: आंध्रप्रदेश के तिरुपति में स्थित कांचीपुरम पीठ से 27 अक्टूबर को शुरू हुई श्रीराम महायंत्र यात्रा रीवा पहुंची. यात्रा में एक भव्य मंदिर की आकृति वाला विशेष रथ तैयार किया गया है. रथ के अंदर मां कामाक्षी की प्रतिमा और 180 किलोग्राम का सोने से जड़ा श्रीराम यंत्र रखा गया है. शनिवार की दोपहर यह रथ रीवा से प्रयागराज के रास्ते से हुए रामलला की नगरी अयोध्या के लिए रवाना होगा. धर्म प्रचारक श्रीरामचंद्र जी ने बताया कि "इस राम महायंत्र में राम बीजाक्षर मंत्र है. अयोध्या राम मंदिर के निर्माण के बाद आयोजित प्राण प्रतिष्ठा के दौरान कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य श्री विजयेंद्र सरस्वती स्वामी राम मंदिर गए तब उन्होंने इसी राम बीजाक्षर मंत्र को पढ़कर रामलला विग्रह को प्राण दिए थे. यात्रा के माध्यम से लाए गए श्रीराम महायंत्र में जिन वैदिक मंत्रों का उच्चारण है वह प्राण देने का मंत्र है. कांचीपुरम में स्थापित प्राचीन काल का यंत्र जिसकी महाऋषि दुर्वासा ने पूजा की थी. शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती के निर्देश पर वर्तमान में बनवाया गया नया 180 किलोग्राम सोने जड़ित श्रीराम यंत्र प्राचीन काल के यंत्र की तरह है. 40 दिनों तक 1000 वैदिक पंडित अयोध्या में महायज्ञ करके राम जन्मभूमि पर समर्पित किया जाएगा." श्रीराम महायंत्र की कीमत लगभग 126 करोड़ रुपये से ज्यादा है.