हैदराबाद: हाल ही में जानकारी सामने आई थी कि Tesla भारत में अपना प्लांट स्थापित करने के लिए जमीन की तलाश शुरू करने वाली है, वहीं दूसरी ओर अब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक Tesla ने इस साल के अंत में भारत में निर्यात के लिए जर्मनी में अपने प्लांट में राइट-हैंड ड्राइव कारों का उत्पादन शुरू कर दिया है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार कंपनी दुनिया के तीसरे सबसे बड़े कार बाजार में संभावित प्रवेश के लिए तेजी से काम कर रही है.
रिपोर्ट की माने तो बर्लिन में राइट-हैंड ड्राइव कारों के उत्पादन शुरू करना भारत में शिपमेंट की योजना का पहला संकेत है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Tesla चीन ने शंघाई प्लांट में भी अपनी कारों का उत्पादन करता है, जिन्हें ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे राइट-हैंड-ड्राइव बाजारों के लिए बनाया जाता है.
बता दें कि Tesla ने यूके में अपने लॉन्च के लिए राइट-हैंड ड्राइव Tesla Model Y कारों को चीन से आयात किया है. हालांकि कंपनी इस बात की जानकारी नहीं दी कि क्या यह बर्लिन से आयात करने के लिए स्थानांतरित हो गया है या नहीं.
Tesla की कई सालों से भारतीय बाजार पर नज़र बनी हुई है और इसके अधिकारियों ने पिछले कुछ सालों में कई बार भारत का दौरा किया है. कंपनी के सीईओ Elon Musk ने पिछले साल जून में न्यूयॉर्क में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी. Tesla का भारत में प्रवेश ऐसे समय में हो रहा है, जब इसके मुख्य यूएस और चीन के बाजारों में ईवी की धीमी मांग चीनी कंपनियों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के साथ मेल खाती है.
भारत का ईवी बाजार, छोटा लेकिन तेजी से बढ़ रहा है. फिलहाल यहां के ईवी बाजार पर स्वदेशी कार निर्माता कंपनी Tata Motors का दबदबा है. साल 2023 में कुल कारों की बिक्री में इलेक्ट्रिक मॉडलों की हिस्सेदारी 2 प्रतिशत थी, लेकिन सरकार 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री के लिए 30 प्रतिशत का लक्ष्य लेकर चल रही है.
जनवरी में, Tesla के वियतनामी प्रतिद्वंद्वी विनफास्ट ने भारत में 2 बिलियन डॉलर का निवेश करने पर सहमति व्यक्त की थी. हाल ही में जानकारी सामने आई थी कि कंपनी इस माह के अंत में अपने अधिकारियों की एक टीम को भारत में प्लांट स्थापित करने के लिए जमीन की तलाश करने के लिए भेजने वाली है. माना जा रहा है कि Tesla तमिलनाडु राज्य में एक ईवी फैक्ट्री का निर्माण शुरू करेगी.