नई दिल्ली: एक तरफ उत्तर भारत में भयंकर गर्मी पड़ रही है तो वहीं दूसरी ओर मानसून देश कुछ इलाकों में दस्तक देने वाला है. इस बीच मौसम विभाग (IMD) ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अगले 48 घंटों में गुजरात में प्रवेश कर सकता है. इसके कारण यहां अच्छी बारिश हो सकती है.
बारिश होने के साथ मच्छर लोगों को परेशान करने लगते हैं. ऐसे में मच्छरों से छुटकारा पाने के लिए लोग तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं. मच्छर से बचने के लिए लोग घरों में इलेक्ट्रिक मॉस्कीटो रेपेलेंट डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं.
यह मशीन बिजली से चलती हैं. पर क्या आपने कभी सोचा है कि यह मशीनें कितनी बिजली खाती हैं? अगर आपने इन्हें खरीदते समय या इस्तेमाल करते समय इस बारे में नहीं सोचा तो कोई बात नहीं आज हम आपको इस बारे में बताने जा रहे हैं.
कितनी बिजली खर्च करती है?
आमतौर पर मच्छर मारने वाली मशीन 5 से 7 वाट तक बिजली का इस्तेमाल करती है. यह लगभग उतनी ही बिजली की कन्ज्यूम करती हैं, जितना एक नाइट बल्ब करता है. हालांकि, LED के आने के बाद अब नाइट बल्ब पहले के मुकाबले कम वॉट के आते हैं.
बता दें कि इलेक्ट्रिक मॉस्कीटो रेपेलेंट डिवाइस मशीन रोजाना 8 घंटे तक इस्तेमाल करने पर करीब आधा यूनिट बिजली खत्म करती और अगर आप इसे पूरे महीने यूज करते हैं तो यह लगभग 15 यूनिट बिजली खर्च करती है.
कैसे काम करती है मशीन
यह मशीन एक हीटर की तरह काम करती है. इसमें लिक्विड होता है लिक्विड में एक रॉड लगी होती जो मशीन और लिक्विड के बीच कनेक्शन बनाती है. मशीन में लगी रॉड गर्म हो जाती है और मशीन रिफिल में मौजूद लिक्वविड को पूरे कमरे में फैला देती है. इन मशीन से आसानी से मच्छर भाग जाते हैं.
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