हैदराबाद: आज के डिजिटल युग में आप घर बैठे ही अपनी बाइक का बीमा करा सकते हैं. मोबाइल पर बस कुछ स्टेप्स और आपकी गाड़ी इंश्योर्ड हो जाती है. लेकिन कई बार लोग टू-व्हीलर बीमा लेते हुए कुछ गलतियां कर देते हैं, जिसके चलते उनके वाहन का बीमा ठीक तरह से नहीं हो पाता और जरूरत पड़ने पर वह बीमा काम नहीं आता है. यहां हम आपको 5 ऐसे प्वाइंट्स बताने जा रहे हैं, जिन्हें आपको टू-व्हीलर इंश्योरेंस लेते समय ध्यान रखने चाहिए.
1. इंश्योरेंस का प्रकार
दोपहिया वाहनों का बीमा दो प्रकार का होता है. व्यापक बाइक बीमा पॉलिसी जिसे कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस भी कहते हैं और तृतीय-पक्ष यानी थर्म-पार्टी बाइक इंश्योरेंस पॉलिसी. यहां पर आपको यह देखना होगा कि आपको किस तरह के इंश्योरेंस की जरूरत है. थर्ड-पार्टी पॉलिसी में आपको केवल थर्ड-पार्टी को होने वाले नुकसान या चोट से कवर दिया जाता है.
वहीं एक कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी में आपको थर्ड पार्टी के नुकसान के साथ-साथ खुद के नुकसान यानी आपकी बाइक को हुए नुकसान के लिए भी कवर दिया जाता है. विशेषज्ञों की माने तो व्यक्ति को हमेशा कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी ही खरीदनी चाहिए, क्योंकि यह अधिक कवरेज प्रदान करती है और दुर्घटना की स्थिति में आपको बड़ी रकम खर्च से बचाती है.
2. आपके दोपहिया वाहन की वैल्यू
दूसरा प्वाइंट, जो ध्यान रखना होता है, वह है आपकी बाइक या स्कूटर की वैल्यू. आपके वाहन का मौजूदा बाजार मूल्य आपकी कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम की गणना का आधार बनता है. इंश्योरेंस की जुबान में कहें तो इस कीमत को बीमाकृत घोषित मूल्य (आईडीवी) कहा जाता है. बाइक बीमा पॉलिसी खरीदते समय आपको अपनी बाइक की आईडीवी सेट करनी होती है.
3. कवरेज
दोपहिया वाहन के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय अपनी बाइक इंश्योरेंस पॉलिसी के कवरेज को जानना और समझना भी बहुत जरूरी है. अगर आप अपनी पॉलिसी द्वारा प्रदान किए गए कवरेज को समझते हैं, तो समय आने पर आपके लिए दावा करना आसान हो जाता है. तो इश्योरेंस लेते समय इन प्वाइंट्स का ध्यान जरूर रखना चाहिए.
- चोरी से सुरक्षा कवर
- आग से हुई क्षति से कवर
- बाढ़, भूकंप, भूस्खलन आदि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली क्षति से कवर
- दंगों, बर्बरता आदि जैसी मानव निर्मित आपदाओं के कारण हुई क्षति से कवर
- तीसरे पक्ष की क्षति का कवर
- तृतीय-पक्ष का कानूनी दायित्व
- दुर्घटनाओं से हानि का कवर
4. पॉलिसी का बहिष्कार
जहां एक ओर आपको पॉलिसी के कवरेज को जानना बेहद जरूरी है, वहीं आपको पॉलिसी के बहिष्करणों को भी जानना चाहिए. आपको अपनी पॉलिसी की उन परिस्थितियों के बारे में जानकारी होनी चाहिए, जिनमें आप अपनी पॉलिसी पर दावा नहीं कर सकते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब आप वाहन की पॉलिसी खरीदते हैं, तो इसके दस्तावेज़ों में बहिष्करणों की लिस्ट भी होती है.
- मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल खराबी में कवरेज नहीं मिलता
- नियमित टूट-फूट के लिए भी कवरेज नहीं मिलता
- किसी नशीले पदार्थ के प्रभाव में दोपहिया वाहन चलाते समय दुर्घटना होने पर भी कवरेज नहीं दिया जाता
- भौगोलिक सीमा के बाहर होने पर क्षति होने पर भी पॉलिसी कवर नहीं करती
- परमाणु प्रतिक्रियाओं के कारण हुई क्षति के लिए बीमा कंपनी भुगतान नहीं करती
- पॉलिसी दस्तावेज़ में बहिष्करण के रूप में उल्लिखित कोई अन्य स्थिति होने पर भी कवरेज नहीं दिया जाता
5. इंश्योरेंस पॉलिसी देने वाली बीमा कंपनी की विश्वसनीयता
बीमा लेते समय एक और बात, जिसका ध्यान आपको रखना होता है, वह है बीमा कंपनी की विश्वसनीयता. वाहन का बीमा लेते समय आपको हमेशा किसी विश्वसनीय बीमाकर्ता कंपनी ने बीमा कराना चाहिए. सही बीमा कंपनी का चयन आपको क्लेम के समय मददगार साबित होता है. यदि टर्नअराउंड समय, सेवाएं, उत्पाद सुविधाएं आदि स्टैंडर्ड के अनुरूप नहीं हैं, तो ज़रूरत के समय आपको समस्या हो सकती है.