जोधपुर. राज्य विधानसभा में गुरुवार को शून्यकाल में विधायकों ने अलग-अलग मुद्दे उठाए. इनमें बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा ने आदिवासी क्षेत्रों में नवजातों को बेचने का मामला उठाया. शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने प्रदेश में फिर से छात्रसंघ चुनाव करवाए जाने की मांग की. बीकानेर के विधायक जेठानंद व्यास ने बिजली कंपनी की अनियमितताओं पर कार्रवाई की मांग की.
शून्यकाल में नियम 295 के तहत शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि विगत सरकार ने कुलपति समिति की सिफारिश पर छात्रसंघ चुनावों पर रोक लगा दी थी. समिति ने नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में छात्रसंघ चुनाव का बाधक बताते हुए अपनी सिफारिश दी थी. जबकि यह तर्क बिलकुल सही नहीं है. भाटी ने कहा युवा देश का भविष्य है. ऐसे में नेतृत्व विकास के लिए छात्रसंघ चुनाव आवश्यक है. यह चुनाव नीति निर्धारण में युवाओं की भागीदारी तय करते हैं. भाटी ने कहा कि आज के समय में ज्यादातर नेता छात्र राजनीति से आते हैं. आज भी सदन में कई सदस्य ऐसे हैं जिन्होंने छात्र राजनीति से शुरूआत की थी. ऐसे छात्रसंघ चुनाव नितांत आवश्यक है. लोकतांत्रिक व्यवस्था में छात्रसंघ चुनाव अनिवार्य है.
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बच्चे बेचे जाने को राजनीति से: बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा ने मीडिया रिपेार्ट्स के आधार पर सदन में आदिवासी क्षेत्रों में नवजात व गर्भस्थ बच्चों के बेचे जाने का मामला उठाया. इस पर सदन में एक बार हंगामा भी हुआ. बाद में मंत्री गजेंद्र सिंह खिंवसर ने जवाब भी दिया. विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि इस मामले को राजनीति से जोड़ने की आवश्यकता नहीं है. सरकार कुछ नहीं कर रही है. राज्य मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष को प्रसंज्ञान लेना पड़ा. सरकार की ओर से कुछ नहीं किया जा रहा है.
मंत्री खिंवसर ने कहा कि कुल चार मामले दर्ज हैं. इनमें तीन तो 2023 के हैं. 2024 का एक मामला है. जब मां-बाप ही बच्चे बेचने लग जाएं, तो कोई क्या कर सकता है? हमें सामाजिक जागृति लानी होगी. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि मंत्रीजी के इलाके का मामला है. जिन्होंने कहा था कि ज्यादा बच्चे पैदा करो. क्या उन्होंने इसलिए यह बात कही थी. इस पर सदन में थोड़ा हंगामा भी हुआ.
बिकानेर बिजली कंपनी की अनियमिताओं की जांच होगी: बीकानेर पश्चिम के विधायक जेठानंद व्यास ने बीकानेर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी की अनियमितताओं का मुद्दा उठाते हुए विपक्ष पर आरोप लगाया कि आपके नेता की सिफारिश पर ठेके हुए थे. राजनीतिक प्रभाव से लोग लगाए हुए हैं. कंपनी के साथ सरकार के एमओयू में स्पष्ट है कि एक घंटे से ज्यादा बिजली जाने पर जनरेटर से आपूर्ति की जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. बिना कारण के ही बिजली काटी जा रही है. घरों से मीटर उखाड़ कर ले जाते हैं और बाद में विजीलेंस के नाम पर शोषण करते हैं. इस पर उर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने मामले की पूरी जांच करवाने का आश्वासन दिया. इस दौरान विपक्ष ने टोकाटाकी करना शुरू कर दिया. नागर ने कहा कि कोटा की कंपनी की भी जांच करवाएंगे. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने उर्जा मंत्री से अजमेर में काम कर रही टाटा कंपनी की भी जांच करवाने की बात कही.