भरतपुर : अपने ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए प्रख्यात भरतपुर संभाग, अब साइबर अपराध के हॉटस्पॉट के रूप में उभर रहा है. आधुनिक तकनीक और डिजिटलाइजेशन जहां एक ओर लोगों के लिए सहूलियतें लेकर आए हैं, वहीं दूसरी ओर इसका दुरुपयोग करके अपराधियों ने नई चुनौतियां पैदा कर दी है. बीते एक साल में भरतपुर संभाग के छह जिलों में 1930 पोर्टल पर साइबर अपराध की 5006 शिकायत प्राप्त हुईं, जिसमें ठगी की कुल राशि 25 करोड़ 87 लाख 17 हजार 217 रुपए तक पहुंच चुकी है.
भरतपुर-डीग में 1214 अपराधी गिरफ्तार : संभाग के 6 जिलों में आईजी राहुल प्रकाश के निर्देशन में ऑपरेशन एंटी वायरस के तहत साइबर अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. इसी के तहत बीते एक साल में पुलिस विभाग ने कड़ी मेहनत कर संभाग के पीड़ितों के 77 लाख 59 हजार 28 रुपए की राशि वापस कराई है. भरतपुर और डीग जिलों में पुलिस ने विशेष अभियान चलाते हुए एक साल में 1214 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. भरतपुर एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि युवाओं के महंगे शौक और जल्दी पैसा कमाने की चाहत उन्हें साइबर अपराध की ओर धकेल रही है. यह समाज के लिए बेहद चिंताजनक स्थिति है.
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रूप बदल रहा साइबर अपराध : एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि साइबर अपराध अब कई अलग-अलग तरीकों से हो रहा है. अपराधी नई-नई योजनाओं के तहत लोगों को ठग रहे हैं.
- OLX ठगी: ऑनलाइन सामान बेचने या खरीदने के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा है.
- फर्जी नौकरी के झांसे: बेरोजगारों को आकर्षक नौकरी का झांसा देकर ठगी की जा रही है.
- सेक्सटॉर्शन: अश्लील सामग्री का सहारा लेकर लोगों को ब्लैकमेल किया जाता है.
- साइबर अरेस्ट: अपराधी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं और ठगी करते हैं.
जागरूकता और समाज की जिम्मेदारी : एसपी कच्छावा ने कहा कि पुलिस विभाग ऑपरेशन एंटी वायरस के तहत लगातार साइबर अपराधियों पर नकेल कस रहा है. इसके साथ ही समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं. हालांकि, केवल पुलिस के प्रयास पर्याप्त नहीं है. समाज को भी आगे आकर जिम्मेदारी उठानी होगी और युवाओं को सही राह दिखानी होगी.