जयपुर: विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग को लेकर अब आम आदमी पार्टी (आप) की यूथ विंग ने प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. यूथ विंग के जयपुर जिलाध्यक्ष अपूर्व मिश्रा ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने छात्रसंघ चुनाव में हार और उससे बनने वाले नेरेटिव के डर से कांग्रेस ने छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाए थे. उस समय भाजपा के कई नेताओं ने छात्रसंघ चुनाव करवाने की वकालत की थी. लेकिन अब सत्ता में आने के बाद भाजपा ने भी इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है.
अपूर्व मिश्रा ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 2023 में हार के डर से छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाए थे. उस समय डॉ किरोड़ीलाल मीणा जैसे नेताओं ने सत्ता में आने पर छात्रसंघ चुनाव करवाने का दावा किया था. लेकिन अब सत्ता में आने के बाद भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे से कन्नी काट ली है.
बल और छल से छात्रों की आवाज दबाने का प्रयास: अपूर्व मिश्रा ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग को लेकर जब छात्रों ने आवाज उठाई तो सरकार ने पुलिस के बल से छात्रों की आवाज को दबाने का प्रयास किया. लेकिन जब सफल नहीं हुए तो छल का सहारा लिया गया. उच्च शिक्षा मंत्री ने अपने विभाग का कैलेंडर जारी किया. जिसमें अगस्त में छात्रसंघ चुनाव करवाए जाने की बात कही गई थी. लेकिन अब सितंबर पूरा होने को है. लेकिन छात्रसंघ चुनाव को लेकर कोई सुगबुहाहट तक नहीं है.
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अकेले राजस्थान विश्वविद्यालय में 60 लाख का फंड: उन्होंने कहा कि अकेले राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के नाम पर छात्रों से 60-70 लाख रुपए लिए गए हैं. अब या तो सरकार यह साफ करे कि छात्रसंघ चुनाव कब होंगे. अगर छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाए जाते हैं, तो इसके लिए छात्रों से वसूली गई राशि उन्हें वापस लौटाई जानी चाहिए. साथ ही भाजपा को स्टूडेंट्स से माफी भी मांगनी चाहिए कि चुनाव से पहले जो वादा किया. उसे पूरा नहीं किया गया.
एबीवीपी की हार का डर: जब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा दिल्ली में छात्रसंघ चुनाव करवाने को लेकर पर्ची लिखते हैं तो वहां से उन्हें डांट दिया जाता है. लोकसभा चुनाव में राजस्थान की जनता ने भाजपा को नकार दिया है. आने वाले समय में प्रदेश में 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी होने हैं. सीएम किसी भी सूरत में यह नहीं चाहेंगे कि छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी की करारी हार हो और उसका ठीकरा भी उन पर फूटे. आम आदमी पार्टी हर परिस्थिति में छात्रों के साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उपचुनाव में भी भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ेगा.
भाजपा और भाजयुमो भी चल रहे हैं रिमोट से: दो दिन पहले किस तरीके से भाजयुमो की प्रदेश कार्यकारिणी की एक सूची आती है और कुछ मिनट बाद सूची वापस ले ली जाती है. अब तक माना जा रहा था कि राजस्थान में सरकार दिल्ली से रिमोट के जरिए चल रही है. लेकिन अब सामने आ गया है कि भाजपा और भाजयुमो के प्रदेशाध्यक्ष भी दिल्ली से रिमोट कंट्रोल के जरिए चल रहे हैं. भाजपा रिमोट के जरिए अपने नेताओं को चुप करने का काम कर रही है. अगर प्रदेश कार्यकारिणी की सूची भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष अंकित चेची वापस नहीं लेते तो जिस तरह वसुंधरा राजे, राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया को चुप करवाया गया. अंकित चेची को भी दिल्ली से रिमोट के जरिए चुप करवा दिया जाता.