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40 किलोमीटर पैदल चलकर युवाओं ने डीसी को सौंपा ज्ञापन, विस्थापन मुआवजा देने की रखी मांग - Demand displacement compensation

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 23, 2024, 7:18 PM IST

Youth Submitted Memorandum. युवा विस्थापित मोर्चा ने विस्थापन मुआवजा को लेकर कट ऑफ डेट को आगे बढ़ाने की मांग की है. वहीं, वर्ष 2008 में कट ऑफ डेट को आगे बढ़ाकर 17 मई 2016 किया गया था.

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युवाओं का पैदल मार्च (ETV BHARAT)

हजारीबाग: जिले के बड़कागांव से सैकड़ों की संख्या में युवा 40 किलोमीटर का पैदल मार्च करते हुए हजारीबाग उपायुक्त नैंसी सहाय को अपना ज्ञापन सौंपा. युवा विस्थापित मोर्चा के बैनर तले मांग की है कि विस्थापन मुआवजा को लेकर कट ऑफ डेट आगे बढ़ाया जाए. युवा विस्थापित मोर्चा के सदस्य अमित ने बताया कि एनटीपीसी पकरी बरवाडी कोल खनन परियोजना हजारीबाग जिले के बड़कागांव विधानसभा में चल रहा है. पकरी बरवाडीह कोल खनन परियोजना में विस्थापन नीति का लाभ लेने के लिए कट ऑफ डेट निर्धारित किया गया है.

संवाददाता गौरव प्रकाश की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

18 साल पूरा नहीं होने वालों को नहीं मिल रहा मुआवजा

वर्ष 2008 में परियोजना में देरी और ग्रामीणों के विरोध के चलते कट ऑफ डेट को आगे बढ़ाकर 17 मई 2016 किया गया. 17 मई 2016 तक विस्थापित परिवार के सदस्यों को 18 साल का होना अनिवार्य कर दिया गया. इस कारण अगर उस विस्थापित परिवार के किसी सदस्य का 17 मई 2016 तक 18 साल नहीं हो पाया है तो उसे एनटीपीसी द्वारा विस्थापन का मुआवजा नहीं दे रही है, जिसके चलते सैकड़ों की संख्या में युवा विस्थापन मुआवजा से वंचित हो गए हैं. 2008 से 2024 तक विस्थापित गांव के ग्रामीणों को एनटीपीसी विस्थापित नहीं कर पाई है और आने वाले समय में कब तक विस्थापित करेगी यह भी एनटीपीसी बताने को तैयार नहीं है.

युवा विस्थापित मोर्चा ने रखी ये मांग

NTPC पकरी बरवाडीह कोल खनन परियोजना में कुछ ऐसे गांव हैं जहां पर खनन का कार्य 2024 में शुरू हुआ है या शुरू होने वाला है. विस्थापित गांव में कुछ ऐसे नौजवान हैं जिनकी शादी हो गई है जिनके बच्चे हो गए हैं पर उनको भी विस्थापन का लाभ नहीं दिया जा रहा है. इन सभी समस्याओं को देखते हुए मोर्चा ने मांग की है कि कंपनी जिस तारीख को विस्थापित कर रही है उसी तारीख का कट ऑफ डेट रखा जाए. विस्थापित होने वाले गांव में जितने भी नौजवान हैं उन सभी को विस्थापित का मुआवजा और विस्थापन कार्ड दिया जाए.

ये भी पढ़ें: आम बजट 2024: सीपी सिंह ने की मुद्रा लोन की राशि बढ़ाए जाने की सराहना, कहा- इससे साफ पता चलता है केंद्र सरकार की सोच क्या है

ये भी पढ़ें: झारखंड विधानसभा चुनाव: छत्तीसगढ़ की तर्ज पर झारखंड में भी समय से पहले प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर सकती है बीजेपी

हजारीबाग: जिले के बड़कागांव से सैकड़ों की संख्या में युवा 40 किलोमीटर का पैदल मार्च करते हुए हजारीबाग उपायुक्त नैंसी सहाय को अपना ज्ञापन सौंपा. युवा विस्थापित मोर्चा के बैनर तले मांग की है कि विस्थापन मुआवजा को लेकर कट ऑफ डेट आगे बढ़ाया जाए. युवा विस्थापित मोर्चा के सदस्य अमित ने बताया कि एनटीपीसी पकरी बरवाडी कोल खनन परियोजना हजारीबाग जिले के बड़कागांव विधानसभा में चल रहा है. पकरी बरवाडीह कोल खनन परियोजना में विस्थापन नीति का लाभ लेने के लिए कट ऑफ डेट निर्धारित किया गया है.

संवाददाता गौरव प्रकाश की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

18 साल पूरा नहीं होने वालों को नहीं मिल रहा मुआवजा

वर्ष 2008 में परियोजना में देरी और ग्रामीणों के विरोध के चलते कट ऑफ डेट को आगे बढ़ाकर 17 मई 2016 किया गया. 17 मई 2016 तक विस्थापित परिवार के सदस्यों को 18 साल का होना अनिवार्य कर दिया गया. इस कारण अगर उस विस्थापित परिवार के किसी सदस्य का 17 मई 2016 तक 18 साल नहीं हो पाया है तो उसे एनटीपीसी द्वारा विस्थापन का मुआवजा नहीं दे रही है, जिसके चलते सैकड़ों की संख्या में युवा विस्थापन मुआवजा से वंचित हो गए हैं. 2008 से 2024 तक विस्थापित गांव के ग्रामीणों को एनटीपीसी विस्थापित नहीं कर पाई है और आने वाले समय में कब तक विस्थापित करेगी यह भी एनटीपीसी बताने को तैयार नहीं है.

युवा विस्थापित मोर्चा ने रखी ये मांग

NTPC पकरी बरवाडीह कोल खनन परियोजना में कुछ ऐसे गांव हैं जहां पर खनन का कार्य 2024 में शुरू हुआ है या शुरू होने वाला है. विस्थापित गांव में कुछ ऐसे नौजवान हैं जिनकी शादी हो गई है जिनके बच्चे हो गए हैं पर उनको भी विस्थापन का लाभ नहीं दिया जा रहा है. इन सभी समस्याओं को देखते हुए मोर्चा ने मांग की है कि कंपनी जिस तारीख को विस्थापित कर रही है उसी तारीख का कट ऑफ डेट रखा जाए. विस्थापित होने वाले गांव में जितने भी नौजवान हैं उन सभी को विस्थापित का मुआवजा और विस्थापन कार्ड दिया जाए.

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