शिमला: इग्लू का मजा लेने के लिए नॉर्वे या अंटार्कटिका जाने की जरूरत नहीं है. हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला की पर्यटन नगरी मनाली के साथ लगते सेथन गांव में दो युवाओं ने सैलानियों के लिए बर्फ के घर भी तैयार किए हैं. पर्यटक भी इग्लू में रहने के लिए काफी उत्साहित हैं. सैलानी अब पर्यटन नगरी मनाली में ही बर्फ के घर यानी इग्लू के बीच रहने का मजा उठा रहे हैं. 28 फरवरी तक इसकी बुकिंग हो चुकी है.
मनाली के ही रहने वाले दो युवाओं के मन में बर्फ के घर यानी इग्लू बनाने का ख्याल नौ साल पहले आया था. इसके लिए दोनों ने इंटरनेट का भी सहारा लिया. इंटरनेट के माध्यम से उन्होंने यहां पर इग्लू तैयार किया और आज 9 सालों से व्यावसायिक रूप से दोनों युवा सैलानियों के लिए इग्लू तैयार कर रहे हैं. इससे उनकी आमदनी भी हो रही है. वहीं, सैलानी भी यहां आकर काफी खुश हैं और बर्फ के बने घर में रहकर इन यादों को अपने कैमरे में भी संजो रहे हैं. इसके अलावा स्कीइंग सहित अन्य शीतकालीन खेलों का भी सैलानी यहां मजा ले रहे हैं.
इग्लू तैयार करने वाले युवा टशी का कहना है कि, 'इग्लू बनाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है और जितनी अधिक बर्फ हो वो उतना अच्छा रहता है एक इग्लू को तैयार करने के लिए कम से 2 से 3 दिन भी लग जाते हैं. यहां पर इतनी ठंड में रहने का एक अलग ही एहसास है और पर्यटक इसका खूब लुत्फ ले रहे हैं. सेथन गांव में दिसंबर के मध्य में पहली बर्फबारी होती है. इग्लू गांव आम तौर पर दिसंबर के मध्य से फरवरी के अंत या मार्च के पहले सप्ताह तक चालू रहता है. यह तारीखें मौसम के आधार पर अलग-अलग होती हैं.'
टशी ने बताया कि प्रत्येक इग्लू का व्यास 9 फीट और ऊंचाई लगभग 5 फीट है. इग्लू के अंदर आपको अतिरिक्त गर्म रखने के लिए चादरों, ऊनी और इलेक्ट्रिक कंबल के साथ एक फोम गद्दा दिया जाता है. इग्लू के अंदर लाइट का भी प्रबंध है. साथ ही फोन को चार्ज करने के लिए बिजली के सॉकेट भी हैं. इग्लू के अंदर का तापमान बाहर के तापमान से गर्म होता है.
सेथन में बने इग्लू में एक रात रुकने की कीमत 5,500 रुपये से शुरू होती है और इसमें सैलानियों को रुकना, भोजन, नाश्ता और चाय या कॉफी, शाम के समय बोनफायर (अलाव) शामिल है. इग्लू बुक करने के इच्छुक बड़े समूहों के लिए छूट की पेशकश की जाती है. यदि आपके पास काफी बड़ा समूह है तो सैलानी सभी पांच इग्लू भी बुक कर सकते हैं, जब तक सर्दी खत्म नहीं होती और बाहरी तापमान नहीं बढ़ता, तब तक इग्लू पिघलना शुरू नहीं होता.
वहीं, इग्लू गांव पहुंचे सैलानियों का कहना है कि, 'इससे पहले इंटरनेट पर इग्लू को देखते थे, लेकिन मनाली में अब बर्फ के घर इद्सू में रहने की उनकी इच्छा यहां पर पूरी हो गई है. ऐसे में वह अपने परिवार के साथ यहां बर्फ के घर में रह रहे हैं और बर्फीली वादियों में अन्य साहसिक गतिविधियों का भी मजा ले रहे हैं.'