कुचामनसिटी: अपने परिवार के सपनों को पूरा करने और बेहतर रोजगार की आस लिए भारत के हजारों युवक खाड़ी देशों में रोजगार के लिए जाते हैं. लेकिन कई बार भारतीय युवाओं के खाड़ी देशों में जाकर फंसने की खबरें भी आती रहती हैं. ऐसा ही एक और मामला डीडवाना-कुचामन जिले के नावां उपखंड से सामने आया है. नावां के गुढ़ा साल्ट गांव निवासी किशन लाल रोजगार के लिए बीते मई माह में कारीगर के काम में ओमान गया था, लेकिन उसे वहां ना कोई काम दिया गया. ना ही परिजनों से बात करने दी जा रही है. किशनलाल को कंपनी द्वारा एक तरह से बंधक की तरह रखा गया है. इसे लेकर परिजनों ने कलेक्टर से उसकी घर वापसी की गुहार लगाई है.
किशन लाल के भाई भंवरलाल के मुताबिक किशन लाल को जयपुर के एक एजेंट ने कंपनी में अच्छी तनख्वाह का लालच देकर कारीगर के कार्य के लिए ओमान भिजवाया था. किशन लाल गत 20 मई को जयपुर से हवाई मार्ग से ओमान गया था. ओमान में करीबन एक डेढ़ माह तो किशन लाल को कार्य पर रखा गया, लेकिन बाद में कंपनी में कोई कार्य नहीं होने की बात कहकर उसे काम देना बंद कर दिया. अब बीते चार माह से किशनलाल को ना कोई काम और ना वेतन दिया जा रहा. ना ही परिजनों से फोन पर बात करने दी जा रही.
भंवरलाल ने बताया कि उसका भाई किशन लाल किसी तरह ओमान में ही रहा और दूसरी कंपनी में काम कर रहे नावां क्षेत्र के अन्य युवकों को अपनी पीड़ा बताई. इन युवकों के जरिए भारत में परिजनों को किशन लाल के फंसे होने की जानकारी मिली है. उन्होंने बताया कि जिस एजेंट ने किशन लाल को ओमान भेजा था, उसका एक साथी मदनलाल, किशनलाल की भारत वापसी के लिए परिजनों से डेढ़ लाख रुपए की मांग कर रहा है.
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इस बारे में किशनलाल ने अपने भाई की स्वदेश वापसी के लिए डीडवाना जिला कलेक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक व थाना अधिकारी को एक मांग पत्र सौंपकर किशनलाल की भारत वापसी की मांग की है. इस बारे में डीडवाना-कुचामन जिला कलेक्टर पुखराज सैन का कहना है कि उन्हें ज्ञापन मिला है, जिसके आधार उन्होंने मामले की मांग के आदेश दिए हैं.