करनाल: हरियाणा के करनाल निवासी मनीष का पार्थिव शरीर अमेरिका से पैतृक गांव पहुंच गया है. रविवार सुबह करीब 10 बजे एंबुलेंस के जरिए उनका पार्थिव शरीर कुंजपुरा लाया गया. जैसे ही पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया और मनीष की मां और बहने शव को देखकर सुध-बुध खो बैठी और बेहोश हो गई. मनीष की 15 दिन पहले अमेरिका में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी.
15 दिन बाद मनीष का अंतिम संस्कार: करीब 11 बजे मनीष का शव अंतिम संस्कार के लिए गांव के श्मशान घाट लाया गया. जहां मनीष के बड़े भाई कर्ण देव ने अपने छोटे भाई की चिता को मुखाग्नि दी. यह दृश्य देख वहां मौजूद ग्रामीणों की आंखें भर आई. मृतक की मां शिमला देवी ने 15 महीने पहले 38 लाख रुपये खर्च कर उसे विदेश भेजा था. अब उसकी मां 20 लाख का कर्ज लेकर शव को भारत लाई है. मनीष के परिजनों ने शव को भारत लाने के लिए हरियाणा के सीएम नायब सैनी से भी गुहार लगाई थी. लेकिन सरकार की ओर से कोई मदद नहीं की गई. इसके बाद परिजनों ने शव को लाने के लिए कर्ज लिया है.
हार्ट अटैक से हुई थी युवक की मौत: मृतक के भाई कर्ण देव ने बताया कि मनीष 2023 के अप्रैल महीने में ही अमेरिका चला गया था. डोंकी के रास्ते उसे वहां पहुंचने में करीब 1 माह का समय लगा. मनीष अमेरिका के न्यूयॉर्क सिटी में रह रहा था. मनीष ने पहले वहां पर स्टोर पर काम किया और हाल ही में ड्राइविंग लाइसेंस मिला था. बीती 29 दिसंबर की रात को खाना खाने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई. सीने में तेज दर्द होने के कारण उसके साथी उसे अस्पताल ले गए. लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
कड़े सघर्ष से मां ने निभाई थी पिता की जिम्मेदारी: करीब 23 साल पहले मनीष के पिता रमेश की एक हादसे में मौत हो गई थी. बचपन में चारों बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया था. पिता की मौत के बाद मां शिमला देवी ने मजदूरी करके अपने चारों बच्चों को पाला था. मनीष की दो बड़ी बहने हैं, एक की शादी हो गई है. जो इस समय कनाडा में है. उसका बड़ा भाई कर्ण देव और उसकी दूसरी बहन अभी अविवाहित है.
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