नई दिल्ली: दिल्ली में यूथ कांग्रेस कार्यालय के बाहर मंगलवार को भारतीय युवा कांग्रेस ने एसबीआई से इलेक्टोरल बॉन्ड के दानकर्ताओं का नाम उजागर करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान युवा कांग्रेस के दिल्ली कार्यकारणी अध्यक्ष शुभम शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी, 2024 को इलेक्टोरल बॉन्ड बैन करते हुए कहा था कि लोकतंत्र में किसने, किस पार्टी को, कितना पैसा दिया यह जनता को जानने का हक है. सुप्रीम कोर्ट ने SBI को 6 मार्च तक इलेक्टोरल बॉन्ड डोनर के नाम सार्वजनिक करने का आदेश दिया था.
शुभम शर्मा ने कहा कि अब SBI ने सुप्रीम कोर्ट से 30 जून तक का वक्त मांगा है, क्योंकि वो इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा देने में असमर्थ हैं. विडंबना देखिए कि डिजिटल बैंकिंग के युग में कंप्यूटर की एक क्लिक पर 22,217 इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा निकालने के लिए SBI को 5 महीने चाहिए. रिश्वतखोरी का काला सच छिपाने के लिए भाजपा ने SBI को ढाल बनाया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक करने में SBI का गला सूख रहा है.
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दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शुभम शर्मा ने यह मांग कि एसबीआई जल्द से जल्द इलेक्टोरल बॉन्ड दानकर्ताओं का नाम उजागर करे, ताकि देश की जनता के सामने असली सच आ सके. कांग्रेस के कार्यकर्ता एसबीआई ब्रांच जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आरोप है कि दिल्ली पुलिस आगे नहीं जाने दे रही. प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है. आज लोकतंत्र की आवाज को दबाया जा रहा है.