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भविष्य की चिंता या युवाओं के सहारे सत्ता पाने की कवायद में राजनीतिक दल! पढ़ें रिपोर्ट - Youth At Center Of Politics

Youth voters in Jharkhand. झारखंड की सभी राजनीतिक पार्टियां युवाओं को साधने में जुटी हैं. इसके तहत जहां बीजेपी युवा मोर्चा की ओर से युवा आक्रोश रैली निकाली गई तो दूसरी तरफ झामुमो की ओर से अधिकार मार्च निकाला गया. युवाओं के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने की कवायद चल रही है.

Youth At Center Of Politics
डिजाइन इमेज (कोलाज इमेज-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 24, 2024, 4:29 PM IST

रांचीः झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले राज्य के युवा राजनीति के केंद्र में हैं. वर्ष 2019 में जब राज्य की सत्ता में भाजपा काबिज थी, तब मुख्यमंत्री रघुवर दास को सत्ता से बाहर करने के लिए तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष के रूप में हेमंत सोरेन और झामुमो ने पांच अगस्त 2019 को युवा आक्रोश मार्च निकाला था. तब झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्य की तत्कालीन रघुवर सरकार को युवा विरोधी बताते हुए सत्ता में आने के लिए युवाओं के लिए कई वादे किए थे.

ईटीवी भारत ग्राउंड रिपोर्टः झारखंड में युवाओं पर केंद्रित राजनीति (वीडियो-ईटीवी भारत)

युवा और उनके मुद्दे राजनीति के केंद्र में

पांच साल बाद अब जब विधानसभा चुनाव नजदीक है, तब फिर एक बार राज्य के युवा और उनके मुद्दे राज्य की राजनीति के केंद्र में हैं.बदला सिर्फ यह है कि इस बार सत्ता में हेमंत सोरेन हैं और उनको बेदखल करने के लिए भाजपा हर मुमकिन प्रयास कर रही है. ऐसे में राज्य के युवाओं का मुद्दा भाजपा उठा रही है और सवाल कर रही है कि हर साल पांच लाख नौकरी और बेरोजगारी भत्ता का क्या हुआ.

राज्य में 72 लाख के करीब हैं युवा वोटर

दरअसल, चुनावी वर्ष में राज्य की राजनीति में युवा इसलिए सभी पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण हो गए हैं, क्योंकि झारखंड में 18 वर्ष से 29 वर्ष उम्र समूह वाले वोटरों की संख्या लगभग 72 लाख है. ऐसे में हर राजनीतिक दल वोटरों के इस बड़े चंक को अपनी ओर करने में लगे हुए हैं.

भाजपा भ्रम फैला रही है-मनोज पांडेय

राज्य के युवाओं के नाम पर भाजपा द्वारा भ्रम की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता कहते हैं कि 2019 में राज्य के युवाओं की क्या स्थिति थी? जेपीएससी की कितनी परीक्षा 2014 से 2019 तक ली गई थी? उन्होंने कहा कि तब झारखंडी युवाओं के हितों को कुचला जा रहा था. झामुमो प्रवक्ता कहते हैं कि आज भी युवाओं में केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ आक्रोश है. युवा पूछ रहे हैं कि हर साल दो करोड़ नौकरी का क्या हुआ? सरकारी संस्थाओं का निजीकरण कर दलित-पिछड़े युवाओं का आरक्षण क्यों मारा जा रहा है?

हेमंत ने की ढपोरशंखी घोषणाएं-बीजेपी

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह कहते हैं कि भाजपा जो वादा करती है, उसे पूरा करती है. उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा में लिखित में महज 357 युवाओं को नौकरी देने की बात स्वीकारने वाली सरकार और उनके नेता युवा हित की बात न करें. जनता ने इस बार उन्हें सत्ता से बाहर भेजने का मन बना लिया है.

ये भी पढ़ें-

रांची में बीजेपी कार्यकर्ता और पुलिस के बीच भिड़ंत, पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले, विधायक समेत कई नेता-कार्यकर्ता घायल - Youth Aakrosh Rally

झामुमो कार्यकर्ताओं ने निकाला झारखंडी अधिकार मार्च, केंद्र सरकार से मांगें अधिकार - Jharkhand Mukti Morcha

चुनावी संग्राम: निर्णायक की भूमिका में होगें झारखंड के युवा वोटर, जागरुकता फैलाने में जुटा चुनाव आयोग

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युवा और उनके मुद्दे राजनीति के केंद्र में

पांच साल बाद अब जब विधानसभा चुनाव नजदीक है, तब फिर एक बार राज्य के युवा और उनके मुद्दे राज्य की राजनीति के केंद्र में हैं.बदला सिर्फ यह है कि इस बार सत्ता में हेमंत सोरेन हैं और उनको बेदखल करने के लिए भाजपा हर मुमकिन प्रयास कर रही है. ऐसे में राज्य के युवाओं का मुद्दा भाजपा उठा रही है और सवाल कर रही है कि हर साल पांच लाख नौकरी और बेरोजगारी भत्ता का क्या हुआ.

राज्य में 72 लाख के करीब हैं युवा वोटर

दरअसल, चुनावी वर्ष में राज्य की राजनीति में युवा इसलिए सभी पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण हो गए हैं, क्योंकि झारखंड में 18 वर्ष से 29 वर्ष उम्र समूह वाले वोटरों की संख्या लगभग 72 लाख है. ऐसे में हर राजनीतिक दल वोटरों के इस बड़े चंक को अपनी ओर करने में लगे हुए हैं.

भाजपा भ्रम फैला रही है-मनोज पांडेय

राज्य के युवाओं के नाम पर भाजपा द्वारा भ्रम की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता कहते हैं कि 2019 में राज्य के युवाओं की क्या स्थिति थी? जेपीएससी की कितनी परीक्षा 2014 से 2019 तक ली गई थी? उन्होंने कहा कि तब झारखंडी युवाओं के हितों को कुचला जा रहा था. झामुमो प्रवक्ता कहते हैं कि आज भी युवाओं में केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ आक्रोश है. युवा पूछ रहे हैं कि हर साल दो करोड़ नौकरी का क्या हुआ? सरकारी संस्थाओं का निजीकरण कर दलित-पिछड़े युवाओं का आरक्षण क्यों मारा जा रहा है?

हेमंत ने की ढपोरशंखी घोषणाएं-बीजेपी

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह कहते हैं कि भाजपा जो वादा करती है, उसे पूरा करती है. उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा में लिखित में महज 357 युवाओं को नौकरी देने की बात स्वीकारने वाली सरकार और उनके नेता युवा हित की बात न करें. जनता ने इस बार उन्हें सत्ता से बाहर भेजने का मन बना लिया है.

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