अजमेर. अजमेर की दरगाह थाना पुलिस को आईआरएस बताकर दरगाह जियारत के लिए प्रोटेक्शन मांगना एक युवक को भारी पड़ गया. युवक कानपुर से अजमेर दरगाह जियारत के लिए आया था. पुलिस ने अपने तरीके से जब युवक से पूछताछ की, तो वह फर्जी आईआरएस निकला. पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया.
दरगाह थाना प्रभारी नरेंद्र जाखड़ ने बताया कि फर्जी आईआरएस मामले में उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी शोएब खान को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. जाखड़ ने बताया कि दोपहर को युवक ने जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय और दरगाह थाने पर फोन किया और कहा कि दरगाह में पुलिस की व्यवस्था ठीक नहीं है. उसने दरगाह जियारत के लिए प्रोटोकॉल के तहत पुलिसकर्मी मांगे.
दरगाह थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शोएब से बातचीत की. शोएब ने खुद को 2012 बैच का आईआरएस बताया. जब पुलिस ने उससे आइडेंटी कार्ड मांगा, तो इस पर शोएब सकपका गया. शोएब को थाने पर लाकर पुलिस ने अपने अंदाज में उससे पूछताछ की, तो मामला साफ हो गया. पुलिस पर आईआरएस की धौंस जमा रहा शोएब फर्जी आईआरएस निकला.
फर्जी आईआरएस बन ठहर गया सर्किट हाउस में: पुलिस पड़ताल में सामने आया कि आरोपी शोएब गुरुवार को अजमेर आया. अजमेर पहुंचने के बाद वह सर्किट हाउस में खुद को आईआरएस बताकर ठहरा था. पुलिस ने शोएब को शांति भंग की धारा में गिरफ्तार किया है. जाखड़ ने बताया कि शनिवार को आरोपी शोएब को कोर्ट में पेश किया जाएगा. फिलहाल मामले में अनुसंधान जारी है.