उत्तरकाशी: बर्फ की चादर ओढ़े उत्तरकाशी जिले का दयारा बुग्याल (मखमली घास का मैदान) स्कीइंग व साहसिक पर्यटन के लिए सैलानियों का इंतजार कर रहा है. 30 वर्ग किमी में फैले दयारा बुग्याल में इन दिनों तीन से लेकर चार फीट तक बर्फ की चादर बिछी हुई है. जो साहसिक खेलों स्कीइंग आदि के लिए मुफीद बना है. बर्फ की सफेद चादर से ढके दयारा बुग्याल में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बार्सू गांव के युवाओं ने स्कीइंग प्रशिक्षण का आयोजन किया. जिसमें स्थानीय ग्रामीण युवाओं को बुग्याल एक किमी लंबी ढलान वाले भरनाला में स्कीइंग के गुर सिखाए गए.
दयारा बुग्याल में कदम-कदम पर स्कीइंग की ढलान हैं. कई ढलान तो दो किमी तक लंबी हैं. बार्सू गांव से चार किमी की दूरी पर दयारा बुग्याल का ही हिस्सा भरनाला में एक किमी लंबी ढलान है. जहा पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थानीय युवाओं द्वारा इन दिनों स्कीइंग भी की जा रही है. नेहरू पर्वतारोहण संस्थान व पर्यटन विभाग द्वारा भरनाला में हर वर्ष स्कीइंग प्रशिक्षण कराया जाता है. लेकिन इस वर्ष देर से बर्फबारी होने के कारण फिलहाल स्थानीय युवाओं द्वारा ही इसके प्रचार प्रसार हेतु स्कीइंग की जा रही है.
करीब 30 वर्ग किमी में फैले दयारा बुग्याल इन दिनों तीन से चार फीट बर्फ की सफेद चादर बिछी हुई है. पिछले कुछ सालों तक यहां नेहरू पर्वतारोहण संस्थान व पर्यटन विभाग की ओर से स्कीइंग प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता था. लेकिन इस वर्ष दोनों संस्थानों ने अब तक यहां स्कीइंग प्रशिक्षण का आयोजन नहीं किया है. वहीं बार्सू गांव के युवाओं ने क्षेत्र में पर्यटन को गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बुग्याल के किमी लंबी ढलान वाले भरनाला में चार दिवसीय स्कीइंग प्रशिक्षण का आयोजन किया.
प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर दयारा बुग्याल के भरनाला से गिडारा बुग्याल, बंदरपूंछ, काला नाग पर्वत, द्रोपदी का डांडा प्रथम व द्वितीय, श्रीकंठ पर्वत सहित कई चोटियां नजर आती हैं. साथ ही गंगा घाटी का भी मनोहारी दृश्य नजर आता है. स्थानीय युवाओं ने उत्तराखंड सरकार और पर्यटन विभाग से भरनाला में शीतकालीन खेलोंका आयोजन करने की मांग की है. जिससे यहां रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकें.
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