बांसवाड़ा. आदिवासी बहुल जिले के कसारवाड़ी थाना क्षेत्र की एक लड़की को धोखे से बिहार ले जाया गया. परिजनों का आरोप है कि उसे डेढ़ महीने तक बंधक बनाकर रखा गया. इस दौरान उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया. इस मामले में पीड़ित के पिता का आरोप है कि पुलिस को रिपोर्ट देने पर कार्रवाई के नाम पर रुपए मांगे गए गए. पीड़ित परिवार उप जिला प्रमुख डॉक्टर विकास बामनिया के कार्यालय पहुंचा और मामले की जानकारी दी. इसपर बामनिया ने युवती का बिहार से रेस्क्यू करने में मदद की.
एडिशनल एसपी बनवारी लाल ने कहा कि इस मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है. जो भी कमियां रही हैं, उन्हें दूर किया जाएगा. आगे इस मामले में कार्रवाई की जाएगी. जहां तक रिश्वत मांगने की बात है, ऐसा नहीं हुआ है. फिर भी यदि किसी ने ऐसा किया है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जरूरत पड़ने पर सस्पेंड भी किया जाएगा.
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ट्रेन में बहन को कोल्ड ड्रिंक पिलाई : पीड़िता के भाई ने बताया कि उसका परिवार गुजरात में मजदूरी के लिए गया था. कुछ दिन मजदूरी के बाद उसकी बहन वापस बासवाड़ा आ गई थी. यहां उसकी दोस्ती एक लड़के से हुई, जो बिहार का रहने वाला था. लड़का बांसवाड़ा आया और 14 जनवरी को धोखे से बहन को ले गया. ट्रेन में बैठने के बाद बहन को कोल्ड ड्रिंक पिलाई, जिससे वह बेहोश हो गई. जब उसे होश आया तो वह बिहार के अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर से 60 किलोमीटर दूर एक गांव में थी. पीड़िता के भाई ने आरोप लगाया है कि वहां पर उसे बंधक बनाकर रखा गया था. इस दौरान उसके साथ दुष्कर्म भी किया गया. पीड़िता ने किसी तरह परिवार को संपर्क किया. इसके बाद 17 जनवरी को कसारवाड़ी थाने में रिपोर्ट दी. पीड़िता के भाई का आरोप है कि काफी दिन तक कार्रवाई नहीं होने पर थाने गए तो पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर रुपए मांगे.
उप जिला प्रमुख ने कराया रेस्क्यू : युवक ने बताया कि उसकी बहन को बिहार के बयासी थाना क्षेत्र के एक गांव में रखा गया था. जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की उप जिला प्रमुख डॉक्टर विकास बामनिया से संपर्क किया. इसपर उन्होंने निजी खर्चे पर बहन को रेस्क्यू कराने में मदद की.