लखनऊ: 1998 बैच के आईएएस अनिल कुमार सागर पर योगी सरकार ने कार्रवाई करते हुए प्रतीक्षारत कर दिया है. सागर वर्तमान में यमुना अथॉरिटी के चेयरमैन, प्रमुख सचिव अवस्थापना और औद्योगिक विकास विभाग व आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स की अहम जिम्मेदारियां संभाल रहे थे. सरकार ने आईएस पर कार्रवाई हाईकोर्ट की एक मामले को लेकर की गयी सख्त टिप्पणी के बाद की है. अनिल सागर पर हुई कार्रवाई को लेकर एसीएस कार्मिक एमदेवराज से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन जवाब नहीं मिल सकाय
मनमाने फैसलों का आरोप: दरअसल, हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में कहा गया है कि यमुना अथॉरिटी में बिल्डर्स के प्रोजेक्ट्स के संदर्भ में अनियमितताएं की गई हैं. आईएएस अनिल सागर पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने मनमाने ढंग से कई प्रोजेक्ट रद्द कर दिए. जबकि वैसे ही अन्य प्रोजेक्ट्स को सहूलियत के आधार पर मंजूरी दी. आरोप यह भी लगाया गया है कि समान प्रकृति के तीन अलग-अलग मामलों में उन्होंने एक ही दिन में अलग-अलग फैसले लिए. किसी प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया गया तो किसी को मंजूरी दी गयी.
हाईकोर्ट ने दी है सीबीआई जांच की चेतावनी: हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि यदि उत्तर प्रदेश सोमवार तक आईएएस अनिल सागर पर कोई कार्रवाई नहीं करती है तो कोर्ट सीबीआई जांच के आदेश दे सकती है. जस्टिस पंकज भाटिया ने इस मामले में गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा, “प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर पर सरकार कार्रवाई करे, अन्यथा CBI जांच का सामना करना पड़ेगा.” अब इस मामले की सोमवार को सुनवाई होनी है.
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