लखनऊः उत्तर प्रदेश में सभी राज्य विश्वविद्यालयों, संबद्ध डिग्री कॉलेजों, प्राविधिक विश्वविद्यालयों, पॉलीटेक्निक संस्थानों में शैक्षणिक सत्र को पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौजूदा शैक्षिक सत्र को 10 मई 2025 तक हर हाल में पूरा करने का निर्देश जारी किया है. मुख्यमंत्री ने सभी विभागों के प्रमुख सचिव को भेजे गए आदेश में कहा है कि कोरोना के बाद सभी शैक्षणिक संस्थाओं का शैक्षिक सत्र देरी चल रहा है. इसे पटरी पर लाने के लिए मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2024-25 को अगले वर्ष 10 मई तक हर हाल में पूरा करा लिया जाए. मुख्यमंत्री की ओर से जारी इस आदेश के बाद प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालय के लिए शैक्षिक सत्र को समय से पूरा कर पाना चुनौती पूर्ण बन गया है.
राज्य विश्वविद्यालय सहित शिक्षण संस्थानों में प्रवेश प्रक्रिया अभी भी अधूरी : प्रदेश के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालय लखनऊ विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर की प्रवेश परीक्षाएं समाप्त हुई हैं और काउंसलिंग की प्रक्रिया चल रही है. जबकि परास्नातक लेवल के विषयों में प्रवेश के लिए 25 जुलाई से प्रवेश परीक्षा शुरू होनी है. वहीं प्रदेश के सबसे बड़े प्राविधिक विश्वविद्यालय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में मौजूद शैक्षणिक सत्र की प्रवेश प्रक्रिया भी विलंब से चल रही है. विश्वविद्यालय ने अपने सभी संबंद्ध 750 इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेज में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 17 जुलाई को समाप्त की है. विश्वविद्यालय 25 जुलाई से काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है, जो कम से कम चार चरणों में आयोजित होगी. इसके अलावा राजधानी में स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय मे भी एडमिशन की प्रक्रिया अभी चल ही रही है. प्रदेश प्रदेश के दूसरे विश्वविद्यालय में भी स्नातक और पारास्नातक विषयों में प्रवेश की यही स्थिति है. ऐसे में 10 मई तक सभी राज्य विश्वविद्यालय को शैक्षणिक सत्र समाप्त कर पाना चुनौती बन गया है.
14 अगस्त तक नहीं शुरू हुईं कक्षाएं तो सिलेबस पूरा करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलेगा : लखनऊ विश्वविद्यालय सम्बद्ध डिग्री कॉलेज शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. मौलिंदू मिश्रा ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमानुसार एक सेमेस्टर में कम से कम 90 दिन की पढ़ाई होना अनिवार्य है. मुख्यमंत्री ने जो आदेश जारी किया है, उसके अनुसार 10 मई तक विश्वविद्यालय को दो सेमेस्टर परीक्षाएं पूरी करनी हैं. इसे पहले पूरे सत्र में सभी संस्थाओं को कम से कम 180 दिन क्लासेस चलानी होंगी. बताया कि मानक के अनुसार क्लासेस चलाने के लिए सभी विश्वविद्यालयों को हर हाल में स्नातक और परास्नातक की फर्स्ट ईयर की क्लासेस 14 अगस्त तक शुरू करनी होंगी. अगर विश्वविद्यालय इससे पहले क्लासेस नहीं शुरू कर पाते हैं, तो उन्हें बाद में सेमेस्टर एग्जाम से पहले सिलेबस पूरा करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलेगा.
अगस्त बाद भी प्रवेश प्रक्रिया पूरी होना मुश्किल: डॉ. मिश्रा ने बताया कि मौजूदा समय में विश्वविद्यालय में प्रवेश की जो स्थिति है उसे देखकर यही लग रहा है कि पूरा अगस्त बीतने के बाद भी राज्य के कई विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाएगी. वहीं लखनऊ सहित प्रदेश के डिग्री कॉलेज में आवेदन संख्या कम होने के कारण उनके प्रवेश पर भी असर साफ तौर पर दिख रहा है. लखनऊ विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद सेमेस्टर परीक्षाओं से पहले मिड टर्म परीक्षाएं व प्रैक्टिकल परीक्षाएं आयोजित होती हैं. इतने लंबे प्रवेश प्रक्रिया चलने के कारण एनईपी को ध्यान में रखकर सिलेबस को पूर्ण करना लखनऊ विश्वविद्यालय और सम्बन्ध डिग्री कॉलेज के लिए काफी चुनौती पूर्ण बनने जा रहा है.
सिर्फ प्राविधिक शिक्षा परिषद ने जारी किया शैक्षिक कैलेंडर : मुख्यमंत्री के इस आदेश के बाद केवल प्राविधिक शिक्षा परिषद ने अपने पॉलीटेक्निक संस्थानों के लिए एकेडमिक कैलेंडर तैयार कर पाया है. प्राविधिक शिक्षा परिषद (प्राशिप) ने सत्र 2024-25 का शैक्षिक कैलेंडर जारी कर दिया है. प्राशिप सचिव अजीत कुमार मिश्र के मुताबिक शैक्षिक कैलेंडर के अनुसार इंजिनियरि स्टूडेंट्स की सेमेस्टर कक्षाएं 90 दिन की लगेंगी. जबकि वार्षिक परीक्षा वाले स्टूडेंट्स की कक्षाएं 182 दिन की लगेंगी. सेमेस्टर व वार्षिक परीक्षाओं के बीच रविवार मिलाकर कुल 47 सार्वजनिक अवकाश होंगे. सचिव ने बताया कि नव प्रवेशित स्टूडेंट्स की परीक्षाएं एक सितंबर से शुरू होंगी.