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यूपी कैबिनेट मीटिंग में 27 प्रस्ताव पास; शिक्षकों का 3 साल में हो सकेगा ट्रांसफर, FDI और रिटायरमेंट बेनिफिट नीति में बदलाव

सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग, उच्च शिक्षा विभाग, जलशक्ति विभाग, पशुपालन विभाग, आबकारी और वित्त विभाग के प्रस्ताव हुए पास

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लोक भवन में सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 4, 2024, 3:57 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कैबिनेट की मीटिंग सोमवार को लोक भवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया. बैठक में 27 फैसले प्रस्तावों पर मुहर लगी है. कैबिनेट मीटिंग में उत्तर प्रदेश के महाविद्यालय में अध्यापकों के तबादला नीति में परिवर्तन किया गया है. अध्यापकों का तबादला अब से पहले 5 साल की नौकरी करने के बाद होता था. लेकिन नई नीति के तहत अब 3 साल में ही डिग्री कॉलेज के अध्यापकों का तबादला हो जाएगा. जिससे अनेक ऐसे अध्यापकों को लाभ मिलेगा जो जल्द अपने पसंद जिले में पहुंचाना चाहते हैं.

FDI नीति में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी
लोक भवन हुई बैठक के बाद वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने बैठक संबंधित जानकारियां मीडिया को दी. सुरेश खन्ना ने बताया कि उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. कैबिनेट बैठक में एफडीआई एवं फॉर्च्यून 500 कंपनियों के निवेश के लिए प्रोत्साहन नीति 2023 में संशोधन को मंजूरी दे दी. इस संशोधन के माध्यम से योगी सरकार ने विदेशी निवेशकों को बड़ी राहत दी है. इसके माध्यम से अब ऐसी विदेशी कंपनियां भी प्रदेश में निवेश कर सकेंगी जो इक्विटी के साथ-साथ लोन या किसी अन्य स्रोत से पैसों की व्यवस्था करती हैं. योगी सरकार के इस निर्णय से प्रदेश में विदेशी निवेश के बढ़ने की संभावना है.

मीडिया को जानकारी देते वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल
मीडिया को जानकारी देते वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल (Photo Credit; ETV Bharat)

फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट को मंजूरी
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि 1/11/2023 को फॉरेन डायरेक्टर इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) की नीति आई थी. इसमें थोड़ा संशोधन किया गया है. नीति में अर्हता के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा 100 करोड़ रुपए रखी गई है. आरबीआई द्वारा जो एफडीआई की परिभाषा दी गई है, उसके अनुसार अभी तक मात्र इक्विटी में किए गए निवेश को ही एफडीआई में सम्मिलित किया जाता है. नीति में जो संसोधन किया गया है, उसमें हमने इसे फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट का रूप दिया है. उन्होंने कहा कि अभी तक एफडीआई के तहत कंपनी के पास अपनी इक्विटी होती थी लेकिन ज्यादातर कंपनी अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए बाहर से लोन के साथ ही दूसरे माध्यमों से भी पैसा मैनेज करती हैं. हमने उसको भी अलाऊ कर दिया है. यदि किसी कंपनी के पास इक्विटी केवल 10 प्रतिशत है और 90 प्रतिशत निवेश राशि की व्यवस्था दूसरे स्रोतों से कर रखी होगी तो हम उसको भी बेनिफिट प्रदान करेंगे.

100 करोड़ के निवेश को माना जाएगा पात्र
सुरेश खन्ना ने बताया कि अब इस नीति को फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट, फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट एंड फॉर्च्यून ग्लोबल 500 एंड फॉर्च्यून इंडिया 500 इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी 2023 कहा जाएगा. फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट के रूप में इक्विटी में निवेश करने वाली विदेशी कंपनी के लिए प्रिफरेंश शेयर, डिवेंचर्स, एक्सटर्नल कॉमर्शियल बॉरोइंग, स्टैंड बाई लैटर ऑफ क्रेडिट, लैटर्स ऑफ गारंटी व अन्य डेब्ट सिक्योरिटी को भी शामिल कर दिया गया है. इसके अतिरिक्त, अन्य मोड जो आरबीआई के द्वारा फ्रेमवर्क ऑन एक्सटर्नल कॉमर्शियल बॉरोइंग, ट्रेड क्रेडिट, स्ट्रक्चर्ड ऑब्लीगेशंस के अंतर्गत किए गए 100 करोड़ के विदेशी निवेश की गणना के लिए अर्ह होंगे. विदेशी निवेशक कंपनी द्वारा की गई फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट राशि (जिसमें इक्विटी में न्यूनतम 10 प्रतिशत तथा शेष ऋण व अन्य इंस्ट्रूमेंट के माध्यम से मिलाकर 100 करोड़ रुपए का निवेश) को इस नीति के अंतर्गत पात्र माना जाएगा तथा पूंजी निवेश की गणना में सम्मिलित किया जाएगा.

बिना नॉमिनी भी हो सकेगा ग्रेच्युटी का भुगतान
मंत्री ने बताया कि योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनिफिट्स रूल्स 1961 में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है. इसके तहत यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु सेवा में रहते हुए अथवा सेवानिर्वत्ति के बाद ग्रेच्युटी की धनराशि प्राप्त किए बिना हो जाती है और उसने अपने पीछे कोई परिवार नहीं छोड़ा है और न ही कोई नॉमिनी बनाया है तो ग्रेच्युटी का भुगतान उस व्यक्ति को किया जा सकता है. जिसके पक्ष में किसी न्यायालय द्वारा उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रदान किया गया हो. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि पहले कि व्यवस्था में ऐसे व्यक्ति की ग्रेच्युटी की धनराशि सरकार को चली जाती थी.

इन प्रस्तावों को मिली मंजूरी

• मध्य गंगा नहर परियोजना के द्वितीय चरण पुनरीक्षण प्रस्ताव को मंजूरी संभल अमरोहा मुरादाबाद के 1850 ग्राम लाभान्वित होंगे.
• ललितपुर में भौरट बांध परियोजना के द्वितीय पुनरीक्षित प्रस्ताव को मंजूरी.
• केन बेतवा लिंक परियोजना हेतु प्रस्ताव को स्वीकृति, बुंदेलखंड के सूखाग्रस्त क्षेत्र को लाभ प्राप्त होगा.
● प्रदेश में पशु चिकित्सको की कमी को पूरी करने के लिए पशुपालन पाठ्यक्रम हेतु डिप्लोमा,सर्टिफिकेट कोर्स हेतु नीति तैयार करने के प्रस्ताव को मंजूरी.
• उत्तर प्रदेश शीरा नीति 2024-25 के प्रस्ताव को मंजूरी,1 नवम्बर 2024 से 31 अक्टूबर 2025 के शीरा वर्ष हेतु शीरा रिजर्वेशन को मंजूरी,19% शीरा रिजर्वेशन स्वीकृति.
• उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा विभाग हेतु नियमावली उत्तरप्रदेश सहायता प्राप्त महाविद्यालय अध्यापक स्थानांतरण नियमावली 2024 को मंजूरी, महाविद्यालय में न्यूनतम तैनाती के 5 वर्ष को घटाकर 3 वर्ष किया गया.
• उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2019 में संशोधन को मंजूरी. अन्य प्रदेशों के शिक्षण संस्थाओं को प्रदेश में स्थापित होने का अवसर.
• लखनऊ में अंग्रेज़ी एवं विदेशी भाषा केंद्रीय विश्वविद्यालय के लखनऊ परिसर स्थापना हेतु तहसील सरोजिनी नगर में चकरौली परगना बिजनौर में 2.3239 हेक्टेयर भूमि को चिन्हित कर उपलब्ध करवाने के प्रस्ताव को मंजूरी.
• FDI नीति में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी.
• उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति 2020 के अंतर्गत 300 करोड़ के निवेश के प्रोत्साहन प्रस्ताव को मंजूरी.
• सेवानिवृत्त राज्य कर्मचारियों हेतु उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनिफिट रूल्स 1961 में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी.
• जनपद बागपत में अंतराष्ट्रीय योग एवं आरोग्य केंद्र स्थापना हेतु प्रस्ताव को मंजूरी,बागपत तहसील के ग्राम हरियाखेवा में 1.069 हेक्टेयर भूमि पर्यटन विभाग को निशुल्क हस्तांतरण को मंजूरी.
• प्रदेश के हेरिटेज इमारतों को संरक्षित करने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप द्वारा डेवलप करने के प्रस्ताव को मंजूरी !!

इसे भी पढ़ें-दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष नड्डा से मिले सीएम योगी, उपचुनाव की तैयारियों पर की चर्चा, महाकुंभ 2025 में आने का दिया निमंत्रण

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कैबिनेट की मीटिंग सोमवार को लोक भवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया. बैठक में 27 फैसले प्रस्तावों पर मुहर लगी है. कैबिनेट मीटिंग में उत्तर प्रदेश के महाविद्यालय में अध्यापकों के तबादला नीति में परिवर्तन किया गया है. अध्यापकों का तबादला अब से पहले 5 साल की नौकरी करने के बाद होता था. लेकिन नई नीति के तहत अब 3 साल में ही डिग्री कॉलेज के अध्यापकों का तबादला हो जाएगा. जिससे अनेक ऐसे अध्यापकों को लाभ मिलेगा जो जल्द अपने पसंद जिले में पहुंचाना चाहते हैं.

FDI नीति में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी
लोक भवन हुई बैठक के बाद वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने बैठक संबंधित जानकारियां मीडिया को दी. सुरेश खन्ना ने बताया कि उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. कैबिनेट बैठक में एफडीआई एवं फॉर्च्यून 500 कंपनियों के निवेश के लिए प्रोत्साहन नीति 2023 में संशोधन को मंजूरी दे दी. इस संशोधन के माध्यम से योगी सरकार ने विदेशी निवेशकों को बड़ी राहत दी है. इसके माध्यम से अब ऐसी विदेशी कंपनियां भी प्रदेश में निवेश कर सकेंगी जो इक्विटी के साथ-साथ लोन या किसी अन्य स्रोत से पैसों की व्यवस्था करती हैं. योगी सरकार के इस निर्णय से प्रदेश में विदेशी निवेश के बढ़ने की संभावना है.

मीडिया को जानकारी देते वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल
मीडिया को जानकारी देते वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल (Photo Credit; ETV Bharat)

फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट को मंजूरी
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि 1/11/2023 को फॉरेन डायरेक्टर इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) की नीति आई थी. इसमें थोड़ा संशोधन किया गया है. नीति में अर्हता के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा 100 करोड़ रुपए रखी गई है. आरबीआई द्वारा जो एफडीआई की परिभाषा दी गई है, उसके अनुसार अभी तक मात्र इक्विटी में किए गए निवेश को ही एफडीआई में सम्मिलित किया जाता है. नीति में जो संसोधन किया गया है, उसमें हमने इसे फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट का रूप दिया है. उन्होंने कहा कि अभी तक एफडीआई के तहत कंपनी के पास अपनी इक्विटी होती थी लेकिन ज्यादातर कंपनी अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए बाहर से लोन के साथ ही दूसरे माध्यमों से भी पैसा मैनेज करती हैं. हमने उसको भी अलाऊ कर दिया है. यदि किसी कंपनी के पास इक्विटी केवल 10 प्रतिशत है और 90 प्रतिशत निवेश राशि की व्यवस्था दूसरे स्रोतों से कर रखी होगी तो हम उसको भी बेनिफिट प्रदान करेंगे.

100 करोड़ के निवेश को माना जाएगा पात्र
सुरेश खन्ना ने बताया कि अब इस नीति को फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट, फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट एंड फॉर्च्यून ग्लोबल 500 एंड फॉर्च्यून इंडिया 500 इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी 2023 कहा जाएगा. फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट के रूप में इक्विटी में निवेश करने वाली विदेशी कंपनी के लिए प्रिफरेंश शेयर, डिवेंचर्स, एक्सटर्नल कॉमर्शियल बॉरोइंग, स्टैंड बाई लैटर ऑफ क्रेडिट, लैटर्स ऑफ गारंटी व अन्य डेब्ट सिक्योरिटी को भी शामिल कर दिया गया है. इसके अतिरिक्त, अन्य मोड जो आरबीआई के द्वारा फ्रेमवर्क ऑन एक्सटर्नल कॉमर्शियल बॉरोइंग, ट्रेड क्रेडिट, स्ट्रक्चर्ड ऑब्लीगेशंस के अंतर्गत किए गए 100 करोड़ के विदेशी निवेश की गणना के लिए अर्ह होंगे. विदेशी निवेशक कंपनी द्वारा की गई फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट राशि (जिसमें इक्विटी में न्यूनतम 10 प्रतिशत तथा शेष ऋण व अन्य इंस्ट्रूमेंट के माध्यम से मिलाकर 100 करोड़ रुपए का निवेश) को इस नीति के अंतर्गत पात्र माना जाएगा तथा पूंजी निवेश की गणना में सम्मिलित किया जाएगा.

बिना नॉमिनी भी हो सकेगा ग्रेच्युटी का भुगतान
मंत्री ने बताया कि योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनिफिट्स रूल्स 1961 में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है. इसके तहत यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु सेवा में रहते हुए अथवा सेवानिर्वत्ति के बाद ग्रेच्युटी की धनराशि प्राप्त किए बिना हो जाती है और उसने अपने पीछे कोई परिवार नहीं छोड़ा है और न ही कोई नॉमिनी बनाया है तो ग्रेच्युटी का भुगतान उस व्यक्ति को किया जा सकता है. जिसके पक्ष में किसी न्यायालय द्वारा उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रदान किया गया हो. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि पहले कि व्यवस्था में ऐसे व्यक्ति की ग्रेच्युटी की धनराशि सरकार को चली जाती थी.

इन प्रस्तावों को मिली मंजूरी

• मध्य गंगा नहर परियोजना के द्वितीय चरण पुनरीक्षण प्रस्ताव को मंजूरी संभल अमरोहा मुरादाबाद के 1850 ग्राम लाभान्वित होंगे.
• ललितपुर में भौरट बांध परियोजना के द्वितीय पुनरीक्षित प्रस्ताव को मंजूरी.
• केन बेतवा लिंक परियोजना हेतु प्रस्ताव को स्वीकृति, बुंदेलखंड के सूखाग्रस्त क्षेत्र को लाभ प्राप्त होगा.
● प्रदेश में पशु चिकित्सको की कमी को पूरी करने के लिए पशुपालन पाठ्यक्रम हेतु डिप्लोमा,सर्टिफिकेट कोर्स हेतु नीति तैयार करने के प्रस्ताव को मंजूरी.
• उत्तर प्रदेश शीरा नीति 2024-25 के प्रस्ताव को मंजूरी,1 नवम्बर 2024 से 31 अक्टूबर 2025 के शीरा वर्ष हेतु शीरा रिजर्वेशन को मंजूरी,19% शीरा रिजर्वेशन स्वीकृति.
• उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा विभाग हेतु नियमावली उत्तरप्रदेश सहायता प्राप्त महाविद्यालय अध्यापक स्थानांतरण नियमावली 2024 को मंजूरी, महाविद्यालय में न्यूनतम तैनाती के 5 वर्ष को घटाकर 3 वर्ष किया गया.
• उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2019 में संशोधन को मंजूरी. अन्य प्रदेशों के शिक्षण संस्थाओं को प्रदेश में स्थापित होने का अवसर.
• लखनऊ में अंग्रेज़ी एवं विदेशी भाषा केंद्रीय विश्वविद्यालय के लखनऊ परिसर स्थापना हेतु तहसील सरोजिनी नगर में चकरौली परगना बिजनौर में 2.3239 हेक्टेयर भूमि को चिन्हित कर उपलब्ध करवाने के प्रस्ताव को मंजूरी.
• FDI नीति में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी.
• उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति 2020 के अंतर्गत 300 करोड़ के निवेश के प्रोत्साहन प्रस्ताव को मंजूरी.
• सेवानिवृत्त राज्य कर्मचारियों हेतु उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनिफिट रूल्स 1961 में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी.
• जनपद बागपत में अंतराष्ट्रीय योग एवं आरोग्य केंद्र स्थापना हेतु प्रस्ताव को मंजूरी,बागपत तहसील के ग्राम हरियाखेवा में 1.069 हेक्टेयर भूमि पर्यटन विभाग को निशुल्क हस्तांतरण को मंजूरी.
• प्रदेश के हेरिटेज इमारतों को संरक्षित करने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप द्वारा डेवलप करने के प्रस्ताव को मंजूरी !!

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