लखनऊ : योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज लोकभवन में कैबिनेट की बैठक हुई. इसमें कई महत्वपूर्ण फैसलों पर योगी कैबिनेट ने मुहर लगाई है. योगी सरकार ने किसानों को राहत देते हुए ग्रामीण क्षेत्र के निजी ट्यूबवेल उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली आपूर्ति देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. ट्यूबवेल उपभोक्ताओं की बिजली बिल अप्रैल 2023 से माफ होने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
इसके साथ ही योगी सरकार ने होमगार्डों को भी राहत दी है. होमगार्डों का भोजन भत्ता में चार गुना बढ़ाने का प्रस्ताव पास किया गया है. वर्तमान में होमगार्ड स्वयंसेवकों को अंतरजनपदीय आवागमन के दौरान ड्यूटी भत्ते के अलावा 30 रुपये भोजन भत्ता मिलता है. अब होमगार्ड विभाग ने इसे बढ़ाकर 120 रुपये करने का प्रस्ताव पास किया है.
इसके अलावा किसानों को नई-नई तकनीक की जानकारी देने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों एवं राज्य कृषि प्रबंध संस्थान रहमानखेड़ा में इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित करने का प्रस्ताव भी पास हुआ है. मक्के का रकबा बढ़ाने और बेबी कॉर्न की खेती करने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगी है.
यूपी में दौड़ेंगे हाईड्रोजन वाहन: ग्रीन हाइड्रोजन नीति लागू करने का प्रस्ताव भी योगी सरकार ने पास किया है. इससे प्रदेश के विभिन्न शहरों में ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन, हाइड्रोजन बस सहित अन्य वाहन चलाने की योजना शुरू होगी. ई तापीय परियोजना को अनुमोदन, मथुरा पशु चिकित्सा विज्ञान विवि के शिक्षकों को 7वें वेतन आयोग का एरियर देने का प्रस्ताव भी पास हुआ है. बैठक में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक सहित सभी मंत्री शामिल हुए.
एससीआर पर जल्द शुरू हो सकता है काम : प्रदेश के पहले राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) को बनाने का काम जल्द शुरू होगा. इसको लेकर सबसे पहले राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण और अन्य क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण का गठन करने का काम सरकार करेगी. इसके साथ ही कैबिनेट बैठक में लखनऊ में मेट्रो रेल के दूसरे चरण में चारबाग से बसंतकुंज तक बनने वाली परियोजना (ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर) को शुरू करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल सकती है.
राजधानी में मेट्रो सेवा के विस्तार को लेकर भी सरकार कैबिनेट के माध्यम से प्रस्ताव को मंजूरी दी है. अब लखनऊ में लम्बे इंतजार के बाद दूसरे चरण की मेट्रो परियोजना की भी शुरुआत जल्द होने जा रही है. दूसरे चरण का ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर करीब 11 किलोमीटर लंबा रूट होगा.
चारबाग से बसंतकुंज तक बनने वाले इस कॉरिडोर के निर्माण पर करीब 4565 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि खर्च होने का अनुमान है. इसमें कुल 12 स्टेशन होंगे और इनमें से सात स्टेशन भूमिगत तो पांच स्टेशन एलिवेटेड बनेंगे.