श्रीनगर: उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश नेगी के उत्तराखंड में प्रस्तावित 38वें नेशनल गेम्स में पेंचक सिलाट, मलखंब, मुर्गा झपट और योग को खेल स्पर्धा के रूप में शामिल करने के बयान के बाद गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के योग विभाग में अध्ययनरत छात्रों में खुशी की लहर है.
योग विभाग की एचओडी ने जाहिर की खुशी: गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय की योग विभाग की एचओडी डॉक्टर अनुजा रावत ने बताया कि योग के माध्यम से आत्म ज्ञान की प्राप्ति हुआ करती थी. हमारे पूर्वज इस विधा के अग्रदूत रहे हैं. अब इसे एजुकेशन पैटन में लाया गया है.
ओलंपिक में योग के शामिल होने की संभावनाएं बढ़ीं: उन्होंने बताया कि योग को लेकर पूर्व में ही छात्रों में उत्साह रहा है. पहले भी इंटर लेवल से लेकर कॉलेज लेवल पर योग प्रतियोगिताओं का समय-समय पर आयोजन होता रहा है, लेकिन अब अगर योग को नेशनल गेम्स में जगह मिलती है, तो इससे ओलंपिक में भी योग के शामिल होने की संभावनाएं और बढ़ जाती हैं.
छात्रों के लिए रोजगार के खुलेंगे द्वार: गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय की छात्रा मीनाक्षी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इससे भारतीय संस्कृति को नया आयाम मिलेगा और भारत की यह प्राचीन कला और भी निखरेगी. उन्होंने कहा कि अगर उत्तराखंड में प्रस्तावित 38वें नेशनल गेम्स में योग शामिल किया जा रहा है, तो हमारे लिए रोजगार के नये अवसर विकसित होंगे.
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