जयपुर : राजस्थान में सत्ता की कमान संभालने के अगले ही दिन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश से संगठित अपराध का खात्मा करने और संगठित अपराध से जुड़े लोगों की जड़ें खोखली करने के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) का गठन किया. इसकी कमान तेज-तर्रार आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन को सौंपी गई. इस टास्क फोर्स ने बीते एक साल में 55 से ज्यादा इनामी बदमाशों को जेल की सलाखों तक पहुंचाया है. इनमें 50 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक के इनामी बदमाश भी शामिल हैं. इसके साथ ही हथियारों और नशे के सौदागरों पर भी एजीटीएफ ने शिकंजा कसा है.
टीम ने मादक पदार्थों और शराब की तस्करी में लिप्त 15 तस्करों को टास्क फोर्स ने गिरफ्तार किया है, जबकि हथियारों की खरीद-फरोख्त से जुड़े 27 तस्करों को भी दबोचा है. एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के मुखिया और एडीजी (क्राइम) दिनेश एमएन ने बीते दिनों दावा किया था कि टास्क फोर्स के सक्रिय होने के बाद प्रदेश में फायरिंग की घटनाओं में कमी आई है. अब सरकार इस टास्क फोर्स को और मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रही है.
50 हजार से एक लाख तक के इनामी बदमाश दबोचे : राजस्थान पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने इस साल करीब 55 इनामी बदमाशों को दबोचने में सफलता हासिल की है. इनमें 50 हजार रुपए के सात इनामी बदमाश शामिल हैं, जबकि एक-एक बदमाश पर 75 हजार रुपए और एक लाख रुपए का भी इनाम है. ऐसे में दावा किया जा रहा है कि प्रदेश में संगठित अपराध से जुड़े बदनाशों के हौसले पस्त हुए हैं. हालांकि, फिरौती और रंगदारी के लिए धमकाने के मामलों पर अभी भी पूरी तरह अंकुश लगना बाकि है.
फायरिंग के मामलों में दर्ज की गई गिरावट : एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के मुखिया व एडीजी (क्राइम) दिनेश एमएन का कहना है कि प्रदेश में फायरिंग के मामलों में पिछले साल के मुकाबले कमी दर्ज की गई है. साल 2023 के पहले छह महीने की तुलना में इस साल के शुरुआती छह महीने में फायरिंग की घटनाओं में 41.89 फीसदी की कमी आई है. इसी अवधि में फायरिंग की वारदातों में घायलों की संख्या में 59.56 फीसदी और जान गंवाने वालों की संख्या में 44.44 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.
यह हैं प्रदेश में फायरिंग की घटनाओं के आंकड़े : एडीजी दिनेश एमएन का कहना है कि प्रदेश में साल 2021 में जून महीने तक फायरिंग के 223 मुकदमे दर्ज हुए. इन घटनाओं में 129 लोग घायल हुए और 32 लोगों की मौत हो गई. साल 2022 में जून महीने तक प्रदेश में फायरिंग के 272 प्रकरण दर्ज हुए. इनमें 151 घायल हुए 30 की मौत हो गई. इसी प्रकार साल 2023 में जून महीने तक फायरिंग के 265 मुकदमे दर्ज हुए. इन घटनाओं में 183 लोग घायल हुए और 27 लोगों की मौत हो गई. इसकी तुलना में साल 2024 में जून महीने तक फायरिंग के 154 मुकदमे दर्ज हुए हैं. इस साल जून तक फायरिंग की घटनाओं में 74 लोग घायल हुए हैं, जबकि 15 लोगों की इन घटनाओं में मौत हुई है
गोदारा गैंग के अमरजीत को इटली में पकड़वाया : एजीटीएफ ने रोहित गोदारा गैंग के सक्रिय बदमाश अमरजीत सिंह विश्नोई को इटली के सिसली शहर में गिरफ्तार करवाया था. वह हरियाणा के सचिन गोधा हत्याकांड में भी वांछित है. इटली के सिसली शहर के त्रिपानी कस्बे में 8 जुलाई को एजीटीएफ की सूचना पर गैंगस्टर अमरजीत सिंह विश्नोई को इटली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वह बीकानेर का रहने वाला है. सीकर के राजू ठेहट हत्याकांड में शूटर्स को हथियार मुहैया करवाने में अमरजीत की अहम भूमिका थी.
फर्जी पासपोर्ट से बदमाशों को विदेश भेजने वालों पर शिकंजा : एजीटीएफ ने संगठित अपराध से जुड़े बदमाशों खास तौर पर लॉरेंस विश्नोई गैंग और रोहित गोदारा गैंग के बदमाशों को फर्जी पासपोर्ट के जरिए विदेश भेजने वाले गिरोह पर भी शिकंजा कसा है. ऐसे गिरोह के बारे में सूचना मिलने के बाद बीकानेर जिले के कालू थाने में फर्जी पासपोर्ट बनाने वाले गिरोह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सरगना राहुल सरकार को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया गया है. सरदारशहर (चूरू) में इस गिरोह के सरगना महेंद्र सारण और राहुल रिणाउ के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है.
सोशल मीडिया पर भी रखी जा रही कड़ी निगरानी : संगठित अपराध से जुड़े बदमाशों की धरपकड़ के साथ ही सोशल मीडिया पर इनका महिमा मंडन करने वालों पर भी एजीटीएफ ने शिकंजा कसा है. ऐसे युवाओं की सतत निगरानी कर उन्हें पाबंद किया गया है. इसके साथ अपराधियों की काली कमाई से अर्जित संपत्ति की कुंडली भी तैयार की गई है. अपराधियों की अवैध गतिविधियों से निर्मित 29 संपत्तियों को ध्वस्त किया गया है. आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए एजीटीएफ ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली पुलिस के साथ ही केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई एवं एनआईए के साथ उच्च स्तरीय मीटिंग भी की है.
अपराधी प्रदेश छोड़कर भागे- मंत्री बेढ़म : गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म का कहना है कि अपने एक साल के कार्यकाल में सरकार ने कानून व्यवस्था को लेकर कई अहम फैसले लिए हैं. इसका असर यह हुआ है कि अपराधी प्रदेश छोड़कर भागे हैं. अपराधी कहीं भी जाकर छिप जाए, पुलिस उन्हें ढूंढकर सलाखों के पीछे पहुंचाएगी. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस राज में अपराधी बेखौफ होकर अपराध करते थे, लेकिन हमारी सरकार आने के बाद कठोर कदम उठाए गए हैं. इसका असर यह हुआ कि प्रदेश में अपराध के ग्राफ में कमी आई है.