जोधपुर: सामान्यत कला प्रदर्शनियों में पेंटिंग, फाइन आर्ट्स को दर्शाया जाता है. ऐसे में क्या धागे से भी कलाकृति बनाई जा सकती है ? जोधपुर में एक ऐसी एग्जीबिशन लगी है, जिसमें यार्न आर्ट यानी धागों से जुड़ी हुई कला को पेंटिंग्स की तरह दिखाया गया है. सूत्र कला फाउंडेशन की ओर से टेक्सटाइल सेक्टर में काम करने वाले आर्टिजन को पहचान दिलाने व उनकी कला से दुनिया को परिचित कराने के लिए पहली बार यह प्रदर्शनी जोधपुर में लगाई गई है.
इस प्रदर्शनी में देश-विदेश के 52 कलाकारों की मेहनत को प्रदर्शित किया गया है. इन कलाकृतियों में दर्शाया गया है कि कैसे एक धागा अलग-अलग कलाओं में स्वयं को ढालता है. यह स्थानीय आर्टिजन के लिए नया फ्लेवर और कलेवर लाई है. यहां के आर्टिजन को पता चलेगा कि दुनिया में हस्तकला के कैसे काम होते हैं.
इस प्रदर्शनी में जितनी भी आर्ट डिस्प्ले हुई हैं, सभी में हाथ से कपड़े पर धागों से अपनी कला को उकेरा गया है. यह एक तरह की एम्बोर्डरी का नया रूप है. यहां प्रदर्शित कलाकृतियों में बिहार, हिमाचल के चंबा, गुजरात के कच्छ, दिल्ली, न्यूयॉर्क और फ्रांस सहित 52 से अधिक कलाकारों की मेहनत शामिल है.
हर कला कुछ न कुछ रिप्रजेंट करती है : क्राफ्ट एक्सपर्ट जूही ने बताया कि यह एग्जीबिशन अपने आप में अनूठी है. जितनी भी कलाएं यहां लगी हैं, उनमें एक कहानी झलकती है, जो न केवल उस कलाकार बल्कि उस क्षेत्र और उनके आइडिया को दर्शाती है. पूरी एग्जीबिशन ट्रेडिशनल न होकर कंटेपररी थॉट प्रोसेस पर है. जोधपुर के लिए नए अवसर के तौर पर इसे लगाया गया है. इसमें बहुत से लोगों ने सहयोग दिया है.