नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में यमुना का जल स्तर बुधवार को कम दर्ज किया गया है. हालांकि, दिल्ली सरकार का मानना है कि हथिनीकुंड से 13,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, इस पानी के दिल्ली में पहुंचने पर यमुना का जलस्तर बढ़कर वार्निंग लेवल तक पहुंच सकता है. वहीं, यमुनानगर में रहने वाले लोगों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से यमुना उफान पर थी, लेकिन अब यमुना का जलस्तर कम हो गया है.
यमुना में बढ़ते जल स्तर को लेकर मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों साथ यमुना की वर्तमान स्थिति का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान क्षेत्रीय डीएम और एसडीएम भी मौजूद रहे. भारद्वाज ने बताया कि अभी यमुना का जल स्तर 204.35 पर है, जो वार्निंग लेवल के आसपास है. उन्होंने बताया कि अभी किसी प्रकार के खतरे की कोई आशंका नहीं है.
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पत्रकारों से बताया कि हथिनी कुंड बैराज से लगभग 13000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसकी वजह से दिल्ली में यमुना में जल स्तर बढ़ने की आशंका है. उन्होंने बताया कि सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा मॉनसून आने से पहले ही यमुना के बीच-बीच में बने मिट्टी के टापू के बीच में पायलट कट लगाए गए थे, जो इस बार मॉनसून आने पर बेहद ही कारगर सिद्ध हुआ है.
सौरभ भारद्वाज ने बताया इन टापू के बीच में बनाए गए पायलट कट के माध्यम से पानी आसानी से निकल रहा है. साथ ही साथ जो टापू सालों से धीरे-धीरे जम रही मिट्टी के कारण बन गए थे, वह सभी टापू भी पानी के बहाव के साथ बेहकर निकल गए. वर्तमान स्थिति में यमुना का पानी आसानी से बहकर आगे निकल जा रहा है. उन्होंने कहा यदि यमुना में पानी का स्तर बढ़ा भी तो यमुना के आसपास के क्षेत्र में इस बार पानी भरने की समस्या नहीं होगी.
ये भी पढ़ें: