मुजफ्फरनगर: अर्जुन अवार्डी रेसलर दिव्या काकरान इन दिनों मुश्किलों के दौर से गुजर रही हैं. डोप टेस्ट में फेल होने के बाद उन पर चार साल के बैन का खतरा मंडरा रहा है. इस बीच उनका बड़ा बयान सामने आया है. उनका कहना है कि मेरे करियर को बर्बाद करने की कोशिश की गई है. वह बेगुनाह हैं.
अर्जुन अवार्डी पहलवान दिव्या काकरान ने कहा कि उन्होंने 30 से अधिक बार विदेश दौरे किए हैं. लेकिन, कभी गलत चीजों का इस्तेमाल नहीं किया. उनका करियर बर्बाद करने के लिए कुछ लोग साजिश रच रहे हैं. वह पूरी तरह से बेगुनाह है.
नाडा ने दिव्या के घर से लिए थे सैंपल: नोएडा में नायब तहसीलदार के पद पर तैनात दिव्या काकरान के राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने सैंपल लिए थे. सैंपल में प्रतिबंधित स्टेरायड मिथाइल टेस्टोस्टोरॉन और उसके मेटाबोलाइट्स पाए गए. नाडा ने 15 दिसंबर को दिव्या के आवास से सैंपल लिए थे.
दिव्या पर लग सकता है चार साल का बैन: फिर उसकी टेस्टिंग नाडा से मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय डोप टेस्ट लैबोरेटरी में की गई थी. लैब की टेस्टिंग में एनाबॉलिक एंड्रोजेनिक स्टेरायड पाया गया है. उसी के चलते पहलवान दिव्या काकरान का यह बयान सामने आया है. उन पर चार साल के बैन का खतरा मंडरा रहा है.
पेरिस ओलंपिक के टिकट का खतरा: दो बार की एशियन चैंपियन दिव्या काकरान अगर राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी के सामने खुद को बेगुनाह साबित नहीं कर पाती हैं तो उन पर चार साल का बैन लग सकता है. इससे दिव्या के पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने में बाधा आ सकती है.
दिव्या को बी सैंपल की जांच में भी नहीं मिली राहत: बता दें कि नाडा 10 जनवरी को ही दिव्या पर अस्थायी बैन लगा चुकी है. इसके चलते वह जयपुर और पुणे, किसी भी नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले पाईं. डोप टेस्ट में फेल होने के बाद खिलाड़ियों के पास बी सैंपल की जांच कराने का विकल्प होता है. हालांकि दिव्या को वहां भी कोई राहत नहीं मिली है.
दिव्या ने बृजभूषण शरण सिंह का दिया था साथ: दिव्या काकरान बी सैंपल का टेस्ट भी करा चुकी हैं. बता दें कि दिव्या ने अप्रैल में हुए धरने में बृजभूषण शरण सिंह का साथ दिया था. उन्होंने साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के आरोपों को गलत बताया था. उन्होंने तब कहा था कि धरना दे रहे पहलवान झूठ बोल रहे हैं.
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