नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ा हुआ है. मंगलवार को दिल्ली औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 355 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है.
केंद्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली में मंगलवार सुबह 7:30 बजे तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 355 दर्ज किया गया, जबकि दिल्ली एनसीआर के शहर फरीदाबाद में 205, गुरुग्राम में 234 गाजियाबाद में 269 ग्रेटर नोएडा में 286 और नोएडा में 235 एक्यूआई रहा.
#WATCH | Delhi covered in a layer of haze in the morning as air quality remains in 'very poor' category as per Central Pollution Control Board (CPCB) and winters arrive gradually. Visuals from the area around Akshardham Temple and Mayur Vihar.
— ANI (@ANI) November 12, 2024
(Drone visuals shot between 8:15 am… pic.twitter.com/7rADspxlzn
दिल्ली के इन 5 इलाकों में AQI लेवल 400 पार
- आनंद विहार - 404
- जहांगीरपुरी - 418
- मुंडका - 406
- रोहिणी - 415
- वजीरपुर - 424
वहीं, दिल्ली के अन्य अधिकांश इलाकों में एक्यूआई स्तर 300 और 400 के बीच बना हुआ है, जिसमें अलीपुर में 358, अशोक विहार में 391, आया नगर में 347, बवाना में 393, बुराड़ी क्रॉसिंग में 374 चांदनी चौक में 371, मथुरा रोड में 347 डॉक्टर करणी सिंह शूटिंग रेलवे 345, डीटीयू में 364, द्वारका सेक्टर 8 में 366 और आईजीआई एयरपोर्ट में 344 एक्यूआई दर्ज किया गया.
़#WATCH | Toxic foam floats on the surface of Yamuna River in Delhi's Kalindi Kunj area. Visuals also show a layer of haze in the sky as the air quality remains in the 'Very Poor' category.
— ANI (@ANI) November 12, 2024
Drone visuals shot between 7.30 am to 8 am. pic.twitter.com/gddKysMFmX
इसके अलावा आईटीओ में 347, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 322, लोधी रोड में 313, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में 353, मंदिर मार्ग में 335, नजफगढ़ में 356, नरेला में 356, नेहरू नगर में 372, NSIT द्वारका में 364, ओखला फेस 2 में 354, पटपड़गंज में 371, पंजाबी बाग में 382, पूषा में 320, आर के पुरम में 366, शादीपुर में 361, सिरी फोर्ट में 342, सोनिया विहार में 380 और विवेक विहार में 385 एक्यूआई बना हुआ है. एक दिन पहले सोमवार को दिल्ली में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 347 दर्ज किया गया था.
#WATCH | Delhi continues to be covered in a blanket of smog in the mornings as the air quality in the city remains in 'Very Poor' category as per Central Pollution Control Board (CPCB).
— ANI (@ANI) November 12, 2024
Visuals from the area around Akshardham. pic.twitter.com/55NpTDvOwg
पिछले 10 महीने में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से 800 से ज्यादा शिकायतें
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को पिछले 10 महीनों में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से 800 से अधिक प्रदूषण संबंधी शिकायतें मिली हैं. पर्यावरणविद् अमित गुप्ता द्वारा दायर एक आरटीआई के जवाब में, सीपीसीबी ने कहा कि उसे 29 अक्टूबर तक दिल्ली से 665 शिकायतें, नोएडा से 143 और गुरुग्राम और फरीदाबाद से 28 शिकायतें मिली हैं. सभी शिकायतें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स, समीर ऐप या ईमेल के जरिए दर्ज की गईं.
अमित गुप्ता ने पीटीआई को बताया कि प्रदूषण से संबंधित सैकड़ों शिकायतें मिलने के बावजूद, सीपीसीबी के जवाब में इन शिकायतों को दूर करने में विफल रहने वाले दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों के खिलाफ किसी भी कार्रवाई का रिकॉर्ड नहीं दिखा, जैसा कि 26 नवंबर, 2018 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश में अनिवार्य किया गया था. अमित गुप्ता ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि अगर वे प्रदूषण की शिकायतों को दूर करने में विफल रहते हैं तो उन्हें जवाबदेह ठहराया जाए.
#WATCH | Delhi: A layer of smog engulfs the area surrounding Kartavya Path as the Air Quality Index (AQI) across Delhi continues to be in 'Very Poor' category in several areas as per the Central Pollution Control Board (CPCB). pic.twitter.com/fcbHiSO5ux
— ANI (@ANI) November 12, 2024
दो दिसंबर, 2022 की अपनी आरटीआई प्रतिक्रिया में, सीपीसीबी ने कहा कि उसने उत्तरी दिल्ली नगर निगम (नॉर्थ एमसीडी), दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम (डीएसआईआईडीसी), लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) जैसे स्थानीय निकायों को कानूनी नोटिस जारी किए थे. अमित गुप्ता ने बताया कि पिछले हफ्ते, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने शिकायत समाधान की धीमी गति और राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से संबंधित मामलों के बढ़ते बैकलॉग पर चिंता जताई थी.
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार का काम सौंपे गए केंद्र के पैनल ने शिकायतों के समाधान के लिए अधिक सक्रिय दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें कहा गया कि मुद्दों के समाधान में देरी वायु गुणवत्ता प्रबंधन उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन में बाधा डालती है. सोमवार की सुबह, राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता को "बहुत खराब" के रूप में वर्गीकृत किया गया था, जिसमें सुबह 9 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 349 था.
#WATCH | Delhi: The Air Quality Index (AQI) in the Anand Vihar area dips into the 'Severe' category as per the Central Pollution Control Board (CPCB). pic.twitter.com/aCUbCcizDC
— ANI (@ANI) November 12, 2024
दिल्ली-एनसीआर में सबसे प्रदूषित दिल्ली
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों की मानी तो दिल्ली एनसीआर में सबसे प्रदूषित दिल्ली है. दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 355 के साथ रेड जोन में बना हुआ है. दिल्ली के अधिकतर इलाकों का प्रदूषण स्तर 300 के पार है जबकि कई इलाकों का प्रदूषण स्तर तो 400 के पर भी पहुंच गया है.
बीमार कर रही जहरीली हवा
छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए प्रदूषण सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है. सुबह के वक्त दिल्ली एनसीआर में लोग पार्कों में दिखाई देते हैं लेकिन प्रदूषण के लेवल में हुए रिकॉर्ड तोड़ इजाफे के बाद बुजुर्ग घरों में कैद हैं. अस्थमा से ग्रसित लोगों के लिए प्रदूषण सबसे ज्यादा खतरनाक है. दिल्ली एनसीआर के अस्पतालों में सांस की तकलीफ के मरीज बढ़े हैं. एम्स दिल्ली के पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. करण मदान के अनुसार, ओपीडी में सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित मरीजों की संख्या में 15 से 20% की वृद्धि देखी जा रही है.
- एयर क्वॉलिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है.
- 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब'
- 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को गंभीर
- 500 से ऊपर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है.
(विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं.)
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