रामगढ़: देश के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ स्थल मां छिन्नमस्तिका मंदिर में भी शारदीय नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा पूरे विधि विधान से की गई. मां को विशेष भोग लगाया गया. इस दौरान पूरे मंदिर को भव्य तरीके से फूलों से सजाया गया था. बंगाल से कारीगरों ने फूलों से मंदिर को एक नया रूप दिया है, जो भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मंदिर की भव्यता और सजावट देखकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो रहे हैं, रात में मंदिर की छटा देखने लायक है.
नवरात्र शुरू होने से पूर्व ही कोलकाता से आए 30 कारीगरों की टीम मंदिर को फूलों से भव्य रूप देने में लगी हुई थी. देसी विदेशी फूलों से पूरे मंदिर प्रक्षेत्र को सजाया गया है. मंदिर परिसर में चारों ओर मंत्र उच्चारण हो रहे हैं और भक्तिमय माहौल है. नवरात्र के पहले दिन मंदिर रंग बिरंगे फूलों और दूधिया रोशनी से नहाया हुआ दिख रहा है. रात में मंदिर की लाइटिंग और फूलों की सजावट मंदिर की भव्यता को और चार चांद लगा रहे हैं.
मंदिर के पुजारी बिपलब पंडा ने बताया कि अहले सुबह ही मंदिर के पट को खोल दिया गया था, सुबह मंगला आरती के बाद से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के मंदिर पहुंच मां छिन्नमस्तिका देवी की विधिवत पूजा-अर्चना की. उन्होंने बताया कि माता का आशीर्वाद लेने के बाद लोग फूलों की सजावट के साथ सेल्फी भी ले रहे हैं. नवरात्र में माता के पूजा अर्चना के लिए झारखंड ही नहीं बल्कि देश-विदेश से श्रद्धालु यहां आते हैं और मां का आशीर्वाद लेते हैं. मान्यता है कि यह सिद्ध पीठ माता का जागृत मंदिर है और यहां जो भी श्रद्धालु आते हैं और सच्चे मन से पूजा करते हैं माता उनकी मनोकामना पूरी करती है.
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