लखनऊ : मुरादाबाद के एक नामचीन डॉक्टर को सोशल मीडिया में मिली एक लड़की से प्यार हो गया और वो उसके चक्कर में सब कुछ भूल गए. एक ही माह में ऑनलाइन दोस्त ने उनसे 53 लाख रुपये वसूल लिए और रफूचक्कर हो गई. राजधानी के एक इंजीनियर को डेटिंग एप पर एक युवक से प्यार हो गया. जब वो दोनों एक दूसरे से मिले तो ऑनलाइन दोस्त ने इंजीनियर को लूट लिया. डॉक्टर व इंजीनियर ही नहीं बल्कि देश के साइबर ठगी के शिकार में 66 प्रतिशत लोग ऑनलाइन रोमांस के चक्कर में ठगे जा रहे हैं. यह खुलासा वर्ल्डवाइड साइबर फ्रॉड के मामलों में शोध करने वाली एक साइबर सिक्योरिटी कंपनी की रिसर्च में हुआ है.
66 प्रतिशत लोग ऑनलाइन रोमांस स्कैम के शिकार : साइबर सिक्योरिटी कंपनी पूरी दुनिया में हो रहे साइबर फ्रॉड पर शोध करती है. इसी क्रम में कंपनी ने भारत में हो रहे साइबर फ्रॉड के मामलों में भी शोध किया था. रिपोर्ट में सामने आया है कि भारत में बीते दो वर्ष में 23 लाख से अधिक साइबर फ्रॉड के मामले सामने आए हैं. जिसमें वित्तीय धोखाधड़ी की गई. इसमें ऑनलाइन रोमांस स्कैम के मामले बढ़े हैं. 66 प्रतिशत लोग ऑनलाइन डेटिंग स्कैम का शिकार हुए हैं. बीते वर्ष 43 प्रतिशत लोग AI वाइस स्कैम का शिकार बने हैं. इसके अलावा अन्य लोग ऑनलाइन जॉब, एटीएम क्रेडिट कार्ड, ओटीपी और अन्य तरीकों से ठगे गए हैं.
डीप फेक और AI का इस्तेमाल कर हो रहा रोमांस स्कैम : रिसर्च के मुताबिक, बीते कुछ वर्षों में ऑनलाइन रोमांस स्कैम का जालसाजों ने तरीका भी बदला है. अब इसके लिए जालसाज आवाज और चेहरे का भी इस्तमाल कर रहे हैं. हालांकि ये फेक होती है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीपफेक का इस्तेमाल कर ठगी के लिए प्रयोग किया जाता है. रिपोर्ट के अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जहां एक तरफ देश दुनिया के लिए एक नई क्रांति लेकर आई है. इसी का एक अंग एआई जनरेटेड डीपफेक भारत में रहने वालों के लिए समस्या उत्पन्न कर रही है. रिपोर्ट के अनुसार सैंपलिंग वाइस के जरिए जब जांच की गई तो भारत के 69 प्रतिशत लोग एआई और रियल वॉइस में फर्क नहीं बता सके. यही वजह है कि साइबर ठग एआई व डीपफेक टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर रोमांस स्कैम अंजाम दे रहे हैं.
महिलाओं से दुष्कर्म मामलों में 45% ऑनलाइन दोस्त : ऑनलाइन रोमांस के चक्कर में महिलाओं और बच्चियों की आबरू भी खतरे में पड़ती है. एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक देश में वर्ष 2022 में महिलाओं के साथ 29 हजार 900 लोगों ने का यौन शोषण किया था. इसमें 13 हजार 822 वे आरोपी थे जो ऑनलाइन माध्यमों से पीड़ितों से मिले थे. उत्तर प्रदेश में महिलाओं का यौन शोषण करने वाले कुल 3,690 आरोपियों के सापेक्ष ऑनलाइन माध्यमों से मिले 1,410 दोस्तों ने महिलाओं के साथ यौनशोषण की घटना को अंजाम दिया. वहीं 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे भी ऑनलाइन रोमांस के जाल में फंसे. देश में वर्ष 2022 में कुल 36 हजार 584 आरोपियों ने बच्चों का यौन शोषण किया. इसमें 19 हजार 107 ऑनलाइन फ्रेंड थे. उत्तर प्रदेश में बच्चों के साथ अपराध करने वाले 3,438 आरोपियों में 1,147 आरोपी ऐसे थे, जिन्होंने नाबालिग की आबरू तार तार कर दी.
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