बालाघाट। परसवाड़ा सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में सावन की झमाझम बारिश के बीच धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया. इस दौरान पर परसवाड़ा के कृषि उपज मंडी प्रांगण में बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग जमा हुए. सबसे पहले विश्राम गृह के समीप स्थित बड़ा देव स्थल पर पूजा अर्चना की गई. इसके बाद डीजे की धुन पर नाचते गाते 'जय आदिवासी, जय सेवा, जय जोहारट' के नारों के साथ बड़ी संख्या में समुदाय के लोगों ने पारंपरिक वेशभूषा मे रैली निकाली.
झमाझम बारिश में डांस करते हुए पहुंचे कार्यक्रम स्थल तक
रैली में क्रांतिसूर्य जननायक बिरसा मुंडा व रानी लक्ष्मीबाई के रूप धरे बालक बालिकाओं की घोड़ों झांकी भी देखने लायक रही. लोगों ने अपने हाथों में आदिवासी ध्वज थामे रखा. आदिवासी समुदाय की यह रैली परसवाड़ा बस स्टैंड से पारंपरिक नृत्य करते हुए कृषि उपज मंडी प्रांगण में पहुंची. यहां गांवों से पहुंचे आदिवासियों का उत्साह देखते ही बनता था. सांस्कृतिक कार्यक्रम में आदिवासी समुदाय के नौनिहालों द्वारा रंगारंग प्रस्तुति दी गई. इस मौके पर पूर्व विधायक दरबू सिंह उईके ने कहा "नशे से बचें और शिक्षा ग्रहण करें ताकि सभी आगे बढ़ सकें."
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कार्यक्रम में आदिवासी समुदाय के ये नेता मौजूद रहे
आदिवासी नेता जिला पंचायत सदस्य दलसिंह पन्द्रे ने कहा "सभी लोगों को समाज के विकास तथा मुख्यधारा मे जुड़कर देश की प्रगति में अपना योगदान देना चाहिए." इस दौरान परसवाड़ा विधायक मधु भगत, लघु वनोपज जिलाध्यक्ष अशोक मंडलेकर, जिला पंचायत सदस्य टामेश्वर पटेल, जनपद अध्यक्ष समलसिंह धुर्वे, पूर्व जनपद अध्यक्ष सुशीला सरोते, परसवाड़ा सरपंच गायत्री कुमरे, जनपद सदस्य रामेश्वर धानेश्वर, उपसरपंच भजनलाल उइके, सरपंच कपूर वरकड़े, पूर्व सरपंच हिम्मतसिंह मेरावी, महेश मरकाम, दिनेश वल्के, श्री मेरावी, चीनी सरपंच प्रमिला उईके, सरपंच कपूर वरकड़े, भजन वल्के, नाटा सरपंच कुंवर मेरावी, बीएमओ डॉ. वरुणसिंह परते, अनिल मेरावी सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग मौजूद रहे.