जयपुर. सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ अशोक गर्ग ने बताया कि पांचवी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे स्टडी में भारत के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में एक स्टडी की गई थी. इस अध्ययन के जरिए देश के 707 जिलों के करीब 18 लाख लोगों के बारे में जानकारी जुटाई गई. इस जांच में सामने आया कि हमारे देश में हर चौथा व्यक्ति यानी तकरीबन 28 फीसदी आबादी हाई ब्लड प्रेशर का शिकार है. इन प्रभावित लोगों में से महज 8.5 प्रतिशत लोग ही ऐसे हैं, जिनका बीपी यानी ब्लड प्रेशर पूरी तरह से नियंत्रण में है, जबकि हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित आधे से ज्यादा लोग यानी 53 % लोगों को इस बात का अंदाजा भी नहीं है कि वो हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी से ग्रसित हैं.
इस बारे में विश्व विख्यात मेडिकल जर्नल जामा नेटवर्क यानी "जर्नल ऑफ़ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन नेटवर्क" में साल 2023 के अक्टूबर में की गई स्टडी पर एक रिपोर्ट भी प्रकाशित की गई थी. इस तरह जाहिर है कि बीपी जैसी बीमारी का दायरा वक्त के साथ कितने लोगों को अपनी जद में ले चुका है. इसके अलावा ICMR INDIAB-17 नाम की स्टडी Lancet.. Endocrine जर्नल में प्रकाशित हुई थी. इसके मुताबिक हमारे देश में 35.5% आबादी आज उच्च रक्तचाप का शिकार है. जहां तक राज्यों की बात है तो सिक्किम जैसे राज्यों में इस तरह की बीमारी का शिकार लोगों की संख्या देश में सबसे ज्यादा यानी 40 प्रतिशत के पास है. वहीं, राजस्थान में 18 फीसदी के करीब आबादी हाइपरटेंशन की मरीज है.
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इन अंगों पर पड़ता है असर : डॉक्टर अशोक गर्ग के मुताबिक दुनियाभर में होने वाली मौतों में 12.8 फीसदी के करीब मौत हाइपरटेंशन के कारण होती है. इसका मतलब यह है कि हाई ब्लड प्रेशर का सही से इलाज नहीं लेना घातक हो सकता है. इसके कारण हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर जैसे मामले सामने आते हैं, वहीं लकवा, गुर्दे की खराबी, आंख के पर्दे की खराबी जैसे सेहत से जुड़े दुष्परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं. ऐसे में तीस साल की उम्र के बाद प्रत्येक व्यक्ति को नियमित अंतराल पर अपने ब्लड प्रेशर की जांच जरूर करवानी चाहिए, ताकि बीमारी नजर आने पर वक्त पर इलाज लिया जा सके.
इस तरह से समझें हाइपरटेंशन : हाइपरटेंशन को ‘साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है, क्योंकि इसके कोई सटीक लक्षण नहीं होते हैं. हालांकि, सिरदर्द, थकान और सुस्ती होना, चिड़चिड़ापन, दिल की धड़कन का बढ़ना, सीने में दर्द के साथ-साथ सांसें तेज चलना या सांस लेने में तकलीफ होना जाहिर करता है कि आप हाइपरटेंशन के मरीज हो सकते हैं. ऐसे मरीजों को आंखों से धुंधला दिखना और नाक से खून आने जैसे लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं. ऐसे में परिवार में हिस्ट्री के आधार पर भी जांच लगातार करनी चाहिए.