नई दिल्ली: नई दिल्ली के भारत मंडपम में चल रहे वर्ल्ड फूड इंडिया-2024 का रविवार को समापन हो गया. इसमें छत्तीसगढ़ के महुआ से बने फूड प्रोडक्ट्स ने खूब धूम मचाई. छत्तीसगढ़ से आई अनीश्वरी भगत ने बताया कि छत्तीसगढ़ एक आदिवासी बहुल प्रदेश है. आदिवासी बहुल इलाकों में लोगों के लिए महुआ जीविका का एक स्रोत है. पहले महुआ से केवल शराब बनाई जाती थी, लेकिन बीते दो वर्षों से वह छत्तीसगढ़ की स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं के साथ मिलकर वे महुआ से लजीज और पौष्टिक खाद्य पदार्थ बना रही हैं.
कई बीमारियों में फ़ायदेमंद है महुआ: शराब के लिए बदनाम महुआ अपने अंदर तमाम गुणों को समेटे हुए है. महुआ को नई पहचान देने वाली SHG की अनीश्वरी का कहना है कि महुआ का फूल काफी पौष्टिक होता है. औषधीय स्तर पर बात करें तो महुआ में ब्यूटरिक एसिड, फैटी एसिड और हाई प्रोटीन पाए जाते हैं. जिससे उच्च स्तर का पोषण प्राप्त होता है. महुआ कुपोषण से लड़ाई, अस्थमा और अर्थराइटिस के मरीजों के लिए यह काफी गुणकारी है. महुआ के इन तमाम गुणों को देखते हुए हम महुआ से बने प्रोडक्ट तैयार कर रहे हैं.
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शराब नहीं अब बन रहा स्वादिष्ट लड्डू: अनीश्वरी ने बताया कि महुआ से बने प्रोडक्ट को बनाने के लिए सबसे पहले महुआ के फूलों को सुखाया जाता है. फिर उसे पीसकर पाउडर बनाया जाता है. इस पाउडर को अन्य जरूरी वस्तुओं के साथ मिलाकर कुकीज, कैंडी, लड्डू आदि चीज़ बनाई जाती हैं. महुआ के फूल से बने लड्डू काफी फायदेमंद हैं. महुआ लड्डू को जंगली महुआ फूल, देशी घी और गुड़, गोंद और अश्वगंधा से तैयार किया जा रहा है.
अब महुआ मतलब शराब नहीं: अनीश्वरी ने बताया कि कई लोगों के मन में भ्रम है कि महुआ से केवल शराब बनती हैं या इसको खाने से ही नशा हो जाता है. ऐसा बिलकुल नहीं है. देश के साथ साथ विदेश में भी कई ऐसे फल हैं, जिनसे शराब बनाई जाती है. लेकिन उसकी एक प्रक्रिया होती है. जब महुआ को सड़ाया जाता है, तब शराब तैयार होती है.
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