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आम के आम गुठलियों का भी काम, गुठलियों से आम के पौधे तैयार करने की अनोखी मुहिम - Mango seeds Use For Environment - MANGO SEEDS USE FOR ENVIRONMENT

वेस्टज चीजों का इस्तेमाल कैसे अच्छे कामों के लिए कर सकते हैं, इसका उदाहरण रतलाम के दो पत्रकारों ने दिया है. इन पत्रकारों ने आम के आम गुठलियों के भी दाम की कहावत को चरितार्थ किया है. इन पत्रकारों ने गुठलियों से पौधे तैयार किए हैं.

MANGO SEEDS USE FOR ENVIRONMENT
गुठलियों से आम के पौधे तैयार करने की अनोखी मुहिम (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 5, 2024, 8:09 PM IST

रतलाम। आपने वह कहावत तो सुनी ही होगी, आम के आम गुठलियों के भी दाम. यहां भी आम की गुठली बड़े काम की है. रतलाम के पत्रकार एक अनोखी मुहिम चलाकर पर्यावरण की रक्षा में सहयोग कर रहे हैं. रतलाम के यह दोनों पत्रकार घर में आम खाने के बाद गुठली को फेंकते नहीं बल्कि उसे सहेज कर आम के पौधे तैयार करते है. पौधे बड़े हो जाने पर उन्हें अपने मित्रों और पर्यावरण प्रेमियों को भेंट कर देते हैं. रतलाम के सुधीर जैन और राजेंद्र केलवा अपने घर पर आम की गुठली को फेंकते नहीं हैं. गुठली को संभाल कर रखने के बाद वह आम के पौधे की नर्सरी तैयार करने से लेकर उसे बड़ा पेड़ बनाने के मिशन में जुटे हुए हैं.

गुठलियों से आम के पौधे तैयार करने की अनोखी मुहिम (ETV Bharat)

गुठलियों से आम के पौधे तैयार

सुधीर जैन ने बताया कि 'गुठलियों से आम के पौधे तैयार करने का आइडिया उन्हें अपने गृह क्षेत्र मुलताई से मिला. जहां लोग आम की गुठलियों को संभाल कर रखते हैं और बारिश के समय सड़क के दोनों तरफ आम की गुठली लगाते हैं. वह घर पर आम की गुठलियों को अच्छे से साफ कर उन्हें सुखाकर रख लेते थे. इसके बाद पॉली बैग में मिट्टी भर कर उसमें गुठलियों की चौपाई कर देते थे. थोड़े ही दिनों में आम के पौधे तैयार हो जाते हैं. कुछ दिन घर पर ही देख रेख करने के बाद घर पर ही तैयार हुए इन आम के पौधों को सुधीर जैन अपने मित्रों और पर्यावरण प्रेमियों को अपनी खाली पड़ी जगह और खेत पर लगाने के लिए देते हैं.

रतलाम के पत्रकारों की अनूठी पहल

राजेंद्र केलवा भी गर्मियों में आम की गुठलियों को इकट्ठा कर रख लेते हैं. फिर उन्हें खाली पड़े छोटे-मोटे डिब्बे और गमले में लगा देते है. आम के पौधे बड़े हो जाने पर राजेंद्र केलवा इसे बगीचों और खाली पड़े सुरक्षित स्थानों पर लगाते हैं. इन दोनों ही पर्यावरण प्रेमियों ने बिना किसी टीम के अकेले ही सैकड़ों आम के पौधे तैयार कर दए हैं. जिसमें से कई पौधे अब वृक्ष का रूप लेने लगे हैं और आने वाले समय में लोगों को शुद्ध हवा, छाया और फल भी देने लगेंगे. पर्यावरण की रक्षा के लिए लोग तरह-तरह के आयोजन और प्रयास करते हैं. रतलाम के ही दोनों पत्रकार भी एक अनूठी मुहिम चलाकर लोगों को पर्यावरण बचाने की प्रेरणा दे रहे हैं. इनसे प्रभावित होकर अब इनके मित्र भी आम की गुठली को फेंकते नहीं हैं, बल्कि उसे एक पौधा तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं.

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गुठलियों से तैयार पौधे (ETV Bharat)

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कैसे तैयार करें आम की गुठली की नर्सरी

गर्मी के मौसम में फलों के राजा आम का इस्तेमाल हर आम और खास घर में होता है. बस हमें आम खाने के बाद गुठली को संभाल कर सूखी जगह पर रखना है. बारिश की शुरुआत होने के पूर्व घर में खाली पड़े प्लास्टिक बैग, गमले, प्लास्टिक- टीन के डब्बे आदि में मिट्टी और देसी खाद का इस्तेमाल कर गुठलियों की चौपाई कर सकते हैं. आम के पौधों की नर्सरी घर में खाली पड़े स्थान, बालकनी या छत पर तैयार की जा सकती है. कुछ दिनों की देखभाल के बाद आम के पौधे तैयार हो जाते हैं. इसके बाद बारिश के सीजन में इन पौधों को सुरक्षित स्थान पर लगाया जा सकता है. इन पौधों को किसी का जन्मदिन होने या मांगलिक कार्य होने पर उन्हें भेंट स्वरूप भी दिया जा सकता है.

रतलाम। आपने वह कहावत तो सुनी ही होगी, आम के आम गुठलियों के भी दाम. यहां भी आम की गुठली बड़े काम की है. रतलाम के पत्रकार एक अनोखी मुहिम चलाकर पर्यावरण की रक्षा में सहयोग कर रहे हैं. रतलाम के यह दोनों पत्रकार घर में आम खाने के बाद गुठली को फेंकते नहीं बल्कि उसे सहेज कर आम के पौधे तैयार करते है. पौधे बड़े हो जाने पर उन्हें अपने मित्रों और पर्यावरण प्रेमियों को भेंट कर देते हैं. रतलाम के सुधीर जैन और राजेंद्र केलवा अपने घर पर आम की गुठली को फेंकते नहीं हैं. गुठली को संभाल कर रखने के बाद वह आम के पौधे की नर्सरी तैयार करने से लेकर उसे बड़ा पेड़ बनाने के मिशन में जुटे हुए हैं.

गुठलियों से आम के पौधे तैयार करने की अनोखी मुहिम (ETV Bharat)

गुठलियों से आम के पौधे तैयार

सुधीर जैन ने बताया कि 'गुठलियों से आम के पौधे तैयार करने का आइडिया उन्हें अपने गृह क्षेत्र मुलताई से मिला. जहां लोग आम की गुठलियों को संभाल कर रखते हैं और बारिश के समय सड़क के दोनों तरफ आम की गुठली लगाते हैं. वह घर पर आम की गुठलियों को अच्छे से साफ कर उन्हें सुखाकर रख लेते थे. इसके बाद पॉली बैग में मिट्टी भर कर उसमें गुठलियों की चौपाई कर देते थे. थोड़े ही दिनों में आम के पौधे तैयार हो जाते हैं. कुछ दिन घर पर ही देख रेख करने के बाद घर पर ही तैयार हुए इन आम के पौधों को सुधीर जैन अपने मित्रों और पर्यावरण प्रेमियों को अपनी खाली पड़ी जगह और खेत पर लगाने के लिए देते हैं.

रतलाम के पत्रकारों की अनूठी पहल

राजेंद्र केलवा भी गर्मियों में आम की गुठलियों को इकट्ठा कर रख लेते हैं. फिर उन्हें खाली पड़े छोटे-मोटे डिब्बे और गमले में लगा देते है. आम के पौधे बड़े हो जाने पर राजेंद्र केलवा इसे बगीचों और खाली पड़े सुरक्षित स्थानों पर लगाते हैं. इन दोनों ही पर्यावरण प्रेमियों ने बिना किसी टीम के अकेले ही सैकड़ों आम के पौधे तैयार कर दए हैं. जिसमें से कई पौधे अब वृक्ष का रूप लेने लगे हैं और आने वाले समय में लोगों को शुद्ध हवा, छाया और फल भी देने लगेंगे. पर्यावरण की रक्षा के लिए लोग तरह-तरह के आयोजन और प्रयास करते हैं. रतलाम के ही दोनों पत्रकार भी एक अनूठी मुहिम चलाकर लोगों को पर्यावरण बचाने की प्रेरणा दे रहे हैं. इनसे प्रभावित होकर अब इनके मित्र भी आम की गुठली को फेंकते नहीं हैं, बल्कि उसे एक पौधा तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं.

MANGO SEEDS USE FOR ENVIRONMENT
गुठलियों से तैयार पौधे (ETV Bharat)

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कैसे तैयार करें आम की गुठली की नर्सरी

गर्मी के मौसम में फलों के राजा आम का इस्तेमाल हर आम और खास घर में होता है. बस हमें आम खाने के बाद गुठली को संभाल कर सूखी जगह पर रखना है. बारिश की शुरुआत होने के पूर्व घर में खाली पड़े प्लास्टिक बैग, गमले, प्लास्टिक- टीन के डब्बे आदि में मिट्टी और देसी खाद का इस्तेमाल कर गुठलियों की चौपाई कर सकते हैं. आम के पौधों की नर्सरी घर में खाली पड़े स्थान, बालकनी या छत पर तैयार की जा सकती है. कुछ दिनों की देखभाल के बाद आम के पौधे तैयार हो जाते हैं. इसके बाद बारिश के सीजन में इन पौधों को सुरक्षित स्थान पर लगाया जा सकता है. इन पौधों को किसी का जन्मदिन होने या मांगलिक कार्य होने पर उन्हें भेंट स्वरूप भी दिया जा सकता है.

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