रामनगर (उत्तराखंड): हाथियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए 2012 से हर साल विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है. इस मुहिम में कॉर्बेट नेशनल पार्क बेहतर तरीके से कार्य कर रहा है. इसी का परिणाम है कि कॉर्बेट नेशनल पार्क में लगातार हाथियों की संख्या बढ़ रही है.
आज है 'विश्व हाथी दिवस': हाथी एक दिन में 300 किलोग्राम तक भोजन करता है. हाथी को धरती का सबसे बड़ा स्तनपायी यानी मैमल माना जाता है. ये कुछ चकित करने वाले वैज्ञानिक तथ्य हैं. वहीं हिंदू धर्म शास्त्रों में हाथी को भगवान गणेश का स्वरूप माना गया है. मान्यताओं के अनुसार जिस घर में हाथी की मूर्ति होती है, उस घर में भगवान गणेश का वास माना जाता है. गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा गया है. आज विश्व हाथी दिवस पर उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अलग अलग क्षेत्रों में हाथियों के संरक्षण के लिए जागरूकता कार्यक्रम किये जा रहे हैं.
कॉर्बेट पार्क में मनाया हाथी दिवस: कॉर्बेट नेशनल पार्क के बिजरानी गेट पर स्कूली बच्चों को हाथी के संरक्षण की जानकारी दी गयी. बच्चों को बताया गया कि हाथी हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण हैं. कॉर्बेट नेशनल पार्क में 2010 में 979 हाथी थे. 2015 में ये संख्या बढ़कर 1,035 हो गई. 2020 की गणना में कॉर्बेट पार्क में हाथियों की संख्या बढ़कर 1,220 से ज्यादा हो गई. वन्यजीव प्रेमी संजय छिम्वाल कहते हैं कि हाथी प्रतिवर्ष 350 से 500 वर्ग किलोमीटर विचरण करते हैं.
तेजी से खंडित होते जा रहे प्राकृतिक परिदृश्यों ने इस वृहद आकार वाले स्तनधारी जानवर को मनुष्यों की रिहायशी बस्तियों में प्रवेश करने को मजबूर कर दिया है. यही कारण है कि आए दिन मानव वन्यजीव संघर्ष की खबरें देखने और सुनने को मिलती हैं. संजय छिम्वाल कहते हैं कि हाथियों के जीवन को सुरक्षित करने के उद्देश्य से ही हाथी गलियारे का निर्माण किया गया. हाथी गलियारा न केवल हाथियों के लिए बल्कि मनुष्यों की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है.
छात्रों को हाथियों के संसार के बारे में बताया गया: वहीं इस विषय पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी ने बताया कि आज 'विश्व हाथी दिवस' है. हाथियों के संरक्षण और लोगों को जागरूक करने के लिए पूरी दुनिया 12 अगस्त को 'विश्व हाथी दिवस' रूप में मनाती है. पार्क वार्डन ने कहा कि आज हम कॉर्बेट पार्क में स्कूली बच्चों के साथ ही अपने वनकर्मियों के साथ हाथियों के संवर्धन और संरक्षण को लेकर कई कार्यक्रम आयोजित करते हैं.
कॉर्बेट नेशनल पार्क में अभी 14 पालतू हाथी मौजूद हैं. इनसे कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अलग-अलग क्षेत्र में वनों और वन्यजीवों की सुरक्षा में गश्त की जाती है. महावत वसीम खान ने बताया कि एक बार आशा हथिनी ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी रेंज में गश्त के दौरान वन कर्मियों की जान बचाई. बाघ वनकर्मियों और महावत पर हमला करने के लिए आक्रामक हो गया था. जंगली हाथियों ने भी उन्हें घेर लिया था. तब सूझबूझ से आशा हथिनी उन्हें जंगल से बचाकर बिजरानी स्थित कैम्प में सुरक्षित लेकर आई थी.
Save the Elephant संस्था के अनुसार अफ्रीकी हाथियों के संचार पर एक अभूतपूर्व अध्ययन से पता चला है कि मनुष्य की तरह हाथी भी एक-दूसरे को संबोधित करने के लिए 'नामों' का उपयोग करते हैं.
elephant freedom.org के अनुसार हाथी ग्रह पर सबसे बड़े भूमि जानवर हैं. एक वयस्क हाथी का वजन 6 टन तक हो सकता है. हाथियों का वजन 2,000 से 6,000 किलोग्राम के बीच हो सकता है. इनकी ऊंचाई 3 मीटर तक हो सकती है.
World Elephant Day is an occasion to appreciate the wide range of community efforts to protect elephants. At the same time, we reaffirm our commitment to doing everything possible to ensure elephants get a conducive habitat where they can thrive. For us in India, the elephant is… pic.twitter.com/yAW5riOrT1
— Narendra Modi (@narendramodi) August 12, 2024
पीएम मोदी ने बताया संस्कृति और इतिहास से संबंध: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ल्ड एलीफेंट डे पर अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट किया- 'विश्व हाथी दिवस हाथियों की सुरक्षा के लिए सामुदायिक प्रयासों की व्यापक श्रृंखला की सराहना करने का अवसर है. साथ ही, हम हाथियों को एक अनुकूल आवास प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं, जहां वे पनप सकें. भारत में हमारे लिए हाथी हमारी संस्कृति और इतिहास से भी जुड़े हुए हैं. और यह खुशी की बात है कि पिछले कुछ वर्षों में उनकी संख्या में वृद्धि हुई है.'
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