देहरादून: उत्तराखंड में 12 से 15 दिसम्बर को 10वीं वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एण्ड अरोग्य एक्सपो का आयोजन होने जा रहा है. जिसकी थीम 'डिजिटल हेल्थ' रखी गई है. आयोजित होने वाले इस विश्व आयुर्वेद सम्मेलन से पहले आयुष विभाग, आयुर्वेद चिकित्सा को नई टेक्नोलॉजी से जोड़ने की तैयारी कर रहा है. जिसके क्रम में आयुर्वेद चिकित्सा में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को शामिल किया जाएगा. आयुर्वेद चिकित्सा को नई तकनीकी से जोड़ने का मुख्य उद्देश्य मरीजों को और सुविधाएं देते हुए बेहतर उपचार का लाभ देना है.
दरअसल, केंद्रीय आयुष मंत्रालय लंबे समय से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को आयुष के क्षेत्र में शामिल करने पर जोर दे रहा है. जिससे नई तकनीकी के जरिए आयुष को समझने और आयुष के क्षेत्र में खोज एवं अनुसंधान कार्यों (Discovery and research work) में तेजी लाई जा सके. आयुष में नई तकनीकी को शामिल करने से न सिर्फ आयुष डॉक्टर्स मरीजों का बेहतर तरीके से जांच कर सकेंगे, बल्कि इससे मरीजों के इलाज की बेहतर कार्ययोजना भी तैयार की जा सकेगी. आयुष पद्धति में अभी जांच, नाड़ी देखकर या फिर लक्षणों के आधार पर की जाती रही है. इसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को शामिल कर जांच को बेहतर किया जा सकेगा.
इसके अलावा, ऑनलाइन सिस्टम का इस्तेमाल कर भी मरीजों को अस्पतालों तक आने की दिक्कतों से बचाया जा सकता है. साथ ही नई तकनीकी से अन्य चिकित्सा पद्धति के डॉक्टरों से बातचीत कर रोग के कारण और निवारण के बेहतर काम किए जा सकेंगे. ऐसे में उत्तराखंड आयुष विभाग भी इस दिशा में अपने कदम को आगे बढ़ा रहा है. जिसके तहत, आयुष विभाग की व्यवस्थाओ को आनलाइन करने के साथ ही नई तकनीकी इक्विपमेंट को खरीदने की तैयारी कर रहा है. जिसकी तकनीकी के बाद कर्मचारियों को इसका परीक्षण भी दिया जाएगा.