पटनाः 'प्रदेश जाना पर एड्स ना लाना' इस तरह का प्रचार अक्सर टीवी और सोशल मीडिया पर इस तरह का विज्ञापन देखे जा रहे हैं, लेकिन लोग इससे जागरूक नहीं हो रहे. इसका सबूत बिहार में बढ़ संक्रमण का आंकड़ा है. आज बिहार एड्स संक्रमण में देश में तीसरे स्थान पर है. पटना राज्य का हॉटस्पॉट बन गया है. बिहार राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी की रिपोर्ट के अनुसार युवा, गर्भवती महिला, ट्रांसजेंडर, सेक्स वर्कर और ट्रक ड्राइवर जैसे लोग इसकी चपेट में हैं.
ज्यादार युवा इसके शिकारः बक्सर रोहतास में भी सैकड़ों युवा इसके शिकार हुए हैं. ऐसा मामला मोहनिया इलाके में सामने आया है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इसके पीछे की वजह इंजेक्टबल ड्रग का उपयोग करना बताया जा रहा है. गलत तरीके से नशा करने के कारण भी लोग इसके शिकार हो रहे हैं. इसके साथ तिरहुत और मिथिलांचल के इलाके में फीमेल सेक्स वर्कर की वजह से संक्रमण बढ़ रहा है. पूर्णिया और सीमांचल के इलाके में ट्रक ड्राइवर के बीच संक्रमण ज्यादा है.
संक्रमित टॉप जिलाः बिहार के कई जिले की स्थिति चिंता जनक है. टॉप संक्रमण वाले जिले की बात करें तो इसमें सबसे ऊपर पटना आता है. साल 2024-25 की बात करें तो अक्टूबर तक पटना में 1867 लोग संक्रमण पाए गए. इसके बाद सारण में 422, दरभंगा में 399, बेगूसराय में 390, भागलपुर में 362, सिवान में 359, समस्तीपुर में 349 और सीतामढ़ी में 339 लोग संक्रमित मिले हैं.
बिहार एड्स रिपोर्ट: बिहार में हर साल एड्स संक्रमित मरीजों की बढ़ोतरी हो रही है. पिछले 2019-2024 तक की रिपोर्ट देखें तो हर साल हजारों मरीज मिले हैं जो एचआईवी से संक्रमित हैं. 2019-20 में 9928 लोग संक्रमित मिले. 2020-21 में 6469 लोग पॉजिटिव, 2021-22 में 4153 संक्रमित मिले, 2022-23 में 9963 संक्रमित, 2023-24 में 9359 लोग संक्रमित और 2024-25 के अक्टूबर महीने तक 5820 लोग संक्रमित पाए गए हैं. हालांकि 2010 के बाद बिहार में आंकड़े में कमी आयी है.
गर्भवती महिला संक्रमितः साल 2020-21 के दौरान 577103 लोगों की जांच में 1.2 % यानी 6469 लोग पॉजिटिव मिले. 2019-20 में 851346 लोगों की जांच हुई, जिसमें 1.6% 9928 लोग संक्रमित पाए गए. बड़ी संख्या में गर्भवती महिला संक्रमित हो रही हैं. साल 2023-24 में कल 1352 गर्भवती महिला संक्रमित हुई थी, जबकि 2024- 25 में अक्टूबर तक 632 महिला संक्रमित हुई है.
ट्रांसजेंडर भी संक्रमण के शिकार: 2023 24 के दौरान बिहार में 8675 ट्रांसजेंडर की जांच हुई, जिसमें की 70 ट्रांसजेंडर एड्स संक्रमित पाए गए. 2024-25 अक्टूबर महीने तक कुल 6827 ट्रांसजेंडर की जांच हुई, जिसमें अब तक 38 ट्रांसजेंडर संक्रमित पाए गए हैं. सरकार की ओर से ट्रांसजेंडर को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं.
देश में महाराष्ट्र टॉप परः एड्स संक्रमण के मामले में महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश टॉप 2 में है. तीसरे नंबर पर बिहार शामिल है. हालांकि 2010 के बाद बिहार के अंदर एचआईवी इनफेक्शन रेट में 27% की कमी दर्ज की गई थी. बिहार का इन्फेक्शन रेट 0.17% है. जबकि राष्ट्रीय औसत 0.22 प्रतिशत है. सरकार को उम्मीद है कि 2030 तक संक्रमण पर काबू पा लिया जाएगा.
युवाओं में बढ़ता संक्रमण चिंता: सोशल मीडिया के दर में युवा रास्ते से भटक जा रहे हैं. गलत संगत में पड़कर या तो नशे का शिकार हो रहे हैं या फिर असुरक्षित सेक्स कर रहे हैं. इस दौरान वह एड्स संक्रमण का शिकार हो जाते हैं. बिहार स्टेट एड्स नियंत्रण समिति के संयुक्त निदेशक मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि एड्स संक्रमण को रोकने के लिए हम लोगकई कार्यक्रम चला रहे हैं.
संक्रमित के साथ अच्छे व्यवहार रखेंः मनोज सिन्हा के मुताबिक पिछले दिनों स्टेट लेवल ओरिएंटेशन कार्यक्रम चलाया गया. हर जिले से एक डीएसपी और इंस्पेक्टर अस्तर के अधिकारियों को बुलाया गया था. अधिकारियों को एड्स प्रिवेंशन कंट्रोल एक्ट 2017 को लेकर जागरूक किया गया. अधिकारियों को यह भी बताया गया कि एड्स संक्रमित के बीच भेदभाव ना हो, उन्हें सुरक्षा योजना की लाभ मिले. संक्रमित व्यक्ति को प्रॉपर्टी से बेदखल करने की कोशिश नहीं की जाए.
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— IPRD Bihar (@IPRDBihar) December 1, 2024
"हर जिले में नियंत्रण और जागरूकता के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं. जल्द ही सरकार एड्स संक्रमण पर काबू पा लेगी." -मनोज कुमार सिन्हा, संयुक्त निदेशक, बिहार स्टेट एड्स नियंत्रण समिति
जागरूकता जरूरीः चिकित्सक डॉक्टर विनोद कुमार का मानना है कि एड्स नियंत्रण के लिए जागरुकता जरूरी है. इसके साथ-साथ यह भी समझना जरूरी है कि एड्स का फैलाव कैसे होता है. "असुरक्षित यौन संबंध के अलावा ब्लड लेनदेन और फिर इंजेक्शन लेने के समय सावधानी बरतनी चाहिए. सैलून में एक-दूसरे का ब्लेड इस्तेमाल करने से भी एड्स का खतरा रहता है. ऐसे में सुरक्षित बरतना जरूरी है."
एड्स संक्रमण के लक्षणः एड्स यानी एचआईवी का लक्षण कई प्रकार के होते हैं, जिसमें बुखार, ठंड लगना, खराश, मांसपेशियों में दर्द, शरीर पर चकत्ते, रात को पसीना आना, थकान, ज्वाइंट पेन, ग्रंथियों में सूजन और वजन कम होना आदि कई कारण हैं. एचआईवी धीरे-धीरे प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है.
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