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दुर्ग में धान खरीदी से पहले सहकारी समितियों की हड़ताल, कैसे मनेगा धान तिहार ?

दुर्ग में धान खरीदी से पहले सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने हल्ला बोल दिया है. स्ट्राइक नहीं रुकी तो धान खरीदी प्रभावित हो सकती है.

SOCIETIES STRIKE IN DURG
दुर्ग सहकारी समिति के कर्मियों की मुख्य मांगें (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 4, 2024, 6:35 PM IST

दुर्ग: छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से धान खरीदी की शुरुआत होने जा रही है. इस बार धान खरीदी का लक्ष्य 160 लाख मीट्रिक टन रखा गया है. टारगेट ज्यादा है और किसानों से धान खरीदी को लेकर ज्यादा दिन भी नहीं बचे हैं. सिर्फ 10 दिन का समय बचा है. ऐसे में छत्तीसगढ़ में सहकारी समिति कर्मचारी संघ अनिश्चित हड़ताल कर रहा है. इनकी हड़ताल से धान खरीदी प्रभावित हो सकती है.

सहकारी समितियों के कर्मियों का हल्ला बोल: दुर्ग संभाग के सहकारी समितियों के 13 हजार से ज्यादा कर्मचारी अपनी तीन सूत्रीय मांगों के लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इससे पहले भी यह अक्टूबर महीने में आंदोलन कर चुके हैं. 18 से 20 अक्टूबर तक इन्होंने आंदोलन किया था. उसके बाद 21 और 22 अक्टूबर को दो दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर इन कर्मियों ने आंदोलन कर अपनी मांग बुलंद की थी. इस दौरान सीएम साय, खाद्य मंत्री और सहकारिता मंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था.

कैसे मनेगा धान तिहार (ETV BHARAT)

दुर्ग सहकारी समिति के कर्मियों की मुख्य मांगें: दुर्ग सहकारी समितियों की मुख्य मांगें अनुदान से जुड़ी है. इसके अलावा धान सुखाने की व्यवस्था और सोसायटी कर्मचारी सेवा नियम में संशोधन करने की मांग है. सहकारी समितियों की प्रमुख मांगें कुछ इस प्रकार है. इन मांगों में खास तौर पर एमपी सरकार ने सहकारी समितियों को जो सौगात दी है. उसे लागू करने की मांग कर्मियों ने की है. दूसरा धान सूखत की समस्या का जिक्र किया है.

  1. मध्यप्रदेश शासन की तर्ज पर छत्तीसगढ़ सोसायटियों को प्रतिवर्ष 3 लाख रूपये प्रबंधकीय अनुदान दिया जाए. जिससे सोसायटियों में काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन भुगतान किया जा सके
  2. धान खरीदी नीति में धान सुखाने की व्यवस्था की जानी चाहिए
  3. सोसायटी कर्मचारी सेवा नियम 2018 संशोधन जो लंबित है उसे लागू किया जाए. संघ की मांग के अनुसार इसमें संशोधन किया जाए.

सहकारी समिति के कर्मी मांगों पर अड़े: सहकारी समिति कर्मचारी संघ प्रदेश उपाध्यक्ष गंगादास मानिकपुरी ने सख्त लहजा अख्तियार कर लिया है. उनका कहना है कि जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती उनका यह अनिश्चितकालीन आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने आंदोलन से धान खरीदी की प्रक्रिया के भी बाधित होने की बात कही है.

इस बार सरकार से हमें अपील करते हैं कि किसी दूसरे एजेंसी को देखकर धान खरीदी की प्रक्रिया पूरी की जाए. धान की नमी सूखने के बाद जो शॉर्टेज आता है,तो सरकार के द्वारा कर्मचारियों पर दबाव बनाकर भुगतान के लिए दबाव बनाया जाता है: ईश्वर श्रीवास, प्रदेश महासचिव छत्तीसगढ़ सहायक सीमित कर्मचारी संघ

दुर्ग संभाग खेती किसानी के लिए जाना जाने वाला संभाग है. ऐसे में यहां धान खरीदी से पहले अगर सहकारी समितियों की स्ट्राइक को खत्म नहीं किया गया तो धान तिहार प्रभावित हो सकती है.

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छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से धान खरीदी, 31 जनवरी 2025 तक किसान बेच सकेंगे धान

दुर्ग: छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से धान खरीदी की शुरुआत होने जा रही है. इस बार धान खरीदी का लक्ष्य 160 लाख मीट्रिक टन रखा गया है. टारगेट ज्यादा है और किसानों से धान खरीदी को लेकर ज्यादा दिन भी नहीं बचे हैं. सिर्फ 10 दिन का समय बचा है. ऐसे में छत्तीसगढ़ में सहकारी समिति कर्मचारी संघ अनिश्चित हड़ताल कर रहा है. इनकी हड़ताल से धान खरीदी प्रभावित हो सकती है.

सहकारी समितियों के कर्मियों का हल्ला बोल: दुर्ग संभाग के सहकारी समितियों के 13 हजार से ज्यादा कर्मचारी अपनी तीन सूत्रीय मांगों के लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इससे पहले भी यह अक्टूबर महीने में आंदोलन कर चुके हैं. 18 से 20 अक्टूबर तक इन्होंने आंदोलन किया था. उसके बाद 21 और 22 अक्टूबर को दो दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर इन कर्मियों ने आंदोलन कर अपनी मांग बुलंद की थी. इस दौरान सीएम साय, खाद्य मंत्री और सहकारिता मंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था.

कैसे मनेगा धान तिहार (ETV BHARAT)

दुर्ग सहकारी समिति के कर्मियों की मुख्य मांगें: दुर्ग सहकारी समितियों की मुख्य मांगें अनुदान से जुड़ी है. इसके अलावा धान सुखाने की व्यवस्था और सोसायटी कर्मचारी सेवा नियम में संशोधन करने की मांग है. सहकारी समितियों की प्रमुख मांगें कुछ इस प्रकार है. इन मांगों में खास तौर पर एमपी सरकार ने सहकारी समितियों को जो सौगात दी है. उसे लागू करने की मांग कर्मियों ने की है. दूसरा धान सूखत की समस्या का जिक्र किया है.

  1. मध्यप्रदेश शासन की तर्ज पर छत्तीसगढ़ सोसायटियों को प्रतिवर्ष 3 लाख रूपये प्रबंधकीय अनुदान दिया जाए. जिससे सोसायटियों में काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन भुगतान किया जा सके
  2. धान खरीदी नीति में धान सुखाने की व्यवस्था की जानी चाहिए
  3. सोसायटी कर्मचारी सेवा नियम 2018 संशोधन जो लंबित है उसे लागू किया जाए. संघ की मांग के अनुसार इसमें संशोधन किया जाए.

सहकारी समिति के कर्मी मांगों पर अड़े: सहकारी समिति कर्मचारी संघ प्रदेश उपाध्यक्ष गंगादास मानिकपुरी ने सख्त लहजा अख्तियार कर लिया है. उनका कहना है कि जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती उनका यह अनिश्चितकालीन आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने आंदोलन से धान खरीदी की प्रक्रिया के भी बाधित होने की बात कही है.

इस बार सरकार से हमें अपील करते हैं कि किसी दूसरे एजेंसी को देखकर धान खरीदी की प्रक्रिया पूरी की जाए. धान की नमी सूखने के बाद जो शॉर्टेज आता है,तो सरकार के द्वारा कर्मचारियों पर दबाव बनाकर भुगतान के लिए दबाव बनाया जाता है: ईश्वर श्रीवास, प्रदेश महासचिव छत्तीसगढ़ सहायक सीमित कर्मचारी संघ

दुर्ग संभाग खेती किसानी के लिए जाना जाने वाला संभाग है. ऐसे में यहां धान खरीदी से पहले अगर सहकारी समितियों की स्ट्राइक को खत्म नहीं किया गया तो धान तिहार प्रभावित हो सकती है.

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