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महिला पहलवानों से कथित यौन शोषण के मामले में सुनवाई टली, कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से मांगा स्पष्टीकरण

Women Wrestlers Case: राउज एवेन्यू कोर्ट ने महिला पहलवानों से कथित यौन उत्पीड़न के मामले में कोर्ट ने पुलिस से कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है. मामले में अगली सुनवाई 23 मार्च को होगी. बृजभूषण पर आरोप तय करने पर सभी पक्ष की दलील पूरी हो चुकी है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 15, 2024, 8:25 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने शुक्रवार को महिला पहलवानों के साथ कथित यौन शोषण (Wrestlers Harassment Case) के मामले के आरोपी भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर दिल्ली पुलिस से कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है. एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने इस मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च को करने का आदेश दिया.

बृजभूषण पर आरोप तय करने पर सभी पक्षों की दलील पूरी हो चुकी है. 27 फरवरी को दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया था कि अगर हम चाहते तो आरोपियों के खिलाफ छह अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर सकते थे, लेकिन इससे ट्रायल में देरी होती. इसका विरोध करते हुए बृजभूषण भूषण शरण सिंह के वकील ने कहा था कि अगर आरोपों में निरंतरता नहीं है तो अलग-अलग आरोपों में एक एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती. बृजभूषण शरण सिंह की ओर से इस मामले में आरोप मुक्त करने की मांग की गई थी. बृजभूषण की तरफ से कहा गया था कि अपराध की सूचना देने में काफी देरी की गई.

बृजभूषण भूषण ने कहा था कि शिकायतकर्ता के बयानों में काफी विरोधाभास है. बृजभूषण के वकील ने कहा था कि विदेश में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है. विदेश में हुई घटना इस कोर्ट के क्षेत्राधिकार में नहीं आती है. शिकायतकर्ता की ओर से टोक्यो, मंगोलिया, बुल्गारिया, जकार्ता, कजाकिस्तान, तुर्की आदि में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है. ऐसे में मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अथॉरिटी से इजाजत लेना होता है.

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने शुक्रवार को महिला पहलवानों के साथ कथित यौन शोषण (Wrestlers Harassment Case) के मामले के आरोपी भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर दिल्ली पुलिस से कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है. एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने इस मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च को करने का आदेश दिया.

बृजभूषण पर आरोप तय करने पर सभी पक्षों की दलील पूरी हो चुकी है. 27 फरवरी को दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया था कि अगर हम चाहते तो आरोपियों के खिलाफ छह अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर सकते थे, लेकिन इससे ट्रायल में देरी होती. इसका विरोध करते हुए बृजभूषण भूषण शरण सिंह के वकील ने कहा था कि अगर आरोपों में निरंतरता नहीं है तो अलग-अलग आरोपों में एक एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती. बृजभूषण शरण सिंह की ओर से इस मामले में आरोप मुक्त करने की मांग की गई थी. बृजभूषण की तरफ से कहा गया था कि अपराध की सूचना देने में काफी देरी की गई.

बृजभूषण भूषण ने कहा था कि शिकायतकर्ता के बयानों में काफी विरोधाभास है. बृजभूषण के वकील ने कहा था कि विदेश में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है. विदेश में हुई घटना इस कोर्ट के क्षेत्राधिकार में नहीं आती है. शिकायतकर्ता की ओर से टोक्यो, मंगोलिया, बुल्गारिया, जकार्ता, कजाकिस्तान, तुर्की आदि में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है. ऐसे में मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अथॉरिटी से इजाजत लेना होता है.

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