गैरसैंण: ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं और विशेषज्ञ डॉक्टरों की मांग को लेकर सड़कों पर जनसैलाब उमड़ा. जहां सैकड़ों की संख्या में गैरसैंण क्षेत्र की विभिन्न गांवों की महिलाओं ने आक्रोश रैली निकाली. इस दौरान महिलाओं ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गैरसैंण में जल्द डॉक्टरों की नियुक्ति न होने पर लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का निर्णय भी लिया. वहीं, रैली के समर्थन में गैरसैंण और धुनारघाट के व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद रहे.
बता दें कि रामलीला मैदान गैरसैंण में आयोजित आक्रोश रैली मुख्य बाजार होते हुए डाकबंगला रोड से तहसील कार्यालय पहुंची. जिसमें पहुंचीं सैकड़ों महिलाओं ने सरकार के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार किया. साथ ही सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. तहसील कार्यालय पहुंचकर महिलाओं ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जल्द डॉक्टरों की नियुक्ति की मांग को लेकर ज्ञापन भेजा.
बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बरसे जनप्रतिनिधि: गैरसैंण के रामलीला मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए व्यापार संघ अध्यक्ष सुरेंद्र बिष्ट ने कहा कि इससे पहले भी डॉक्टरों की मांग को लेकर 42 दिनों तक क्षेत्र की महिलाओं ने आंदोलन किया. इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत और स्थानीय विधायक अनिल नौटियाल को भी डॉक्टरों की तैनाती की मांग से जुड़ा ज्ञापन सौंपा गया.
अपना वादा भूले स्वास्थ्य मंत्री: सुरेंद्र बिष्ट का कहना है कि उस वक्त स्वास्थ्य मंत्री रावत और विधायक नौटियाल ने एक महीने के भीतर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गैरसैंण में डॉक्टरों की तैनात करने का आश्वासन दिया था, लेकिन 9 महीने बीत जाने के बावजूद भी अभी तक डॉक्टरों की तैनाती नहीं हो पाई है. जिसका खामियाजा स्थानीय जनता को भुगतना पड़ रहा है.
महिला मंगल दल की अध्यक्ष सरिता देवी बोलीं- सीएचसी गैरसैंण बना रेफर सेंटर: महिला मंगल दल की अध्यक्ष सरिता देवी ने कहा कि एक तरफ सरकार गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने का शोर मचा रही है तो वहीं गैरसैंण का अस्पताल रेफर सेंटर बना हुआ है. जिससे मरीजों को इलाज के लिए मजबूरी में देहरादून और हल्द्वानी जाना पड़ रहा है.
कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुकेश नेगी बोले- महिलाओं का अपमान कर रही सरकार: कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुकेश नेगी ने कहा कि ये गैरसैंण का दुर्भाग्य है कि ग्रीष्मकालीन राजधानी होने के बावजूद मातृशक्ति को आज स्वास्थ्य सुविधाओं और डॉक्टरों के आभाव में सड़कों पर उतरकर आंदोलन करना पड़ रहा है. स्थानीय विधायक और सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी सरकार लगातार झूठा आश्वासन देकर महिलाओं का अपमान करने का काम कर रही है.
जनता के साथ हो रहा छलावा: शंखनाद ग्रुप के अध्यक्ष पंकज गैड़ी ने कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी की तरह ही सरकार ने गैरसैंण अस्पताल को कागजों में उपजिला अस्पताल बनाने की घोषणा तो कर दी, लेकिन एक भी विशेषज्ञ डॉक्टर और टेक्नीशियन भेजना भूल गई, जो जनता के साथ छलावा है.
महिलाओं की मुख्य मांगें: गैरसैंण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मुख्य रूप से महिला रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, सर्जन, फिजिशियन, हड्डी रोग विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ और अल्ट्रासाउंड तकनीशियन तैनात किए जाने की मांगें शामिल हैं. महिलाओं का कहना है कि अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर न होने से उन्हें मजबूरन अन्य अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ रहा है.
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