नैनीताल: देशभर में रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा, जिसको लेकर बाजार विभिन्न फैशनेबल राखियों से सज चुके हैं. इसी बीच उत्तराखंड की लोक कला ऐपण को जीवंत करने के उद्देश्य से ऐपण राखियां बनाई जा रहीं है. खास बात ये हैं कि इन राखियों की डिमांड भी काफी अधिक है, क्योंकि लोग ऐपण की राखियों को बेहद पसंद कर रहे हैं. गांव गेठिया के भिटौली परिवार महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं पिछले कई दिनों से राखियां बना रहीं है, जिसमें उत्तराखंड की लोक कला उकेरी जा रही है.
लोककला ऐपण को मिल रहा बढ़ावा: भिटौली परिवार महिला स्व सहायता समूह की संस्थापक रक्षिता बोरा ने बताया कि उन्होंने साल 2020 से कोरोना काल के दौरान इस काम की शुरुआत की थी. तब से कुछ न कुछ उन्होंने नया किया है. उनसे 50 से 60 महिलाएं जुड़ी हुई हैं, जो ऐपण के उत्पादों को तैयार कर रहीं हैं. उन्होंने बताया कि हर साल उनके समूह की महिलाएं ऐपण से आकर्षक राखियां तैयार करती हैं. जिसके लिए वो कलावा का धागा और क्ले का उपयोग करती हैं. इससे एक तरफ लोककला को बढ़ावा मिल रहा है, तो दूसरी तरफ महिलाएं भी स्वरोजगार से जुड़ रही हैं.
कई तरह के उत्पाद बना रहीं हैं महिलाएं: भिटौली परिवार महिला स्व सहायता समूह की सदस्य सीमा ने बताया कि उनके द्वारा ऐपण रखी, ऐपण तोरण, ऐपण टी कोस्टर और ऐपण चौकियां आदि उत्पाद बनाए जा रहे हैं. इसके आलावा उनके समूह की महिलाएं कई तरह के हर्बल उत्पादों को भी तैयार कर रहीं हैं. उन्होंने बताया कि उनके बनाये उत्पाद और राखियों को उनकी वेबसाइट https://bhetoli.com के माध्यम से ऑनलाइन खरीद जा सकता है. ऐपण राखियों की कीमत 100 ₹ से 150 ₹ तक है.
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