राजसमंद : वन क्षेत्र बढ़ाने और पौधे लगाने के लिए सरकारें अपने स्तर कई तरह के प्रयास कर रहीं हैं. 'एक पेड़ मां के नाम' सहित कई तरह के अभियान सरकार की ओर से चलाए जा रहे हैं. इसी क्रम में देवगढ़ क्षेत्र के एक समूह ने जंगल की हरीतिमा बढ़ाने के लिए केन्या देश की तर्ज पर राजसमंद में बीजारोपण की अनूठी मुहिम छेड़ी है. समूह की महिलाएं 2 आरएएस अधिकारियों के साथ मिलकर जंगल की दुर्गम पहाड़ियों पर से बीजारोपण का छिड़काव कर रही हैं, जो आमजन के लिए प्रेरणास्पद पहल है.
एक माह में बनाए 50 हजार सीड्स बॉल : संस्था कोषाध्यक्ष अवंतिका शर्मा ने बताया कि समूह की ओर से बरसात के मौसम के एक माह पहले से सीड्स बॉल तैयार किए जा रहे हैं. खाद और मिट्टी में मिश्रित यह बीज के गोले को बारिश के दौरान जंगल में छिड़काव किया जाता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा पौधे उग सके. पिछले एक माह में 50 हजार से अधिक सीड्स बॉल तैयार किए जा चुके हैं. पहले ही दिन 10 हजार सीड्स बॉल का जंगल में छिड़काव कर दिया गया.
बारिश के समय 70 प्रतिशत रहा है सक्सेस रेट : सामाजिक कार्यकर्ता भावना पालीवाल ने बताया कि पिछले 6 साल से सीड्स बॉल तकनीक से जंगल में छिड़काव कर रहे हैं. बारिश के समय सक्सेस रेट 70 प्रतिशत से भी ज्यादा रहती है. 2019 में 10 हजार, 2020 में 17 हजार, 2021 में 25 हजार और 2022 में 30 हजार, 2023 में 40 हजार सीड्स बॉल का छिड़काव किया गया. यह भीम, देवगढ़, आमेट और कुम्भलगढ़ के जंगल में छिड़काव किया गया है. इस बार 50 हजार से अधिक सीड्स बॉल छिड़काव का लक्ष्य है.
ऐसे बनाए जाते हैं सीड्स बॉल : सीड बॉल तैयार करने के लिए सबसे पहले बीज एकत्रित करना होगा. उपजाऊ मिट्टी के साथ गोबर या कम्पोस्ट खाद की बराबर मात्रा में मिश्रण तैयार कर गीला किया जाता है. इसे लड्डू के रूप में बनाकर बीचोंबीच बीज डालकर बंद कर दिया जाता है. इसे ऐसी जगह रखकर सुखाया जाता है, जहां सूरज की किरण न पहुंच सके. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि धूप की किरण नहीं पड़े और गीली मिट्टी के बीच में रहने के बाद भी बीज अंकुरित नहीं होए. सीड बॉल को पूर्ण रूप से सूख जाने पर अपने हिसाब से खाली पड़े स्थानों पर बारिश के मौसम में छोड़ दिया जाता है. मिट्टी जैसे ही गीली होती है बीज अंकुरित हो जाएगा और नए पौधे तैयार हो जाएंगे.
आरएएस अधिकारी भी पैदल ही निकल पड़े : राजसमंद जिले में देवगढ़ शहर व ग्रामीण क्षेत्र की महिला और युवतियां पिछले 6 साल से जल, जमीन, जंगल और लुप्त होती पक्षियों की प्रजातियों को बचाने के लिए नेहरू युवा केंद्र करियर महिला मंडल और करियर सेवा संस्थान राजसमंद के बैनर तले महिलाएं और युवतियां एकजुट हुईं. इस बार दो आरएएस, उपखंड अधिकारी देवगढ़ संजीव खेदर और भीलवाड़ा जिले के करेड़ा उपखंड अधिकारी बंशीधर योगी भी महिलाओं का हौंसला अफजाई करने खुद जंगल में पहुंच गए. करियर संस्थान अध्यक्ष भावना पालीवाल के साथ 24 से ज्यादा युवतियां और महिलाएं सीड्स का छिड़काव करने के लिए दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में पहुंचीं, जहां दोनों ही आरएएस अधिकारी भी पैदल ही पगडंडी के रास्ते दुर्गम पहाड़ में पहुंच गए.
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6 साल से लगातार कर रहे बीजारोपण : 800 सीढ़ियां चढ़कर 2500 फीट अरावली की दूसरी सबसे ऊंचे शिखर पर स्थित सेंडमाता मंदिर में माता के दर्शन के बाद पहाड़ी के चारों तरफ जंगल में गुलेल के माध्यम से 10 हजार से अधिक बीज की गेंद का छिड़काव किया गया. कुछ जगह गड्ढे खोदकर भी सीड्स बॉल की बुवाई की गई. इस कार्यक्रम में 70 वर्षीय समंदर कंवर ने भी सहभागिता निभाते हुए अन्य लोगों को भी प्रेरित किया. 6 साल से लगातार ये समूह बीजारोपण कर रहा है, जिसका नतीजा है कि जंगल में कई नए पौधे अब पेड़ बनने लगे हैं और जंगल की हरितिमा भी बढ़ी है. सीड्स बॉल में मुख्य तौर पर नीम, पीपल, बबूल, रोहिडा, अमलताश, करंज, बड़, शीशम और जामुन आदि के बीज का छिड़काव किया जा रहा है. क्षेत्रीय लोग भी इस मुहिम से जुड़ने लगे हैं.
जंगल का दायरा बढ़ाने के प्रयास होने जरूरी हैं. बढ़ती आबादी के चलते जंगलों में शहर बस गए हैं, इससे पेड़-पौधे खत्म हो गए हैं. पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने की जरूरत है. आज इस मुहिम से जुड़कर अच्छा लगा. सभी के लिए युवतियों व महिलाओं की पहल प्रेरणास्पद है. : संजीव कुमार खेदर, उपखंड अधिकारी देवगढ़
इस समूह की यह पहल बेहतरीन है. समाज के हर शख्स को इस मुहिम से जुड़ना चाहिए. सभी मिलकर इस तरह के प्रयास करें, तो निश्चित तौर पर सकारात्मक परिणाम आ सकते हैं. सरकारी स्तर पर बीजारोपण व पौधरोपण के प्रयास किए जा रहे हैं, मगर जनसहभागिता बढ़नी चाहिए. : बंशीधर योगी, उपखंड अधिकारी करेड़ा (भीलवाड़ा)
केन्या की तर्ज पर बीजारोपण : केन्या में सघन पौधरोपण के लिए जनसहभागिता बढ़ाने के खास प्रयास हुए, जिसमें अलग-अलग संस्थान, संगठन व ग्रुप ने पौधरोपण किया. केन्या की सरकार की ओर से वर्ष 2018 में राष्ट्रीय वृक्षारोपण अभियान शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य 2022 तक देश के 10% हिस्से को प्राकृतिक वन से आच्छादित करना था. चार साल में 7.4% रिजल्ट सामने आए, जो दुनियाभर के लिए अनूठा उदाहरण है. केन्या की तर्ज पर देवगढ़ क्षेत्र में युवतियों व महिलाओं ने अपना ग्रुप बनाया. केन्या में जिस तरह से ग्रुप बनाकर पौधरोपण के लिए कार्य किया जा रहा है. उसी तरह देवगढ़ में करियर महिला मंडल ने जनसहभागिता बढ़ाई और उसी तरह बीजारोपण किया जा रहा है.