नई दिल्ली: देश में महिलाओं को सशक्त बनाने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है. लगातार योजनाएं लॉन्च कर रही है, ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर अपनी पहचान बना सकें. ऐसी ही एक योजना है 'नमो ड्रोन दीदी योजना', जिसे पिछले साल लॉन्च किया गया था. सोमवार को इस योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक हजार महिलाओं को ड्रोन की सौगात दी. इस योजना से कृषि के क्षेत्र में महिलाओं का बेहतर योगदान सुनिश्चित करने और ड्रोन के जरिए खेती को आसान बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इस योजना की लाभार्थी महिलाओं से ETV भारत ने बातचीत कर उनके अनुभव को जाना.
पीएम का किया शुक्रिया: इसमें पलवल (हरियाणा) की निवासी रेखा ने कहा कि वह पीएम मोदी और स्वयं सहायता समूहों का शुक्रिया अदा करती हैं. उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी खुद मेरे पास आए. मेरी तारीफ की, जिससे मुझे काफी अच्छा लगा. इससे मुझे आगे बढ़ने का हौसला मिला. सरकार की यह योजना, नारी सशक्तिकरण का एक अच्छा प्रयास है.'
परिवार को हुआ गर्व: वहीं, हरियाणा के फतेहाबाद जिले की मनीषा ने कहा कि शुरुआत में हमें इस योजना के बारे में एक स्वयं सहायता समूह से पता चला था, जिसके माध्यम से हम इस योजना से जुड़े. इसके बाद मानेसर, गुड़गांव में 10 दिन तक हमारी ट्रेनिंग चली, जहां हमें ड्रोन के संचालन से जुड़ी जानकारी दी गई. हमें काफी अच्छा लगा कि सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है. मेरे परिवार के सदस्य खेती करते हैं और अब मैं सरकार की इस योजना से जुड़कर ड्रोन दीदी बन गई हूं. इससे मेरे परिवार के सदस्य बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं.
अन्य महिलाओं को देंगी ट्रेनिंग: उधर, पानीपत की निवासी सुमन ने बताया कि वह एक स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं. उन्हें 10 दिन की ट्रेनिंग दी गई थी. उन्होंने कहा, 'मैं ऐसे क्षेत्र से आती हूं जहां महिलाओं को घूंघट में रहना पड़ता है. मेरे घरवालों ने जब हौसला बढ़ाया तो मैंने ड्रोन उड़ाना सीखा. 10 दिन की ट्रेनिंग के बाद, जितनी भी परीक्षा होती है मैंने सब पास की. इस काम में मेरे परिवार ने पूरा साथ दिया. आगे जाकर मैं अन्य महिलाओं को भी ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग दूंगी.'
सभी विषमताओं को किया पार: फतेहाबाद जिले की सीमा रानी ने बताया कि उन्हें मानेसर में ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग दी गई थी. ट्रेनिंग के लिए अपने छोटे बच्चों को घरवालों के सहारे छोड़कर जाना पड़ता था. उन्होंने कहा, 'मेरी ट्रेनिंग 11 जनवरी से 20 जनवरी तक चली, जिसके बाद 10-12 महिलाओं ने ही यह टेस्ट पास किया. कार्यक्रम में पीएम मोदी को इतने करीब से देखकर काफी अच्छा लगा. सरकार महिलाओं के हित के लिए अच्छा कार्य कर रही है और हम चाहते हैं कि आगे भी सरकार ऐसी योजनाएं लाती रहे.'
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मुश्किल भरी रही शुरुआत: हरियाणा में सिरसा जिले के एक गांव में रहने वाली शिमला देवी ने भी अपना अनुभव ETV भारत से साझा किया. उन्होंने कहा, 'शुरुआत तो मुश्किल भरी रही, पर मैंने सभी के तानों को दरकिनार किया. जैसे-जैसे हम आगे बढ़े, हमारे साथ और महिलाएं भी जुड़ने लगीं. इस योजना से जुड़ने के बाद अब हमें ड्रोन दीदी नाम से जाना जा रहा है. पीएम मोदी की तरफ से हमें सर्टिफिकेट भी दिया गया है. ड्रोन की ट्रेनिंग लेने के बाद अब मैं आगे अन्य महिलाओं को भी ट्रेन करूंगी.'
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