जयपुर. प्रदेश की भजन लाल सरकार में पहले पूर्ण बजट की तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा हर दिन अलग अलग वर्गों से बजट पूर्व संवाद कर सुझाव ले रहे हैं. इस प्री बजट बैठक में वित्त मंत्री दीया कुमारी भी मौजूद रही. बजट पेश करने से पहले सरकार आम और ख़ास सभी से सुझाव ले रही है ताकि बजट सभी की अपेक्षाओं को पूरा करता हुआ दिखाई दे. इसी कड़ी में गुरुवार को सीएम भजन लाल ने युवा एवं खेल क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व चर्चा की.
इस मौके पर बजट संवाद में अपने सुझाव देने आई महिलाओं उद्यमियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ईटीवी भारत ने बात की. उन्होंने अपने सुझावों के साथ सरकार से आग्रह किया कि महिलाओं के अधिकारों की बात कर जो सुझाव लिए जा रहे हैं, वे कागजों तक सीमित नहीं रहे, बल्कि धरातल पर दिखे. ये सुझाव धरातल पर दिखेंगे तभी महिला आत्मनिर्भरता भी बनेगी और वह सुरक्षित महसूस भी करेगी.
ये आये महिलाओं के सुझाव: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की पूर्व ब्रांडअंबेस्डर और मिसेज एशिया इंटरनेशनल डॉ अनुपमा सोनी ने सुझाव दिए कि मौजूदा दौर में महिलाओं में डिजिटल लिटरेसी को बढ़ावा देना जरुरी है.इसके अलावा वुमन फ्रेंडली ट्रांसपोर्ट का संचालन भी होना चाहिए. इसके लिए पिंक बस सेवा शुरू होनी चाहिए ताकि महिलाओं को आने जाने में राहत मिल सके. डॉ सोनी ने बाल विवाह को रोकने के लिए पीसीपीएनडीटी की तरह मुखबिर योजना शुरू करने का सुझाव दिया. अनुपमा ने कहा कि राजस्थान में हर दिन 4 बच्चियों का नाबालिग विवाह हो रहा है. ये आंकड़ा राजस्थान के लिए एक कलंक है. इसकी वजह से किशोरियों की मृत्यु दर बढ़ रही है. शिशुओं का स्वास्थ प्रभावित हो रहा है. इसके अलावा ग्रामीण और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डेंटिस्ट की कमी है, उसे पूरा करना चाहिए. इससे कई गंभीर बीमारियों का और कोविड की समस्याओं का ओरल स्क्रीनिंग से पता लगाया जा सकता है.
महिलाओं उद्यमियों के लिए अलग से हो सिंगल विंडो सिस्टम: फोर्टी वुमन विंग की जनरल सेक्रेट्री ललिता कुच्छल ने कहा कि महिला उद्यमियों के लिए सिंगल महिला विंडोज स्थापित हो, जिसमें स्टाफ भी महिला हो, ताकि महिला उद्यमी सहज और आसानी से व्यापार कर सके. कई बार सिंगल विंडो पर पुरुष कर्मचारी और अधिकारी होते हैं, उनके व्यवहार के चलते महिला उद्यमी अपनी बात ठीक से नहीं समझा सकती है. कुच्छल ने दूसरा सुझाव देते हुए कहा कि सरकार की ओर से महिला उद्योग को बढ़ावा देने के लिए रियायती दर पर जमीन दी जाती है. इसमें महिलाओं के लिए अलग से औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाए, जहां महिलाओं को आरक्षित दर पर जमीन अलॉट की जाए. तीसरा सुझाव यह है कि जो महिला उद्यमी अपना स्टार्टअप शुरू करना चाहती है, उन्हें विशेष योजना के जरिए रियायती दर पर लोन की व्यवस्था हो, इसके साथ लोन के नियमों में सरलीकरण हो, वहीं अंतिम और चौथा सुझाव है कि ग्रामीण महिलाओं के कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के विशेष योजना बनाई जाए. ग्रामीण महिलाओं को लेकर प्रमोशन प्लेटफार्म तैयार हो. साथ ही उन्हें बाजार उपलब्ध कराया जाए.
कागजों तक ही सीमित ना रहे सुझाव: ललिता ने सरकार से आग्रह किया कि जो सुझाव महिलाओं से लिए जा रहे है, वह अच्छी पहल है, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी ये सब कागजों तक ही सीमित नहीं रहे. महिला सशक्तिकरण की दिशा में मजबूत इच्छाशक्ति के साथ कदम बढ़ाएं. महिलाओं के अधिकारों की बात कर जो सुझाव लिए जा रहे हैं उन्हें धरातल पर भी उतारें, जिससे महिला आत्मनिर्भरता बनेगी और वह सुरक्षित महसूस करेगी.
हर महिला का बैंक खाता खुले: फिक्की फ्लो की अध्यक्ष रघुश्री पोद्दार ने सुझाव दिए कि प्रदेश की हर महिला का बैंक अकाउंट खोला जाए, क्योंकि आज भी प्रदेश में महिलाओं का अकाउंट नहीं है. ग्रामीण महिला आज भी बैंकिंग से दूर है, महिला का अपना अकाउंट होगा तो वह आत्म निर्भर महसूस करेगी. उन्होंने कहा कि जो महिलाएं घर से अपना उद्यम चलाती हैं, उनको सस्ती और आसान ब्याज दरों में आधुनिक मशीन उपलब्ध ताकि डिजिटल भारत का सपना साकार हो सके. इसके साथ ही प्रदेश की हर महिला का हेल्थ कार्ड बनाया जाना चाहिए. स्कूल में पढ़ने वाली किशोरी के स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाना चाहिए.