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लोकसभा चुनाव 2024: संथाल परगना से अब तक कोई महिला नहीं पहुंची संसद, जिम्मेवार कौन

Lok Sabha seats of Santhal Pargana. संथाल परगना की तीन लोकसभा सीट से आज तक कोई महिला प्रत्याशी जीतकर संसद नहीं पहुंचीं हैं. एनडीए की ओर से प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई है. अब सबकी नजरें इंडिया गठबंधन पर टिकी हैं.

Indi Alliance Lok Sabha Candidates
Lok Sabha Seats Of Santhal Pargana
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 15, 2024, 9:51 PM IST

गोड्डा: देशभर में आधी आबादी अर्थात महिलाओं को राजनीति में आगे लाने की बात होती है. इसे लेकर संसद में महिला विधेयक भी पारित हो चुका है, लेकिन धरातल पर यह बात हवा हवाई लगती है. संथाल परगना प्रमंडल की तीन लोकसभा सीट राजमहल, दुमका और गोड्डा है. इन तीनों ही लोकसभा सीट से आज तक कोई भी महिला उम्मीदवार जीतकर संसद नहीं पहुंची हैं.

कब-कब महिला उम्मीदवार उतरीं थी चुनावी मैदान में

झारखंड की महत्वपूर्ण सीट दुमका लोकसभा में पहली बार 1996 के लोकसभा चुनाव में स्वतंत्र महिला उम्मीदवार ने हिस्सा लिया था, लेकिन उन्हें महज 0.91 प्रतिशत मत मिले थे. वहीं 1999 के लोकसभा चुनाव में दुमका लोकसभा सीट से झामुमो ने पहली बार दिशोम गुरु की पत्नी रूपी सोरेन को उम्मीदवार बनाया था. उस समय शिबू सोरेन राज्यसभा में थे. हालांकि उस वक्त बाबूलाल मरांडी ने रूपी सोरेन को लगभग 4000 मतों से पराजित किया था.

एनडीए ने कर दी है प्रत्याशियों की घोषणा

अब एक बार फिर इस बात की चर्चा है कि क्या कोई बड़ा दल संथाल परगना की तीन लोकसभा सीट से कोई महिला उम्मीदवार खड़ा करेगा. हालांकि एनडीए की ओर से तस्वीर साफ है. गोड्डा, दुमका और राजमहल से उम्मीदवारों के नाम घोषित हो चुके हैं. जिसमें गोड्डा से निशिकांत दुबे, दुमका से सुनील सोरेन और राजमहल से ताला मरांडी को प्रत्याशी बनाया गया है.अब सबकी निगाहें इंडिया गठबंधन पर टिकी हैं. अब देखने वाली बात होगी कि तीनों सीट में से किसी सीट से महिला उम्मीदवार को उतारा जाता है कि नहीं.

सब की निगाहें इंडिया गठबंधन पर टिकी

अब तक जिस महिला उम्मीदवार की सबसे अधिक चर्चा है वो गोड्डा से महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह का है. साथ ही पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव और वर्तमान में झारखंड के कृषि एवं पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख के भी नाम की चर्चा है. वहीं दुमका सुरक्षित सीट पर पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के नाम की भी चर्चा है, लेकिन उनके नाम को लेकर कई पेंच फंस सकता है. वहीं राजमहल सीट से ज्यादा संभावना है कि फिर से सांसद विजय हांसदा पर ही दाव खेला जाएगा. हालांकि अन्य छोटे दल और स्वतंत्र महिला उम्मीदवार के भी लोकसभा चुनाव में भाग लेने की चर्चा है, लेकिन वे कुछ चमत्कार कर पाएंगी संभावना कम दिखती है.

इंडिया गठबंधन से दीपिका पांडेय सिंह के नाम की चर्चा

इस पूरे मसले पर वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र गांधी कहते हैं कि आधी आबादी को राजनीति में लाने की बात को सभी पोलिटिक्ल पार्टियां करती हैं, लेकिन बड़ी पार्टियां महिलाओं पर ज्यादा भरोसा नहीं रखती हैं. उन्होंने कहा कि एनडीए के नाम की घोषणा पहले ही हो चुकी है. ऐसे में आखिरी उम्मीद इंडिया गठबंधन से बची हैं. जिसमें गोड्डा से दीपिका पांडेय सिंह का नाम आगे चल रहा है. हालांकि अब तक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं हुई है.

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झारखंड की महत्वपूर्ण सीट दुमका लोकसभा में पहली बार 1996 के लोकसभा चुनाव में स्वतंत्र महिला उम्मीदवार ने हिस्सा लिया था, लेकिन उन्हें महज 0.91 प्रतिशत मत मिले थे. वहीं 1999 के लोकसभा चुनाव में दुमका लोकसभा सीट से झामुमो ने पहली बार दिशोम गुरु की पत्नी रूपी सोरेन को उम्मीदवार बनाया था. उस समय शिबू सोरेन राज्यसभा में थे. हालांकि उस वक्त बाबूलाल मरांडी ने रूपी सोरेन को लगभग 4000 मतों से पराजित किया था.

एनडीए ने कर दी है प्रत्याशियों की घोषणा

अब एक बार फिर इस बात की चर्चा है कि क्या कोई बड़ा दल संथाल परगना की तीन लोकसभा सीट से कोई महिला उम्मीदवार खड़ा करेगा. हालांकि एनडीए की ओर से तस्वीर साफ है. गोड्डा, दुमका और राजमहल से उम्मीदवारों के नाम घोषित हो चुके हैं. जिसमें गोड्डा से निशिकांत दुबे, दुमका से सुनील सोरेन और राजमहल से ताला मरांडी को प्रत्याशी बनाया गया है.अब सबकी निगाहें इंडिया गठबंधन पर टिकी हैं. अब देखने वाली बात होगी कि तीनों सीट में से किसी सीट से महिला उम्मीदवार को उतारा जाता है कि नहीं.

सब की निगाहें इंडिया गठबंधन पर टिकी

अब तक जिस महिला उम्मीदवार की सबसे अधिक चर्चा है वो गोड्डा से महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह का है. साथ ही पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव और वर्तमान में झारखंड के कृषि एवं पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख के भी नाम की चर्चा है. वहीं दुमका सुरक्षित सीट पर पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के नाम की भी चर्चा है, लेकिन उनके नाम को लेकर कई पेंच फंस सकता है. वहीं राजमहल सीट से ज्यादा संभावना है कि फिर से सांसद विजय हांसदा पर ही दाव खेला जाएगा. हालांकि अन्य छोटे दल और स्वतंत्र महिला उम्मीदवार के भी लोकसभा चुनाव में भाग लेने की चर्चा है, लेकिन वे कुछ चमत्कार कर पाएंगी संभावना कम दिखती है.

इंडिया गठबंधन से दीपिका पांडेय सिंह के नाम की चर्चा

इस पूरे मसले पर वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र गांधी कहते हैं कि आधी आबादी को राजनीति में लाने की बात को सभी पोलिटिक्ल पार्टियां करती हैं, लेकिन बड़ी पार्टियां महिलाओं पर ज्यादा भरोसा नहीं रखती हैं. उन्होंने कहा कि एनडीए के नाम की घोषणा पहले ही हो चुकी है. ऐसे में आखिरी उम्मीद इंडिया गठबंधन से बची हैं. जिसमें गोड्डा से दीपिका पांडेय सिंह का नाम आगे चल रहा है. हालांकि अब तक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं हुई है.

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