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महिला दिवस 2024: 'देश के भविष्य' को संवारने में जुटी पंचकूला की महिला, दूसरों के लिए बनी प्रेरणा

Women Day 2024: पंचकूला की महिला स्लम एरिया में रहने वाले बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए काम कर रही हैं. इनके सहयोग जरूरतमंद बच्चे ना केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं, बल्कि अपने कौशल को निखार कर खुद की पहचान बना चुके हैं.

Women Day 2024
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Mar 7, 2024, 2:39 PM IST

Updated : Mar 7, 2024, 7:50 PM IST

'देश के भविष्य' को संवारने में जुटी पंचकूला की महिला, दूसरों के लिए बनी प्रेरणा

पंचकूला: महिला दिवस के मौके पर हम आपको ऐसी महिला की कहानी बताएंगे. जिन्होंने बाकि महिलाओं के मिसाल पेश की है. पंचकूला की अमिता मारवाह स्लम एरिया में रहने वाले बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रयासरत हैं. इनके सहयोग जरूरतमंद बच्चे ना केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहचान बना चुके हैं, बल्कि अपने कौशल को निखार कर खुद की पहचान बना चुके हैं.

बच्चों को फ्री ताइक्वांडो ट्रेनिंग दे रहीं अमित मारवाह: पंचकूला सेक्टर 4 में रहने वाली अमित मारवाह एक्टिविटी सोसाइटी की संचालिका हैं. वो साल 2011 से ही पंचकूला के स्लम एरिया में रहने वाली कमजोर वर्ग की बच्चियों को ताइक्वांडो की फ्री ट्रेनिंग दे रही हैं. अमिता मारवाह खुद भी 'ब्लैक बेल्ट' हैं. उन्होंने बताया कि देश के अलग-अलग राज्यों में महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं से चिंतित होकर उन्होंने बच्चियों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग देनी शुरू की थी.

'ताइक्वांडो में मेडल जीत चुके खिलाड़ी': अमित मारवाह ने बताया कि बच्चों की लगन देखकर उन्होंने पंचकूला में ताइक्वांडो की फ्री ट्रेनिंग देनी शुरू की. नतीजतन अब कई बच्चे राज्य स्तर, राष्ट्रीय स्तर और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक विभिन्न ताइक्वांडो प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक हासिल कर प्रदेश व देश का नाम रोशन कर चुके हैं. उन्होंने शुरुआत में कुछ ही बच्चियों को ट्रेनिंग देनी शुरू की, लेकिन बच्चों की संख्या बढ़ती गई.

अमित मारवाह ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि इस बीच लोगों ने भी उन्हें काफी सहयोग किया. इससे बच्चों की ट्रेनिंग और अन्य आवश्यकताओं के लिए आने वाली आर्थिक चुनौतियां रुकावट नहीं बन सकी. उन्होंने कहा कि अब उनका एक ही मकसद है कि जरूरतमंद बच्चों को फ्री ताइक्वांडो की ट्रेनिंग देकर उन्हें मुख्यधारा में जोड़ा जाए. उनके सिखाए कई बच्चे गोल्ड मेडल जीतकर खुद की पहचान बचना चुके हैं.

ये भी पढ़ें- खुलासा: इस मामले में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं होती हैं ज्यादा समझदार

ये भी पढ़ें- जानें, सरोजिनी नायडू जयंती को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में क्यों मनाते हैं ?

'देश के भविष्य' को संवारने में जुटी पंचकूला की महिला, दूसरों के लिए बनी प्रेरणा

पंचकूला: महिला दिवस के मौके पर हम आपको ऐसी महिला की कहानी बताएंगे. जिन्होंने बाकि महिलाओं के मिसाल पेश की है. पंचकूला की अमिता मारवाह स्लम एरिया में रहने वाले बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रयासरत हैं. इनके सहयोग जरूरतमंद बच्चे ना केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहचान बना चुके हैं, बल्कि अपने कौशल को निखार कर खुद की पहचान बना चुके हैं.

बच्चों को फ्री ताइक्वांडो ट्रेनिंग दे रहीं अमित मारवाह: पंचकूला सेक्टर 4 में रहने वाली अमित मारवाह एक्टिविटी सोसाइटी की संचालिका हैं. वो साल 2011 से ही पंचकूला के स्लम एरिया में रहने वाली कमजोर वर्ग की बच्चियों को ताइक्वांडो की फ्री ट्रेनिंग दे रही हैं. अमिता मारवाह खुद भी 'ब्लैक बेल्ट' हैं. उन्होंने बताया कि देश के अलग-अलग राज्यों में महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं से चिंतित होकर उन्होंने बच्चियों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग देनी शुरू की थी.

'ताइक्वांडो में मेडल जीत चुके खिलाड़ी': अमित मारवाह ने बताया कि बच्चों की लगन देखकर उन्होंने पंचकूला में ताइक्वांडो की फ्री ट्रेनिंग देनी शुरू की. नतीजतन अब कई बच्चे राज्य स्तर, राष्ट्रीय स्तर और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक विभिन्न ताइक्वांडो प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक हासिल कर प्रदेश व देश का नाम रोशन कर चुके हैं. उन्होंने शुरुआत में कुछ ही बच्चियों को ट्रेनिंग देनी शुरू की, लेकिन बच्चों की संख्या बढ़ती गई.

अमित मारवाह ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि इस बीच लोगों ने भी उन्हें काफी सहयोग किया. इससे बच्चों की ट्रेनिंग और अन्य आवश्यकताओं के लिए आने वाली आर्थिक चुनौतियां रुकावट नहीं बन सकी. उन्होंने कहा कि अब उनका एक ही मकसद है कि जरूरतमंद बच्चों को फ्री ताइक्वांडो की ट्रेनिंग देकर उन्हें मुख्यधारा में जोड़ा जाए. उनके सिखाए कई बच्चे गोल्ड मेडल जीतकर खुद की पहचान बचना चुके हैं.

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Last Updated : Mar 7, 2024, 7:50 PM IST
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