जोधपुर/जयपुर: सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद एम्स में भर्ती एक 46 वर्षीय महिला को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. परिजनों की सहमति से शनिवार महिला के अंगों को दान किया गया. कंवराई देवी के ब्रेन डेड हो जाने के बाद उनके हार्ट, लीवर और एक किडनी को फ्लाइट से जयपुर में लाया गया था. लीवर को महात्मा गांधी अस्पताल को अलॉट किया गया, जबकि हार्ट और एक किडनी एसएमएस अस्पताल में और एक किडनी जोधपुर में ही मरीज को ट्रांसप्लांट की गई. इस तरह कंवराई देवी ने मरने के बाद भी चार लोगों को नया जीवन दिया.
एम्स के डॉ ए एस संधू ने बताया कि हार्ट को कुछ घंटों में ही काम में लिया जाता है, इसलिए फ्लाइट से भेजा गया हैं. एम्स से प्राप्त जानकारी के अनुसार कंवराई देवी को सिर में चोट लगी थी. वह एम्स में 28 अगस्त को भर्ती हुई थी. यहां पर उसकी सभी तरह की जांच की गई. इसके बाद मरीज को एआईसीयू में भर्ती किया गया. 30 अगस्त को सुबह जांच में वह ब्रेन डेड पाई गई, जिसके बाद डॉक्टरों ने परिजनों की काउंसलिंग करना शुरू किया. उन्हें अंगदान का महत्व समझाया. कंवराई देवी के पति रतनलाल, पुत्र तरुण व भाई विक्रम शामिल थे. इसके बाद वे अंगदान के लिए तैयार हो गए.
दो माह में दूसरा अंगदान: एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि हम ऐसे मामलों में परिजनों को समझाते हैं कि जिस अमरत्व की बात हम करते हैं, वह यही है. अंगदान कर उस व्यक्ति को हम अमर कर देते हैं. एम्स प्रबंधन ने परिजनों के प्रति अंगदान के लिए कृतज्ञता जताई . उल्लेखनीय है कि विगत दो माह यह दूसरा अंग दान हैं.
मेरी पत्नी अमर हो गई: कंवराई देवी के पति रतनलाल ने बताया कि 28 अगस्त को हम गाड़ी से जैतारण से खारिया मीठापुर जा रहे थे. इस दौरान सड़क पर एक तरफ विपरीत साइड से गाडी आ गई. एक तरफ रामदेवरा के श्रद्धालु आ रहे थे. इनको बचाने के लिए गाड़ी सड़क से नीचे उतर कर गिर गई. इस हादसे में मेरी पत्नी घायल हो गई. उसे हम एम्स लेकर आए. एम्स में डॉक्टरों ने उपचार शुरू कर दिया. एक दिन बाद हमें समझाया गया कि वह ब्रेन डेड हो गई. उनके अंगदान कर हम चार लोगेां का जीवन बचा सकते है. जिसके बाद हमने अंगदान करने का निर्णय लिया.
ट्रांसप्लांट हुए कंवराई देवी के अंग: जोधपुर की कंवराई देवी का हार्ट और एक किडनी जयपुर के एसएमएस अस्पताल में ट्रांसप्लांट किया गया. उनके लीवर को महात्मा गांधी अस्पताल को अलॉट किया गया, जबकि हार्ट और एक किडनी एसएमएस अस्पताल में और एक किडनी जोधपुर में ही मरीज को ट्रांसप्लांट की गई.
कंवराई देवी के परिजनों द्वारा अंगदान करने के फैसले का एसएमएस अस्पताल के प्रवक्ता डॉ मनीष अग्रवाल ने स्वागत किया. उन्होंने कहा कि उनकी इस पहल की वजह से चार लोगों को नया जीवन मिलेगा. उन्होंने बताया कि एक किडनी जोधपुर एम्स में ही ट्रांसप्लांट की गई है और एक किडनी और हार्ट एसएमएस मेडिकल कॉलेज को अलॉट हुआ था. इसके लिए एसएमएस की टीम कल रात को ही जोधपुर रवाना हो गई और वहां से हार्ट और किडनी को फ्लाइट से जयपुर लेकर आए. फिलहाल ट्रांसप्लांट का काम चल रहा है. इसके अलावा महिला का लीवर महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज को अलॉट किया गया है.
अंगदान को लेकर हो रही जागरूकता: डॉ अग्रवाल ने कहा कि यह एक अच्छी पहल है. धीरे-धीरे समाज में अंगदान को लेकर जागरूकता पैदा हो रही है. सरकार की ओर से भी कई कार्यक्रम किए जा रहे हैं ताकि समाज में जागरूकता हो. इससे समाज के उन लोगों को नया जीवन मिलता है, जो एक अंग में कमी की वजह से पीड़ित हैं. उन्होंने कहा कि ये देश ऋषि दधीचि का देश है. यहां खुद को समाज के लिए दान कर देने की पुरानी परंपरा है. ये समाज के लिए एक अच्छा मैसेज है, जिसे कंवराई देवी के परिवार ने दिया है.