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बिहार में लापरवाही की इंतहा! टॉर्च की रोशनी में कराई गई महिला की डिलीवरी - Bihar Health System

Delivery By Torch Light: वैशाली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से बिहार की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है. रोशनी नहीं रहने पर मोबाइल टॉर्च के सहारे महिला का प्रसव कराया गया. इतना ही नहीं मरीज के परिजनों को खुद ही पानी लाना पड़ा.

Delivery by torch light
वैशाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 27, 2024, 1:51 PM IST

वैशाली: बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती एक और तस्वीर सामने आई है. यह तस्वीर साफ तौर से बयां करती है कि बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था जमीनी स्तर पर बेहद नाजुक हालत में है. वैशाली के सहदेव बुजुर्ग प्रखंड के स्वास्थ्य केंद्र पर एक महिला का प्रसव मोबाइल टॉर्च की रोशनी में कराया गया.

वैशाली में मोबाइल की रोशनी में प्रसव : यही नहीं पानी के अभाव में परिजनों को खुद ही पानी भी लाना पड़ा. बताया गया कि सहदेवी बुजुर्ग प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के लिए आई महिलाओं का प्रसव बिजली नहीं होने पर रात में मोबाइल का टॉर्च जलाकर किया गया. साथ ही इस दौरान जो पानी लाया गया, वह भी महिलाओं के परिजन ही बाल्टी में लेकर पहुंचे.

वैशाली में मोबाइल की रोशनी में प्रसव (ETV Bharat)

जनरेटर-इनवर्टर सब फेल: यह घटना बुधवार (25 सितंबर) की देर शाम की बताई गई है, जिसका वीडियो सामने आया है. सहदेई बुजुर्ग नयागांव पश्चिमी पंचायत की दो महिलाएं प्रसव के लिए आई थीं. रात के 1:30 बजे से बिजली नहीं थी और सुबह तक बिजली गुल रही. इसके साथ ही अस्पताल में उपलब्ध जनरेटर इनवर्टर भी फेल हो गये.

परिजनों ने भरा पानी : इसी बीच तैयबपुर से आई महिला प्रसव पीड़ा से परेशान होने लगी. इस स्थिति में एएनएम कर्मियों और महिलाओं के साथ परिजनों ने मोबाइल की रोशनी दिखाई तब जाकर प्रसव कराया गया. प्रसव के बाद जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ है. इतना ही नहीं प्रसव के बाद अस्पताल में पानी भी नहीं था, जिसके बाद महिला के परिजनों ने ही बाल्टी में पानी भरकर अस्पताल में पहुंचाया.

मरीज के परिजन ने क्या कहा : इस विषय में पीड़ित महिला की प्रजनन बबीता कुमारी ने बताया कि हम लोग 4:00 बजे आए तो बिजली पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी. हम लोग पानी नीचे से लेकर के आय हैं. वहीं आशा कार्यकर्ता ने कहा कि बिजली नहीं थी इसलिए मोबाइल के टॉर्च का सहारा प्रसव के दौरान लेना पड़ा. इस बीच खबर है कि जब मामले प्रकाश में आया तो स्वास्थ्य अधिकारी अस्पताल पहुंचे और कहा कि ''जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी.''

"हम लोग 4:00 बजे आए तो बिजली पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी. हम लोग पानी नीचे से लेकर के आए. मोबाइल से लाइट जला कर काम हुआ."- बबीता, मरीज की परिजन

"टंकी में पानी नहीं था, बिजली नहीं थी. 1:30 बजे रात में लाइन कट गई थी. पेशेंट को 2:10 बजे टॉर्च के माध्यम से डिलीवरी कराया गया." - आशा कार्यकर्ता.

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वैशाली में मोबाइल की रोशनी में प्रसव : यही नहीं पानी के अभाव में परिजनों को खुद ही पानी भी लाना पड़ा. बताया गया कि सहदेवी बुजुर्ग प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के लिए आई महिलाओं का प्रसव बिजली नहीं होने पर रात में मोबाइल का टॉर्च जलाकर किया गया. साथ ही इस दौरान जो पानी लाया गया, वह भी महिलाओं के परिजन ही बाल्टी में लेकर पहुंचे.

वैशाली में मोबाइल की रोशनी में प्रसव (ETV Bharat)

जनरेटर-इनवर्टर सब फेल: यह घटना बुधवार (25 सितंबर) की देर शाम की बताई गई है, जिसका वीडियो सामने आया है. सहदेई बुजुर्ग नयागांव पश्चिमी पंचायत की दो महिलाएं प्रसव के लिए आई थीं. रात के 1:30 बजे से बिजली नहीं थी और सुबह तक बिजली गुल रही. इसके साथ ही अस्पताल में उपलब्ध जनरेटर इनवर्टर भी फेल हो गये.

परिजनों ने भरा पानी : इसी बीच तैयबपुर से आई महिला प्रसव पीड़ा से परेशान होने लगी. इस स्थिति में एएनएम कर्मियों और महिलाओं के साथ परिजनों ने मोबाइल की रोशनी दिखाई तब जाकर प्रसव कराया गया. प्रसव के बाद जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ है. इतना ही नहीं प्रसव के बाद अस्पताल में पानी भी नहीं था, जिसके बाद महिला के परिजनों ने ही बाल्टी में पानी भरकर अस्पताल में पहुंचाया.

मरीज के परिजन ने क्या कहा : इस विषय में पीड़ित महिला की प्रजनन बबीता कुमारी ने बताया कि हम लोग 4:00 बजे आए तो बिजली पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी. हम लोग पानी नीचे से लेकर के आय हैं. वहीं आशा कार्यकर्ता ने कहा कि बिजली नहीं थी इसलिए मोबाइल के टॉर्च का सहारा प्रसव के दौरान लेना पड़ा. इस बीच खबर है कि जब मामले प्रकाश में आया तो स्वास्थ्य अधिकारी अस्पताल पहुंचे और कहा कि ''जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी.''

"हम लोग 4:00 बजे आए तो बिजली पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी. हम लोग पानी नीचे से लेकर के आए. मोबाइल से लाइट जला कर काम हुआ."- बबीता, मरीज की परिजन

"टंकी में पानी नहीं था, बिजली नहीं थी. 1:30 बजे रात में लाइन कट गई थी. पेशेंट को 2:10 बजे टॉर्च के माध्यम से डिलीवरी कराया गया." - आशा कार्यकर्ता.

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