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सावधान! कहीं आप भी ना हो जाएं क्र‍िप्‍टो करेंसी में ऑनलाइन ट्रेड‍िंग में ठगी के श‍िकार, मह‍िला ने गंवाए 23.50 लाख - Cyber Crime racket busted In Delhi

Cyber Crime racket busted In Delhi: द‍िल्‍ली में साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. द‍िल्‍ली पुल‍िस की ओर से साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने और अपराध को अंजाम देने वाले अपराध‍ियों की धरपकड़ के ल‍िए हर ज‍िला स्‍तर पर साइबर पुल‍िस थाने बनाए गए हैं. इस कड़ी में नॉर्थ ईस्‍ट ज‍िला पुल‍िस अंतर्गत साइबर पुल‍िस थाना को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है.

साइबर ठग गिरफ्तार
साइबर ठग गिरफ्तार (Etv Bharat Reporter)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 15, 2024, 1:25 PM IST

नई द‍िल्‍ली: नॉर्थ ईस्‍ट ज‍िला पुल‍िस अंतर्गत साइबर पुल‍िस थाना ज्‍योत‍ि नगर ने करीब 23.50 लाख रुपए से ज्‍यादा की धोखाधड़ी के एक बड़े मामले को सुलझाने में कामयाबी हास‍िल की है. साइबर पुल‍िस थाना टीम ने इस मामले में एक बड़े जालसाज को ग‍िरफ्तार क‍िया है ज‍िसकी पहचान व‍िजय पार्क, मौजपुर, द‍िल्‍ली न‍िवासी मोहम्मद दाउद (29) के रूप में की गई है. टीम ने आरोपी के कब्‍जे से 1 राउटर, 17 सिम कार्ड, 11 डेबिट कार्ड, 4 बैंक पासबुक, 15 चेक बुक, 2 स्टांप, 1 पैन कार्ड, 1 स्मार्टफोन और ठगी गई रकम का कुछ हिस्सा 8.55 लाख रुपए बरामद किया गया है.

आईसीआईसीआई बैंक के कथित खाते में उपलब्ध राश‍ि को फ्रीज करवा द‍िया गया है. नॉर्थ ईस्‍ट ज‍िला पुल‍िस डीसीपी डॉ. जॉय ट‍िर्की ने बताया क‍ि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जर‍िये शेयर मार्केट में इन्‍वेस्‍टमेंट करके अच्छा रिटर्न देने के नाम पर एक मह‍िला से धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया था. द‍िल्‍ली के उस्‍मानपुर इलाके की रहने वाली 32 वर्षीय मह‍िला पायल पांडे की तरफ से गत 10 अप्रैल, 2024 को शिकायत दर्ज करायी गई थी क‍ि उसके साथ करीब 23.50 लाख रुपए से ज्‍यादा की धोखाधड़ी हो गई है. इसके बाद साइबर पुल‍िस थाना में आईपीसी की धारा 419/420 के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई.

क्र‍िप्‍टो करेंसी में ऑनलाइन ट्रेड‍िंग में ठगी: पीड़‍िता ने बताया क‍ि वह इंस्टाग्राम पर क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग कर ज्‍यादा मुनाफा कमाने का लिंक देखकर झांसे में आ गई थी. इसके बाद वह टेलीग्राम से जुड़ी जहां उसे अज्ञात आईडी से कॉल आए जिन्होंने उन्हें बिनेंस कंपनी के प्रतिनिधि के रूप में पेश किया था. इस जालसाजी के मामले को ज‍िले साइबर पुल‍िस थाने ने गंभीरता से ल‍िया. इस मामले को जल्‍द से जल्‍द पर्दाफाश करने और आरोपी को पकड़ने के ल‍िए एसीपी/ऑपरेशंस की देखरेख में साइबर पुल‍िस थाना एसएचओ व‍िजय कुमार के नेतृत्‍व में एक समर्प‍ित टीम का गठन क‍िया गया ज‍िसमें सब-इंस्‍पेक्‍टर मोहित, कांस्‍टेबल कपिल और दीपक का शाम‍िल क‍िया गया.

डीसीपी ने बताया क‍ि साइबर पुल‍िस ने इस मामले पर त्‍वर‍ित कार्रवाई करते हुए मामले की जांच शुरू की. इस धोखाधड़ी के मामले में एक आरोपी को ग‍िरफ्तार क‍िया गया है ज‍िसके पास से जालसाजी को अंजाम देने में इस्‍तेमाल क‍िए जाने वाले सामान को भी बरामद क‍िया गया. पुल‍िस ने ठगी की रकम में से आईसीआईसीआई बैंक के कथित खाते में जमा 8,55,000 रुपये को फ्रीज करा द‍िया है. धोखाधड़ी की बाकी राशि को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर क‍िया गया था. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से शेयर बाजार में निवेश करके अच्छा रिटर्न पाने के बहाने पीड़ित को धोखा दिया गया था. शात‍िर आरोपी ने खुद की पहचान छुपाने के ल‍िए शिकायतकर्ता को दूसरो के वाईफाई नेटवर्क का इस्‍तेमाल करके टेलीग्राम के जर‍िये रैंडम कॉल की गईं. आरोपी ने आसानी से पैसा कमाने के चक्‍कर में अपराध के इस रास्‍ते को अपनाया था ज‍िससे क‍ि वो शानदार जीवन जी सके.

फर्स्‍ट इन्‍वेस्‍टमेंट पर अच्‍छा र‍िटर्न देकर जीता पीड़‍िता का व‍िश्‍वास: पीड़‍ित मह‍िला ने इंस्‍टाग्राम पर प्रभाव‍ित करने वाले एक ल‍िंक को देकर क्रिप्‍टो करेंसी में ट्रेड‍िंग का मन बना ल‍िया और वह टेलीग्राम से जुड़ गई. यहां से पीड़‍िता को अज्ञात आईडी से कॉल आए जिन्होंने पीड़‍िता को बताया क‍ि वो ब‍िनेंस कंपनी के प्रतिनिधि के रूप में बात कर रहे हैं. जालसाज ने पीड़‍िता को पहले शुरुआत में 1,000 रुपए का छोटा इन्‍वेस्‍टमेंट कराकर व‍िश्‍वास जीतने के ल‍िए 1,300 रुपए का र‍िटर्न द‍िया. मह‍िला इसके बाद झांसे में आती गईं और उसने कई इन्‍वेस्‍टमेंट और क‍िए. इसके बाद उसका अकाउंट फ्रीज हो गया ज‍िससे वह घबरा गईं. उसको ट्रेड‍िंग करने को और इन्‍वेस्‍टमेंट करने के ल‍िए कहा गया.

इसके बाद उसको 15 लाख रुपए का लोन लेने का मजबूर क‍िया गया ज‍िससे क‍ि उसके सभी फंड को अनब्‍लॉक क‍िया जा सके. इस सबके बाद श‍िकायतकर्ता ने करीब 23.50 लाख रुपए ट्रांसफर कर द‍िए. इसके दो द‍िन बाद श‍िकायतकर्ता को होम बैंक ब्रांच से कॉल र‍िसीव होती है और इतने बड़े लेने का कारण पूछा जाता है. अधिकारी की तरफ से उसको सूचित किया गया क‍ि ज‍िन अकाउंट्स से उसने लेन-देन किया है वे सभी दोषपूर्ण हैं और उसे ऐसे लेन-देन बंद कर देने चाहिए. इसके बाद पीड़‍िता का एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हो गई है.

एक द‍िन में अकाउंट में हुई करीब 1.4 करोड़ की लेन-देन: इस मामले की जांच में जुटी टीम ने टेक्‍नीकल सर्व‍िलांस के जर‍िए पता लगाया क‍ि धोखाधड़ी की पूरी राशि 11 अलग-अलग बैंकों में जमा की गई थी जिनमें से मेरठ के आईसीआईसीआई शाखा के एक कॉर्पोरेट बैंक खाते में 9,64,000/- रुपये जमा किए गए थे. इस अकाउंट को स‍िर्फ ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के रूप में ही ऑपरेट क‍िया जा रहा था. जांच पड़ताल के दौरान पता चला क‍ि इस अकाउंट से एक द‍िन में करीब 1.4 करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ. इस सब के बाद साइबर टीम ने इस अकाउंट के डेब‍िट लेनदेन के आईपी लॉग का पता लगाया जोक‍ि द‍िल्‍ली के मौजपुर इलाके में एक क‍िराये की जगह का म‍िला. टेक्‍नीकल जांच और सर्व‍िलांस के बाद उक्‍त जगह पर रेड डाली गई जहां से एक शख्‍स मोहम्मद दाउद पुत्र मोहम्मद अयूब सिद्दीकी को पकड़ा गया. उसके पास से जालसाजी में इस्‍तेमाल की जाने वाल तमाम चीजों को बरामद क‍िया गया. धोखाधड़ी की रकम को अलग-अलग लोगों की मदद से दूसरे खातों में ट्रांसफर क‍िया गया. पुल‍िस की लगातार पूछताछ के बाद आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर ल‍िया.

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मात्र 10 रुपए देकर वाईफाई राउटर के जर‍िए करता था इंटरनेट का यूज: आरोपी ने खुलासा किया कि वह अपने सहयोगियों के साथ उत्तर पूर्वी दिल्ली के मौजपुर क्षेत्र के मौजूदा वाईफाई उपयोगकर्ताओं के माध्यम से केवल 10 रुपये का भुगतान करके रेंडमली तरीके से VIOM नेटवर्क से जुड़ता था. दरअसल, VIOM की ओर से किसी भी वाईफाई राउटर के जर‍िए 10 रुपए के भुगतान से इंटरनेट से जुड़ने की सुविधा प्रदान की जाती है. आरोपी ने इंटरनेट की इस वाईफाई सुव‍िधा का इस्‍तेमाल अपने अपराध को अंजाम देने के ल‍िए क‍िया.

अकाउंट में द‍िए पतों पर नहीं म‍िला कोई: आरोपी ने पीड़‍ित मह‍िला पायल पांडे को अपने फर्जी निवेश पोर्टफोलियो पोर्टल hotdhes.net में निवेश करने का प्रलोभन दिया था. धोखाधड़ी वाली रकम को 11 बैंकों में ट्रांसफर करने के बाद अकाउंट होल्‍डर का पता तलाश गया तो मालूम हुआ क‍ि वो उन जगहों को छोड़ चुका है. लेक‍िन इनमें से एक लाभार्थी के बैंक अकाउंट का पता चला जोक‍ि सनराइज ट्रेडिंग कंपनी से जुड़ा अकाउंट था ज‍िसमें 9,64,000 रुपए जमा थे. इसके अकाउंट होल्‍डर जमीर अहमद निवासी मेरठ, यूपी का पता नहीं चल सका है. पूछताछ करने पर पता चला कि उक्त खाता आरोपी मोहम्मद दाउद की ओर से धोखाधड़ी की गई राशि को जमा करने के लिए जालसाजों को प्रदान किया गया था.

आरोपी को हर ट्रांजेक्‍शन पर म‍िलता था भारी कमीशन: आरोपी मोहम्मद दाउद को उक्त खाते में किए गए हर ट्रांजेक्‍शन पर भारी कमीशन का लाभ मिलता था. जानकारी म‍िली क‍ि इस उक्त बैंक खाते में 20 मार्च, 2024 को स‍िर्फ एक द‍िन में 1 करोड़ 44 लाख रुपये जमा किये गये थे. ठगी के कमीशन वो अपनी लग्‍जरी लाइफ पर खर्च कि‍या करता है. उसने यह भी खुलासा किया कि जालसाजी का यह गोरखधंधा उसने एक साल पहले अपने सहयोग‍ियों के साथ शुरू क‍िया था. पुल‍िस के मुताब‍िक, आरोपी ने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है और एक नामी कंपनी में द‍िलशाद गार्डन इलाके में सेल्स एक्जीक्यूटिव के रूप में काम कर चुका है. पुल‍िस आरोपी के बाकी सहयोग‍ियों की तलाश में जुट गई है और उसकी दूसरी संल‍िप्‍तताओं का भी पता लगा रही है.

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नई द‍िल्‍ली: नॉर्थ ईस्‍ट ज‍िला पुल‍िस अंतर्गत साइबर पुल‍िस थाना ज्‍योत‍ि नगर ने करीब 23.50 लाख रुपए से ज्‍यादा की धोखाधड़ी के एक बड़े मामले को सुलझाने में कामयाबी हास‍िल की है. साइबर पुल‍िस थाना टीम ने इस मामले में एक बड़े जालसाज को ग‍िरफ्तार क‍िया है ज‍िसकी पहचान व‍िजय पार्क, मौजपुर, द‍िल्‍ली न‍िवासी मोहम्मद दाउद (29) के रूप में की गई है. टीम ने आरोपी के कब्‍जे से 1 राउटर, 17 सिम कार्ड, 11 डेबिट कार्ड, 4 बैंक पासबुक, 15 चेक बुक, 2 स्टांप, 1 पैन कार्ड, 1 स्मार्टफोन और ठगी गई रकम का कुछ हिस्सा 8.55 लाख रुपए बरामद किया गया है.

आईसीआईसीआई बैंक के कथित खाते में उपलब्ध राश‍ि को फ्रीज करवा द‍िया गया है. नॉर्थ ईस्‍ट ज‍िला पुल‍िस डीसीपी डॉ. जॉय ट‍िर्की ने बताया क‍ि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जर‍िये शेयर मार्केट में इन्‍वेस्‍टमेंट करके अच्छा रिटर्न देने के नाम पर एक मह‍िला से धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया था. द‍िल्‍ली के उस्‍मानपुर इलाके की रहने वाली 32 वर्षीय मह‍िला पायल पांडे की तरफ से गत 10 अप्रैल, 2024 को शिकायत दर्ज करायी गई थी क‍ि उसके साथ करीब 23.50 लाख रुपए से ज्‍यादा की धोखाधड़ी हो गई है. इसके बाद साइबर पुल‍िस थाना में आईपीसी की धारा 419/420 के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई.

क्र‍िप्‍टो करेंसी में ऑनलाइन ट्रेड‍िंग में ठगी: पीड़‍िता ने बताया क‍ि वह इंस्टाग्राम पर क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग कर ज्‍यादा मुनाफा कमाने का लिंक देखकर झांसे में आ गई थी. इसके बाद वह टेलीग्राम से जुड़ी जहां उसे अज्ञात आईडी से कॉल आए जिन्होंने उन्हें बिनेंस कंपनी के प्रतिनिधि के रूप में पेश किया था. इस जालसाजी के मामले को ज‍िले साइबर पुल‍िस थाने ने गंभीरता से ल‍िया. इस मामले को जल्‍द से जल्‍द पर्दाफाश करने और आरोपी को पकड़ने के ल‍िए एसीपी/ऑपरेशंस की देखरेख में साइबर पुल‍िस थाना एसएचओ व‍िजय कुमार के नेतृत्‍व में एक समर्प‍ित टीम का गठन क‍िया गया ज‍िसमें सब-इंस्‍पेक्‍टर मोहित, कांस्‍टेबल कपिल और दीपक का शाम‍िल क‍िया गया.

डीसीपी ने बताया क‍ि साइबर पुल‍िस ने इस मामले पर त्‍वर‍ित कार्रवाई करते हुए मामले की जांच शुरू की. इस धोखाधड़ी के मामले में एक आरोपी को ग‍िरफ्तार क‍िया गया है ज‍िसके पास से जालसाजी को अंजाम देने में इस्‍तेमाल क‍िए जाने वाले सामान को भी बरामद क‍िया गया. पुल‍िस ने ठगी की रकम में से आईसीआईसीआई बैंक के कथित खाते में जमा 8,55,000 रुपये को फ्रीज करा द‍िया है. धोखाधड़ी की बाकी राशि को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर क‍िया गया था. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से शेयर बाजार में निवेश करके अच्छा रिटर्न पाने के बहाने पीड़ित को धोखा दिया गया था. शात‍िर आरोपी ने खुद की पहचान छुपाने के ल‍िए शिकायतकर्ता को दूसरो के वाईफाई नेटवर्क का इस्‍तेमाल करके टेलीग्राम के जर‍िये रैंडम कॉल की गईं. आरोपी ने आसानी से पैसा कमाने के चक्‍कर में अपराध के इस रास्‍ते को अपनाया था ज‍िससे क‍ि वो शानदार जीवन जी सके.

फर्स्‍ट इन्‍वेस्‍टमेंट पर अच्‍छा र‍िटर्न देकर जीता पीड़‍िता का व‍िश्‍वास: पीड़‍ित मह‍िला ने इंस्‍टाग्राम पर प्रभाव‍ित करने वाले एक ल‍िंक को देकर क्रिप्‍टो करेंसी में ट्रेड‍िंग का मन बना ल‍िया और वह टेलीग्राम से जुड़ गई. यहां से पीड़‍िता को अज्ञात आईडी से कॉल आए जिन्होंने पीड़‍िता को बताया क‍ि वो ब‍िनेंस कंपनी के प्रतिनिधि के रूप में बात कर रहे हैं. जालसाज ने पीड़‍िता को पहले शुरुआत में 1,000 रुपए का छोटा इन्‍वेस्‍टमेंट कराकर व‍िश्‍वास जीतने के ल‍िए 1,300 रुपए का र‍िटर्न द‍िया. मह‍िला इसके बाद झांसे में आती गईं और उसने कई इन्‍वेस्‍टमेंट और क‍िए. इसके बाद उसका अकाउंट फ्रीज हो गया ज‍िससे वह घबरा गईं. उसको ट्रेड‍िंग करने को और इन्‍वेस्‍टमेंट करने के ल‍िए कहा गया.

इसके बाद उसको 15 लाख रुपए का लोन लेने का मजबूर क‍िया गया ज‍िससे क‍ि उसके सभी फंड को अनब्‍लॉक क‍िया जा सके. इस सबके बाद श‍िकायतकर्ता ने करीब 23.50 लाख रुपए ट्रांसफर कर द‍िए. इसके दो द‍िन बाद श‍िकायतकर्ता को होम बैंक ब्रांच से कॉल र‍िसीव होती है और इतने बड़े लेने का कारण पूछा जाता है. अधिकारी की तरफ से उसको सूचित किया गया क‍ि ज‍िन अकाउंट्स से उसने लेन-देन किया है वे सभी दोषपूर्ण हैं और उसे ऐसे लेन-देन बंद कर देने चाहिए. इसके बाद पीड़‍िता का एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हो गई है.

एक द‍िन में अकाउंट में हुई करीब 1.4 करोड़ की लेन-देन: इस मामले की जांच में जुटी टीम ने टेक्‍नीकल सर्व‍िलांस के जर‍िए पता लगाया क‍ि धोखाधड़ी की पूरी राशि 11 अलग-अलग बैंकों में जमा की गई थी जिनमें से मेरठ के आईसीआईसीआई शाखा के एक कॉर्पोरेट बैंक खाते में 9,64,000/- रुपये जमा किए गए थे. इस अकाउंट को स‍िर्फ ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के रूप में ही ऑपरेट क‍िया जा रहा था. जांच पड़ताल के दौरान पता चला क‍ि इस अकाउंट से एक द‍िन में करीब 1.4 करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ. इस सब के बाद साइबर टीम ने इस अकाउंट के डेब‍िट लेनदेन के आईपी लॉग का पता लगाया जोक‍ि द‍िल्‍ली के मौजपुर इलाके में एक क‍िराये की जगह का म‍िला. टेक्‍नीकल जांच और सर्व‍िलांस के बाद उक्‍त जगह पर रेड डाली गई जहां से एक शख्‍स मोहम्मद दाउद पुत्र मोहम्मद अयूब सिद्दीकी को पकड़ा गया. उसके पास से जालसाजी में इस्‍तेमाल की जाने वाल तमाम चीजों को बरामद क‍िया गया. धोखाधड़ी की रकम को अलग-अलग लोगों की मदद से दूसरे खातों में ट्रांसफर क‍िया गया. पुल‍िस की लगातार पूछताछ के बाद आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर ल‍िया.

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मात्र 10 रुपए देकर वाईफाई राउटर के जर‍िए करता था इंटरनेट का यूज: आरोपी ने खुलासा किया कि वह अपने सहयोगियों के साथ उत्तर पूर्वी दिल्ली के मौजपुर क्षेत्र के मौजूदा वाईफाई उपयोगकर्ताओं के माध्यम से केवल 10 रुपये का भुगतान करके रेंडमली तरीके से VIOM नेटवर्क से जुड़ता था. दरअसल, VIOM की ओर से किसी भी वाईफाई राउटर के जर‍िए 10 रुपए के भुगतान से इंटरनेट से जुड़ने की सुविधा प्रदान की जाती है. आरोपी ने इंटरनेट की इस वाईफाई सुव‍िधा का इस्‍तेमाल अपने अपराध को अंजाम देने के ल‍िए क‍िया.

अकाउंट में द‍िए पतों पर नहीं म‍िला कोई: आरोपी ने पीड़‍ित मह‍िला पायल पांडे को अपने फर्जी निवेश पोर्टफोलियो पोर्टल hotdhes.net में निवेश करने का प्रलोभन दिया था. धोखाधड़ी वाली रकम को 11 बैंकों में ट्रांसफर करने के बाद अकाउंट होल्‍डर का पता तलाश गया तो मालूम हुआ क‍ि वो उन जगहों को छोड़ चुका है. लेक‍िन इनमें से एक लाभार्थी के बैंक अकाउंट का पता चला जोक‍ि सनराइज ट्रेडिंग कंपनी से जुड़ा अकाउंट था ज‍िसमें 9,64,000 रुपए जमा थे. इसके अकाउंट होल्‍डर जमीर अहमद निवासी मेरठ, यूपी का पता नहीं चल सका है. पूछताछ करने पर पता चला कि उक्त खाता आरोपी मोहम्मद दाउद की ओर से धोखाधड़ी की गई राशि को जमा करने के लिए जालसाजों को प्रदान किया गया था.

आरोपी को हर ट्रांजेक्‍शन पर म‍िलता था भारी कमीशन: आरोपी मोहम्मद दाउद को उक्त खाते में किए गए हर ट्रांजेक्‍शन पर भारी कमीशन का लाभ मिलता था. जानकारी म‍िली क‍ि इस उक्त बैंक खाते में 20 मार्च, 2024 को स‍िर्फ एक द‍िन में 1 करोड़ 44 लाख रुपये जमा किये गये थे. ठगी के कमीशन वो अपनी लग्‍जरी लाइफ पर खर्च कि‍या करता है. उसने यह भी खुलासा किया कि जालसाजी का यह गोरखधंधा उसने एक साल पहले अपने सहयोग‍ियों के साथ शुरू क‍िया था. पुल‍िस के मुताब‍िक, आरोपी ने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है और एक नामी कंपनी में द‍िलशाद गार्डन इलाके में सेल्स एक्जीक्यूटिव के रूप में काम कर चुका है. पुल‍िस आरोपी के बाकी सहयोग‍ियों की तलाश में जुट गई है और उसकी दूसरी संल‍िप्‍तताओं का भी पता लगा रही है.

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