मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: पहाड़ की चोटी पर बना सिद्धा बाबा धाम आज भक्तों और पर्यटकों की पहली पसंद बन गया है. सिद्ध बाबा धाम पर आने वाले भक्तों की जहां मुरादें पूरी होती हैं वहीं यहां की सुंदरता लोगों का दिल जीत लेती है. रायपुर शहर से करीब 470 किलोमीटर की दूरी पर बसा भरतपुर है. भरतपुर में ही सिद्ध बाबा धाम है. यहां बाबा कभी नाग देवता बनकर तो कभी बाबा के रूप में भक्तों को दर्शन देते हैं.
सर्प रूप में बाबा देते हैं दर्शन: मान्यता है कि बाबा कभी सांप के रूप में भक्तों के सामने आते हैं तो कभी बाबा के रुप में भक्तों को दर्शन देते हैं. कई धार्मिक मान्यताओं को लेकर ये मंदिर अब पूरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध हो गया है. भक्तों का कहना है कि मंदिर और बाबा की दैवीय शक्ति यहां विराजमान है. जो भी भक्त सच्चे मन से प्रार्थना करता है उसकी मंगलकामना जरूर पूरी होती है. बताया जाता है कि पहले यहां पहुंचने के लिए कच्ची सड़क भी नहीं थी. लेकिन लोगों की यहां पहुंचने की बढ़ती संख्या को देखते हुए सड़क बनाई गई.
रोड जब बन रहा था तो गाड़ी आगे नहीं बढ़ रही थी. सिद्द बाबा की पूजा करने के बाद गाड़ियां निकलने लगी. तब से सिद्द बाबा की पूजा करते आ रहे हैं. बाबा कभी कभी सांप के रूप में दर्शन भी देते हैं. -राजाराम, भक्त
सिद्ध बाबा नाग देवता के रूप में दर्शन देते हैं. भजन, रामायण के साथ भंडारा भी किया जाता है. यहां पानी और लाइट की समस्या है. ये सुविधा मिल जाएगी तो और अच्छा रहेगा. -जयप्रकाश, भक्त
पर्यटकों की पहली पसंद बना बाबा धाम: इलाके का प्राकृतिक सौंदर्य कुछ ऐसा है कि पर्यटक बार बार यहां आने से खुद को रोक नहीं पाते. पहाड़ के ऊपर से नीचे का नजारा शानदार नजर आता है. मीलों लंबी खेतों में फैली फसल की हरियाली हरी चादर जैसी नजर आती है. पिकनिक स्पॉट के रूप में भी अब ये इलाका डेवलप होता जा रहा है.
दर्शनीय स्थल है, जो पहाड़ों से चारों तरफ से घिरा हुआ है. जहां जटाधारी नागराज बाबा विराजमान हैं. नागपंचमी के दिन या किसी भी दिन वो दर्शन देते हैं. भाग्यशाली लोगों को ही सिद्ध बाबा के दर्शन मिलते हैं. -संतोष कुमार सिंह, पर्यटक
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व: मंदिर के ऐतिहासिक होने के प्रमाण भी शिलालेख के रूप में मिले हैं. शिलालेख ये बताते हैं कि मंदिर का अपना प्राचीन महत्व भी है. आदिवासी बहुल इलाका होने के चलते आदिवासी समुदाय के लोग मंदिर के आस पास रहते हैं. मंदिर को लेकर उनकी भी मान्यताएं जुड़ी हैं.
पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करने की मांग: लोगों की लंबे वक्त से मांग रही है कि मंदिर वाले इलाके को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाए. लोग बड़ी संख्या में यहां आते है लिहाजा वो चाहते हैं कि सुरक्षा के साथ साथ कुछ बुनियादी सुविधाएं यहां बढ़ जाएं तो और बेहतर होगा. नाग पंचमी के मौके पर और विजयादशमी के दिन यहां भारी भीड़ भक्तों की लगती है.