नूंह: देश के लगभग सभी राज्यों में अब मौसम में बदलाव होने लगा है. कई राज्यों में सर्दी का सितम शुरू हो गया है. बदलते मौसम के साथ अब अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है. इन दिनों सर्दी, खांसी, बुखार से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ गई है. बदलते मौसम के चलते सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग प्रभावित हो रहे हैं. रेस्पिरेटरी डिजीज के मरीजों की संख्या भी काफी तेजी से बढ़ती नजर आ रही है. डॉक्टरों के अनुसार बच्चों और बुजुर्गों का इस बदलते मौसम में विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. इन दिनों खासकर खान-पान पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी जा रही है.
बढ़ गई ठंड : उत्तर भारत में तेज ठंडी हवाओं ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. पहाड़ी इलाकों में गिरती बर्फ ने मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ा दी है. दिन-रात के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है. नूंह जिले में अधिकतम तापमान 22 डिग्री और न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज हुआ है. इस अचानक बदले मौसम की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है. सर्दी, जुकाम, बुखार आदि बीमारी के मरीजों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
जानें क्या कहना है डॉक्टर का : डॉक्टर विशाल सिंगला डिप्टी सिविल सर्जन नूंह ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि कड़ाके की ठंड की वजह से सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार के मरीजों में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में उन्होंने कुछ हेल्थ रिलेटेड प्वाइंटस सामने रखें.
- बच्चों व बुजुर्गों को ठंड से बचाकर रखें.
- शरीर को पूरी तरह ढक कर रखें.
- सिर, छाती इत्यादि पर विशेष ध्यान दें.
- दोपहिया वाहन चलाते समय पूरे शरीर को अच्छी तरह से ढक कर रखें.
- रात के समय घर से बाहर निकलने की कोशिश ना करें.
- बुजुर्गों व बच्चों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.
- रात्रि के समय घर में अंगीठी इत्यादि बिल्कुल भी ना जलाएं. इससे स्वास्थ्य पर गलत असर पड़ सकता है.
गर्म तासीर का भोजन करें : डॉक्टर विशाल सिंगला ने कहा कि आने वाले समय में प्रचंड ठंड देखने को मिल सकती है. लिहाजा शरीर पर गर्म कपड़े पहनने के साथ-साथ खान-पान पर भी विशेष ध्यान दें, ताकि ऐसे पदार्थ खाने से शरीर ठंड को बर्दाश्त करने की क्षमता रखें और बीमार होने से इंसान बच सके.
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